
Liquor scam रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए चर्चित शराब घोटाला की जांच कर रही ईओडब्ल्यू- एसीबी को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले के एक नामचीन आरोपी को एजेंसी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। एसीबी इस आरोपी की लंबे समय से तलाश कर रही थी।
जानिए.. शराब घोटाला में किसकी हुई गिरफ्तारी
एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने शराब घोटाला में जिस नामचीन वांटेड को गिरफ्तार किया है उसका नाम विजय भाटिया है। विजय भाटिया प्रदेश का बड़ा शराब कारोबारी है। मामले में नाम आने के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था, लेकिन एजेंसी लगातार उसकी तलाश में लगी हुई थी। इस बीच भाटिया के दिल्ली में होने की सूचना मिली। इसके बाद एसीबी- ईओडब्ल्यू की टीम ने दिल्ली जाकर भटिया को गिरफ्तार कर लिया है।
Liquor scam फ्लाइट से लाया जा रहा रायपुर
दिल्ली में पकड़े गए विजय भाटिया को एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम फ्लाइट से लेकर रायपुर आ रही है। भाटिया को सोमवार को विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां एसीबी-ईओडब्ल्यू उसकी रिमांड मांग सकती है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार भाटिया से पूछताछ में मामले में नए तथ्यों का खुलास होने के साथ ही आरोपियों के खिलाफ नए सबूत भी मिल सकते हैं।
दो हजार करोड़ रुपए से अधिक का है घोटाला
ईडी और ईओडब्ल्यू की कब तक की जांच के आधार पर राज्य में करीब दो हजार करोड़ रुपए का घोटाला होने का दावा किया जा रहा है। इस मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के साथ ही रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर जेल में बंद हैं। इसके साथ ही सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा, टेलीकॉम सर्विस के अरुणपति त्रिपाठी समेत कुछ और आरोपी भी अभी जेल में हैं।
Liquor scam शराब में चला दोहरा खेल
जांच एजेंसियों के अनुसार राज्य में शराब में दोहरा खेल चला। एक तो नकली होलेग्राम लगाकर सरकारी शराब दुकानों से शराब की बिक्री की गई। इसका पूरा पैसा घोटाला करने वाले सिंडिकेट के पास पहुंचा। इस मामले में राज्य के करीब ढाई दर्जन से ज्यादा आबकारी अफसरों को भी आरोपी बनाया गया है। इसके साथ ही सिडिंकेट के लोगों ने शराब सप्लायरों से कमीशन भी लिया।