Micro ATM: छत्तीसगढ़ के किसानों के बैंक खातों में पहुंचा 971 करोड़, सरकार ने दी एक और नई सुविधा
1 min readMicro ATM: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी खरीदी केंद्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान बेचने वाले किसानों को 971 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 14 नवंबर से शुरू हुई है। खाद्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1 लाख 16 हजार किसान अपना धान बेच चुके हैं। इसके एवज में किसानों को 9 नौ 71 करोड़ 16 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की गई है।
Micro ATM: छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए नई सुविधा
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए धान खरीदी केंद्रों पर ही माइक्रो एटीएम की सुविधा देने जा रही है। इससे किसानों को पैसा निकालने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ा बल्कि खरीदी केंद्र में उपलब्ध माइक्रो एटीएम के जरिये वे पैसा निकाल सकेंगे। सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने राज्य के सभी 2739 धान खरीदी केंद्रों में माइक्रो एटीएम की व्यवस्था करने के निर्देश अफसरों को दिया है।
जानिए.. माइक्रो एटीएम से कितना पैसा निकाल सकते हैं किसान
अफसरों ने बताया कि धान खरीदी केंद्रों में लगाए जा रहे माइक्रो एटीएम के जरिये किसान 2 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक एक बार में निकाल सकते हैं। इससे उनकी तत्कालीक जरुरत पूरी हो जाएगी।
Micro ATM: ढाई लाख से ज्यादा टोकन जारी
सरकारी धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए किसानों को टोकन जारी किया जाता है। विभागीय अफसरों ने बताया कि गुरुवार (21 नवंबर) को 30 हजार 828 टोकन के जरिये 26 हजार 501 किसानों ने एक लाख 18 हजार टन धान बेचा। अभी दो लाख 58 हजार से ज्यादा टोकन जारी किए जा चुके हैं।
अफसरों ने बताया कि धान बेचने के लिए आन लाइन और आफ लाइन दोनों ही तरीके से टोकन जारी किया जा रहा है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार जैसे चाहें वैसे टोकन ले सकते हैं।
बतातें चलें कि छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी 2025 तक धान की खरीदी चलेगी। इस बार सरकार ने 1 लाख 60 हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। किसानों के अनुसार राज्य में इस बार मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने से फसल भी अच्छी हुई है।
Dhan Kharidi: इधर, रबी सीजन में धान की खेती पर बवाल
छत्तीसगढ़ के किसान खरीफ सीजन की धान बेच रहे हैं, लेकिन रबी सीजन में धान की खेती को लेकर सियासत होने लगी है। धान की खेती में पानी की जरुरत ज्यादा होती है। ऐसे में प्रदेश में भूजल के गिरते स्तर को देखते हुए राज्य सरकार पिछले कई सालों से रबी सीजन में धान के बदले दूसरी फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन इस बार कथित तौर पर धान की खेती करने वाले किसानों पर जुर्माना लगाने की खबरों से हंगामा खड़ा हो गया है। क्या है यह पूरा मामल जानने के लिए यहां क्लिक करें