इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान सीखा रहा सुरक्षति वाहन चलाना
1 min readछत्तीसगढ़ में वाहन चालन कौशल में वृद्धि और सुरक्षित यातायात के लिए नवा रायपुर में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान काफी मददगार साबित हो रहा है।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में आधुनिकतम तकनीक
परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन एवं मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 20 एकड के क्षेत्रफल में विशेष ड्राइविंग ट्रैन से ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की योजना कार्यान्वित हुई। उल्लेखनीय है कि 9 दिसंबर 2022 इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च, नवा रायपुर सीजी का पहला स्थापना दिवस है। परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड का एक संयुक्त उद्यम नवा रायपुर में 19 करोड़ के कुल निवेश के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड के तहत स्थापित किया गया है। अत्याधुनिक, वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया गया ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल बेहतर रोजगार के लिए सड़क सुरक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए यह संस्थान स्थापित है।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग प्रशिक्षण सुविधा की सख्त जरूरत
स संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में राष्ट्रव्यापी मृत्यु दर में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई यानी 133201 से 155622 हो गई। छत्तीसगढ़ राज्य में भी मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई और वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 5375 मौतें हुईं। दुर्घटनाओं की संख्या सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की तुलना में लगभग 3 गुना थी। सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए आईडीटीआर छत्तीसगढ़ जैसी मॉडल ड्राइविंग प्रशिक्षण सुविधा की सख्त जरूरत थी और इसकी स्थापना की गई।
इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग में अब तक 1200 से ज्यादा ट्रेनिंग
विजन जीरो दुर्घटनाओं के साथ, सड़क सुरक्षा शिक्षा के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक IDTR ने अपना संचालन शुरू किया। यहां नए और अनुभवी दोनों तरह के वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिया गया। IDTR में एकवर्ष में करीब 12000 वाहन चालाकों काे प्रशिक्षित किया गया है।
एक हजार स्कूल वाहन चालकों को भी दी गई ट्रेनिंग
संस्थान में एक हजार 151 स्कूल वाहन चालकों को भी प्रशिक्षत दिया गया है। आईडीटीआर में रिफ्रेशर कोर्स भी चलाया जाता है। अभी तक 10 हजार से ज्यादा भारी वाहन चालक यह कोर्स कर चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सुरक्षित वाहन चलाने, मार्ग संकेतकों की जानकारी के साथ ही खतरनाक परिस्थितियों में कैसे सुरक्षित वाहन चलाना चाहिए इसकी भी जानकारी दी गई। वाहन चलाने के साथ ही वाहन चालकों को प्राथमिक चिकित्सा और दुर्घटना की स्थितियों को संभालने का तरीका भी बताया गया। इतना ही नहीं भारी वाहन चालकों को एचआईवी एड्स के प्रति भी जागरुक किया गया। वाहन चालकों को मोटर कानून में हुए बदलावों, नए कानून में जुर्माना और सजा आदि की भी जानकारी दी गई।
क्या है सुरक्षित दूरी का तीन सेंकेंड का सिद्धांत
इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में सौ से ज्यादा नए वाहन चालकों ने वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए ट्रैक पर ट्रेंड होने के लिए विशेष रुचि दिखाई। इस दौरान उन्होंने वाहन चलाने की बारीकियां जैसे मिरर सिग्नल मैनूवर, पोजिशन स्पीड लुक, सुरक्षित दूरी रखने का तीन सेकंड सिद्धांत, रिवर्सिंग और पार्किंग तकनीक की जानकारी ली। इसी तरह महिला प्रशिक्षुओं ने आईडीटीआर में प्रशिक्षण में विशेष रुचि व्यक्त की और 60 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षु आईडीटीआर में ड्राइविंग प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं थीं। वैज्ञानिक रूप से डिजाइन की गई सिमुलेशन तकनीक स्मार्ट क्लासरूम और दिलचस्प ऑडियो वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से ड्राइविंग सुरक्षा सुविधाओं की प्रस्तुतियां समझने में आसान हैं।
सचिव परिवहन एस. प्रकाश, परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा और अध्यक्ष लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा संजय शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में संस्थान का सुव्यवस्थित संचालन, संयुक्त संचालक अमित गुप्ता और टीम कर रही है। दिन-प्रतिदिन के यातायात प्रबंधन और दबाव स्थितियों को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए आईडीटीआर में प्रवर्तन अधिकारियों और यातायात पुलिस के लिए विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया। एमवी अधिनियम, सड़क नियमों और विनियमों पर तकनीकी प्रशिक्षण के अलावा, इन प्रशिक्षुओं ने संचार, बॉडी लैंग्वेज, तनाव प्रबंधन और प्रेरणा जैसे कौशल के निर्माण पर कक्षाएं लीं गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 378 से अधिक यातायात सिपाही और अधिकारी भी शामिल हुए।
इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग देशभर से आए प्रशिक्षु
इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में आयोजित कार्यशालाओं में प्रदेश के साथ-साथ देश भर के 55 प्रशिक्षु भी शामिल हुए।
विशेष प्रशिक्षण के अलावा आईडीटीआर छत्तीसगढ़ में खनन प्रशिक्षण शुरू करने जा रहा है और उसे परिवहन सुविधा केंद्र का दर्जा भी सौंपा गया है यानी आईडीटीआर से संपर्क करने वाला एक साथ लर्निंग लाइसेंस और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है।
आईडीटीआर युवाओं को सड़क नियमों और विनियमों के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कई सड़क सुरक्षा संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
आईडीटीआर प्रमुख उद्देश्य के रूप में अनुसंधान गतिविधियों के संचालन पर केंद्रित है और यातायात उल्लंघन और उनके व्यवहार के प्रति ड्राइवरों के व्यवहार का अध्ययन कर रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं के प्रति सड़क उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर अनुसंधान भी प्रगति पर है। आईडीटीआर के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने, लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति संवेदनशील बनाने और इस तरह कौशल विकास और रोजगार दोनों को बढ़ाते हुए दुर्घटनाओं को कम करने में काफी मदद मिलेगी।