जानिए कौन हैं लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया और खुमान साव जिनके नाम पर सरकार देने जा रही है पुरस्‍कार

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जानिए कौन हैं लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया और खुमान साव जिनके नाम पर सरकार देने जा रही है पुरस्‍कार

रायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्‍ट.कॉम)

सरकार ने लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया और खुमान साव के नाम पर पुरस्‍कार देने की घोषणा की है। इसके साथ ही माता कौ‍शल्‍या के नाम पर भी एक पुरस्‍कार दिया जाएगा। तीनों पुरस्‍कार हर वर्ष राज्‍य स्‍थापना दिवस के अवसर पर होने वाले अलंकरण समारोह में चयनित व्‍यक्तियों को दिया जाएगा।

इन पुरस्‍कारों की घोषणा को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ अपनी प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लयबद्ध संगीत, लोकगीत व लोक नाट्य अद्भुत आनंद की अनुभूति कराते हैं। लोक संस्कृति के जिन साधकों ने इसे जीवंत बनाए रखने में अपना जीवन समर्पित किया है, उन्हें सम्मानित करना राज्य सरकार का परम कर्तव्य है।

ऐसे में प्रदेश की लोकगीत व लोक संगीत की महान विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन और इस क्षेत्र में काम कर रहे नए कलाकारों को प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य अलंकरण के रूप में अन्य पुरस्कारों के साथ तीन नए पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

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इसमें लोकगीत के क्षेत्र में लक्ष्मण मस्तुरिया पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं लोक संगीत के क्षेत्र में योगदान देने वाले कला साधकों को खुमान साव पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह माता कौशल्या के मायके और भगवान राम के ननिहाल राज्‍य में श्रेष्ठ रामायण (मानस) मंडली को माता कौशल्या सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।

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कौन है लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया

लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया को छत्‍तीसगढ़ का जनकवि कहा जाता है। साहित्‍य और कला के जगत में उनका बड़ा नाम है। उनका जन्‍म सात जून 1949 को बिलासपुर जिला के मस्‍तुरी में हुआ था। 2003 में उनकी 77 कविताओं का संग्रह मोर संग चलव के नाम से प्रकाशित हुआ।

छत्‍तीसगढ़ के संगीत सम्राट खुमान साव

राज्‍य सरकार ने खुमान साव के नाम पर भी पुरस्‍कार देने की घोषणा की है। राजनांदगांव के रहने वाले खुमान साव को छत्‍तीसगढ़ का संगीत सम्राट कहा जाता है। उनका जन्‍म 1929 में हुआ था। उन्‍होंने चंदैनी गाेंदा संस्‍था की स्‍थापना की थी। इस संस्‍था के जरिये उन्‍होंने पांच हजार से ज्‍यादा प्रस्‍तुती दी। 90 वर्ष की आयु में 2019 में उनका निधन हुआ।

माता कौशल्‍या

राज्‍य सरकार ने माता कौशल्‍या के नाम पर भी एक पुरस्‍कार देने की घोषणा की है। माना जाता है कि भगवान राम की माता का जन्‍म रायपुर के पास स्थि‍त चंदखुरी में हुआ था। कहा जाता है कि दुनिया में माता कौशल्‍या का एक मात्र मंदिर यहीं पर है। राज्‍य सरकार ने हाल ही में इस मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को विकसित किया है।

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