November 23, 2024

Chatur Post

केवल सरोकार की खबर

Meter Reader : हड़ताली बिजली मीटर रीडिरों ने सशर्त बातचीत का दिया प्रस्‍ताव, कहा- वार्ता होगी लेकिन..

1 min read
Power Company

Meter Reader : रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में इस महीने उपभोक्‍ताओं के यहां बिजली का रीडिंग बिल नहीं आ पाएगा, क्‍योंकि स्‍पाट बिलिंग करने वाले 5 हजार से ज्‍यादा मीटर रीडर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

रीडर नवंबर की पहली तारीख से कही काम पर नहीं आ रहे हैं। पहले उन्‍होंने 5 दिनों का सांकेतिक हड़ताल किया था, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया तो 6 नवंबर से अनिश्वितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से पहले मीटर रीडरों के यूनियन ने बिजली कंपनियों के अध्‍यक्ष के नाम से एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें अपनी मांगों के समाधान का सुझाव भी दिया है।

मीटर रीडर महासंघ के अध्‍यक्ष देवलाल पटेल ने कहा कि स्‍पाट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ प्रारंभ से ही वार्ता के जरिये समस्‍या का समाधान चाह रहा है।

कंपनी प्रबंधन को बातचीत का प्रस्‍ताव भी दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने न तो पत्रों का उत्‍तर दिया और न ही वार्ता की पहल की गई। ऐसे में विवश होकर आंदोलन का रास्‍ता अपनाना पड़ा है।

Meter Reader : इन शर्तों के साथ अब भी वार्ता को तैयार

मीटर रीडर अपनी मांगों का बातचीत के जरिये समाधान के लिए अब भी तैयार है। कंपनी के चेयरमैन को सौंपे ज्ञापन में उन्‍होंने इस बात का उल्‍लेख किया है, लेकिन इस वार्ता के लिए रीडरों ने शर्त रखी है।

मीटर रीडर महासंघ कंपनी के अध्‍यक्ष की उपस्थिति में बातचीत के लिए तैयार हैं। वार्ता की टेबल पर मीटर रीडर महासंघ के प्रतिनिधि और वितरण कंपनी के अधिकारियों के साथ ही विद्युत नियामक आयोग, राज्‍य नीति आयोग, श्रम विभाग और राज्‍य सरकार के भी एक प्रतिनिधि की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की सशर्त रखी है।

Meter Reader : जानिए.. क्‍या है मीटर रीडरों की मांग

ठेकेदारों के माध्‍यम से मीटर रीडिंग और स्‍पाट बिलिंग का काम कर रहे मीटर रीडर पूरे 30 दिन का काम चाहते हैं। अभी मीटर रीडिंग का काम केवल 15 ही दिन चलता है। रीडर चाहते हैं कि उन्‍हें कंपनी के गैर तकनीकी काम करने का मौका दिया। मीटर रीडरों के अनुसार मध्‍य प्रदेश में मीटर रीडरों को पावर कंपनी के गैर तकनीकी कामों में रखा जा रहा है।

यह भी पढ़ि‍ए- विष्‍णु सरकार का अध्‍यादेश, निकाय  चुनाव में वोटरों पर पड़ेगा बड़ा असर

महासंघ के अनुसार मीटर रीडरों से गैर तकनीकी काम लेने के संबंध में उन्‍होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय का भी पक्ष प्राप्‍त किया है। ऊर्जा मंत्रालय को रीडरों को गैर तकनीकी काम करने पर कोई आपत्त्‍ति‍ नहीं है। छत्‍तीसगढ़ की पावर कंपनी के अधिकारियों ने भी इसी तरह का अभिमत दिया है।

Meter Reader : मीटर रीडरों का कहना है कि पावर कंपनी में पहले ही मैन पावर की कमी है। इसके कारण कंपनी में तकनीकी काम करने वाले स्‍टाफ को कार्यालय के कामों में लगाकर रखा गया है। इसका असर कंपनी के कामकाज और उपभोक्‍ता सेवा पर भी पड़ रहा है।

Copyright © All rights reserved. | Developed & Hosted By: Simpli Life .