IPS-IAS: छत्तीसगढ़ में गजब का सिस्टम: सीनियर IPS का भाग्य लिख रहे जूनियर IAS, जानिए..क्या है पूरा मामला
1 min readIPS-IAS: रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में वरिष्ठ आईएएस अफसर का भाग्य जूनियर आईएएस अफसरों के हाथों में है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, यह जानने से पहले यह समझ लीजिए कि दोनों सेवा के अफसरों का चयन कैसे होता है।
देश का पूरा प्रशासनिक सिस्टम चलाने वाले आईएएस और आईपीएफ एक ही तरीके और परीक्षा से चुन कर आते हैं। दोनों कैडर के अफसर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के जरिये चुने जाते हैं। परीक्षा में शामिल हजारों में से केवल कुछ सौ लोगों का ही चयन होता है। मैरिट सूची में टॉप पर रहने वालों को आईएएस और उसके बाद के लोगों को आईपीएस बनते हैं।
IPS-IAS: कई ऐसे मामले भी हैं जिनमें मैरिट सूची में टॉप पर रहने वाले जो आईएएस बन सकते हैं, लेकिन आईपीएस बन जाते हैं। यह बताने के पीछे मक्सद यह समझाना है कि दोनों ही सेवा एक समान है। दोनों में से किसी भी सेवा को कम या ज्यादा नहीं कहा जा सकता।
सीनियर चाहे वह आईएएस हो या आईपीएस वह सीनियर ही माना जाएगा, चाहें किसी भी सेवा का अफसर हो। इस बात का ध्यान केंद्र और राज्य सरकारें भी रखती हैं। यही वजह है कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्यों में डीजीपी का पद मुख्य सचिव से जनियर आईपीएस को ही दिया जाता है, क्योंकि मुख्य सचिव पूरे प्रशासनिक सिस्टम का चीफ होता है।
IPS-IAS: बहरहाल, अब अपने मूल बात पर लौटते हैं और बताते हैं कि कैसे छत्तीसगढ़ में जूनियर आईएएस, सीनियर आईपीएस का भाग्य लिख रहे हैं। तो इस बात को समझने से पहले इसकी एक अहम कड़ी को जान लीजिए। वह कड़ी है एसीआर, यानी वार्षिक गोपनीय चरित्रावली।
पदोन्नति से लेकर पदस्थापना तक में एसीआर का बड़ा महत्व होता है। एसीआर देख कर रही केंद्र सरकार प्रतिनियुक्ति की अनुमति देती है। मुख्य सचिव और डीजीपी के पद पर नियुक्ति भी एसीआर के आधार पर होती है।
एसीआर हमेशा वरिष्ठ अफसर लिखते हैं। जिलों में कलेक्टर का पद वरिष्ठ होता है। ऐसे में पुलिस अधीक्षक के एसीआर पर आईजी से पहले कलेक्टर साइन करते हैं।
राज्य में यहीं पर गड़बड़ी है। प्रदेश के ऐसे 13 जिले हैं, जहां के कलेक्टर पुलिस अधीक्ष से जूनियर बैच के हैं। दो जिले तो ऐसे हैं, जहां के कलेक्टर एसपी से 7 साल जूनियर हैं। एसपी साहब के बैच मैट डीआईजी रैंक पर पहुंच गए हैं।
जानिए.. ऐसे जहां एसपी से जूनियर हैं कलेक्टर
छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से केवल चार जिले ऐसे हैं, जहां कलेक्टर और एसपी एक बैच के हैं। एक जिला में एसपी राज्य पुलिस सेवा के हैं, वे आईपीएस नहीं है। 13 जिलों में कलेक्टर एसपी से जूनियर बैच के हैं।
सबसे ज्यादा अंतर गरियाबंद जिला में है। वहां के एसपी 2009 बैच के हैं, जबकि कलेक्टर 2016 बैच के हैं। इसी तरह सूरजपुर के एसपी 2010 बैच के हैं और कलेक्टर 2017 बैच के हैं। मुंगेली में यह अंतर 3 साल का है। इसी तरह बाकी जिलों में भी एक से 2 साल का अंतर है।
IPS-IAS: कुछ साल पहले इसको लेकर हुआ था विवाद
एसपी से जूनियर रैंक के अफसरों को कलेक्टर बनाए जाने को लेकर कुछ साल पहले भी विवाद हुआ था। कुछ आईपीएस अफसरों ने एसोसिएशन के जरिये सरकार के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। इस पर तुरंत तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने इसे काफी हद तक ठीक कर दिया था।
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मनेन्द्रगढ़ | डी. राहुल वेंकट | 2015 | चन्द्रमोहन सिंह | 2014 |
कोरिया | चंदन संजय त्रिपाठी | 2016 | सूरज सिंह परिहार | 2015 |
सूरजपुर | रोहित व्यास | 2017 | एम. आर. अहिरे | 2010 |
बलरामपुर | रिमिजयुस एक्का | 2011 | राजेश अग्रवाल | 2012 |
सरगुजा | विलास संदिपान | 2011 | योगेश पटेल | 2018 |
जशपुर | रवि मित्तल | 2016 | शशि मोहन सिंह | 2012 |
रायगढ़ | कार्तिकेय गोयल | 2010 | दिव्यांग कुमार पटेल | 2014 |
सारंगढ़ | धर्मेश कुमार साहू | 2010 | पुष्कर शर्मा | 2018 |
कोरबा | अजीत वसंत | 2013 | सिध्दार्थ तिवारी | 2015 |
गौरेला | लीना कमलेश मंडावी | 2016 | भावना गुप्ता | 2014 |
बिलासपुर | अवनीश शरण | 2009 | रजनेश सिंह | 2012 |
मुंगेली | राहुल देव | 2016 | भोजराम पटेल | 2013 |
जांजगीर | आकाश छिकारा | 2017 | विवेक शुक्ला | 2012 |
सक्ती | अमृत विकास तोपनो | 2014 | अंकिता शर्मा | 2018 |
महासमुंद | विनय कुमार | 2016 | अशुतोष सिंह | 2012 |
बलौदाबाजार | दीपक सोनी | 2011 | विजय अग्रवाल | 2012 |
रायपुर | गौरव कुमार सिंह | 2013 | संतोष कुमार सिंह | 2011 |
गरियाबंद | दीपक अग्रवाल | 2016 | ऐ. तुकाराम काम्बले | 2009 |
धमतरी | नम्रता गांधी | 2013 | आंजनेय वार्ष्णेय | 2018 |
बालोद | इन्द्रजीत सिंह | 2013 | सरजू राम भगत | राज्य सेवा |
दुर्ग | ऋचा प्रकाश चौधरी | 2014 | जितेन्द्र शुक्ला | 2013 |
बेमेतरा | रणबीर शर्मा | 2012 | रामकृष्ण साहू | 2012 |
कबीरधाम | जन्मेजय महोबे | 2011 | डॉ. अभिषेक पल्लव | 2013 |
खैरागढ़ | चंद्रकांत वर्मा | 2017 | त्रिलोक बंसल | 2016 |
राजनांदगांव | संजय अग्रवाल | 2012 | मोहित गर्ग | 2013 |
मोहला | एस.जयवर्धन | 2014 | रत्ना सिंह | 2019 |
कांकेर | नीलेश कुमार महादेव | 2011 | इंदिरा कल्याण एलेसेला | 2011 |
कोण्डागांव | कुणाल दुदावत | 2017 | येदुवेल्ली अक्षय कुमार | 2018 |
नारायणपुर | बिपिन मांझी | 2009 | प्रभात कुमार | 2019 |
बस्तर | हरीष एस. | 2015 | शलभ कुमार सिन्हा | 2014 |
दंतेवाडा | मयंक चतुर्वेदी | 2017 | गौरव रामप्रवेश राय | 2019 |
बीजापुर | संबित मिश्रा | 2018 | जितेन्द्र कुमार यादव | 2018 |
सुकमा | देवेश कुमार ध्रुव | 2018 | चौहान किरण गंगाराम | 2018 |
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