Letter Bomb: पावर कंपनी में शिकायती लेटर बम के पीछे ‘हाई लेवल’ माइंड! जानिए… कितनी है सच्चाई
1 min readLetter Bomb: रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी में दनादन हो रहे ट्रांसफर को लेकर एक शिकायती पत्र वायरल हुआ था। इसमें कंपनी के एक अफसर पर पैसे लेकर इंजीनियरों का ट्रांसफर करने का आरोप लगाया गया था। वायरल हुआ यह शिकायती पत्र मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को संबोधित था, जबकि इसकी कापी ऊर्जा सचिव सहित अन्य लोगों को भेजी गई थी।
इस लेटर के वायरल होने के बाद कंपनी मुख्यालय में हड़कंप मच गया। शिकायतकर्ता कार्यपालन अभियंता एसके राठौर की तलाश शुरू हुई। शिकायतकर्ता ने अपने नाम के नीचे अभियंता संघ भी लिखा था। थोड़े ही प्रयास के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एसके राठौर नाम का पावर कंपनी में कोई कार्यपालन अभियंता है ही नहीं। इससे थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन यह रहस्य बना रहा कि आखिर यह किसकी करतूत है।
Letter Bomb: लेटर को बताया जा रहा है हाई लेवल का गेम
पावर कंपनी में फूटे इस लेटर बम को लेकर चतुरपोस्ट ने भी पड़ताल की। पावर कंपनी के मौजूदा और पूर्व इंजीनियरों के साथ ही कर्मचरी नेताओं से भी इस पर बात हुई। पावर कंपनी मुख्यालय से जुड़ा कोई भी स्टाफ इस लेटर बम से अनभिज्ञ नहीं था। कुछ ने कहा कि आग लगी है तभी तो धुंआ उठा है। कहा कि शिकायतकर्ता भले ही फर्जी है, लेकिन शिकायत गंभीर है, इसलिए कंपनी प्रबंधन को इसकी जांच करानी चाहिए।
इन सबके बीच पावर कंपनी के एक सेवानिवृत्त इंजीनियर ने चर्चा के दौरान कहा कि शिकायतकर्ता का दर्द समझना है तो लेटर के कंटेंट पर नहीं उसके संदर्भ और विषय पर ध्यान दीजिए। संदर्भ के आधार पर इस खेल को काफी हद तक समझा जा सकता है।
Letter Bomb: जानिए.. सदर्भ में कौन सा है रहस्य
इंजीनियर ने कहा कि पत्र में भले ही सहायक और कार्यपालन यंत्री के ट्रांसफर का जिक्र है, लेकिन संदर्भ में जिस आदेश का उल्लेख है वो बड़े लेवल का है। बताते चलें कि शिकायती पत्र में 20 सितंबर को जारी एक ट्रांसफर आर्डर का उल्लेख किया गया है। खोजबीन करने के बाद शिकायती पत्र के संदर्भ में उल्लेखीत ट्रांसफर आर्डर नंबर 01-01/PD-IV 1513 मिल गया। इसमें 7 इंजीनियरों का नाम है। इनमें 3 ईडी और 4 एसई रैंक के हैं।
अब शिकायती पत्र का खेल बता रहे इंजीनियर ने कहा कि पत्र के विषय में लिखा है कि ईडी (ओ एंड एम) में पोस्टिंग नहीं हुई, जांच हेतू निवेदन। इस सेवानिवृत्त इंजीनियर ने कहा कि दरअसल यह पूरा खेल पावर कंपनी में एक सबसे पावर फुल पद का है। इस पद के दावेदार ईडी रैंक के कई अफसर हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर को मुख्यालय से बाहर पदस्थ कर दिया गया और एडिशनल ईडी को वह कुर्सी दे दी गई है। इससे कई लोग नाराज हैं।
इन तर्कों के साथ कहा कि ऐसे में यह खेल नीचे लेवल का नहीं बल्कि हाईलेवल का लग रहा है। संभव है कि ईडी बनने की इच्छा रखने वाले किसी अफसर ने यह फर्जी शिकायती पत्र वायरल कर दिया हो।