जानिए… छत्तीसगढ़ी राजभाषा के मानकीकरण के लिए क्या हो रहा प्रयास
रायपुर। Chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् अंतर्गत छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ी राजभाषा के मानकीकरण पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्कृति विभाग के सभाकक्ष में आयोजित की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के अनेक राज्यों के राजभाषा और लोकभाषा के साहित्य व्याकरण शब्दकोष को डिजिटाईट करने के लिए तकनीक के उपयोग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के क्रियाकलापों के संबंध में मैसुर से आये दो सदस्यीय दलों को छत्तीसगढ़ी मानकीकरण के संबंध में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के भाषा एवं साहित्य अध्ययन शाला की अध्यक्ष डॉ. शैल वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
प्रदेश में फिर गरमाने लगी कर्मचारी राजनीति, राजपत्रित अधिकारी संघ पहुंचा सीएस दफ्तर
छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूचित में शामिल कराने का प्रयास
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग छत्तीसगढ़ी भाषा को राज-काज, पाठ्यक्रम और आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति को छत्तीसगढ़ी भाषा के मानक शब्दकोष और व्याकरण तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
छत्तीसगढ़ी का मानकीकरण से यह होगा लाभ
छत्तीसगढ़ी मानकीकरण होने से छत्तीसगढ़ी भाषा के अध्ययन, अध्यापन और लेखन में एकरूपता आएगी। प्रशिक्षण के दौरान समिति के सदस्यों को आयोग द्वारा प्रकाशित लोक व्यवहार म छत्तीसगढ़ी , छत्तीसगढ़ी के प्रशासनिक शब्दकोश भाग एक और भाग दो भेंट की गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन छत्तीगसढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी ने किया। इस मौके पर कल्याण महाविद्यालय भिलाई के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर शर्मा सहित सर्वश्री जे आर भगत, प्रताप पारख, अमृत लाल पैकरा, शुभाष जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।