December 12, 2024

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Rice Mill: कैबिनेट की बैठक के बाद भड़क राइस मिलर, सरकार पर लगाया वादाखिलाफ का आरोप, बोले…

Rice Mill: रायपुर। मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय की अध्‍यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के राइस मिलरों के लिए कस्‍टम मिलिंग की प्रोत्‍साहन राशि बढ़ाने का फैसला किया गया है। पिछले सीजन में प्रोत्‍साहन राशि 120 रुपये प्रति क्विंटल थी, जिसे इस वर्ष 60 रुपये कर दिया गया था। अब राइस मिलरों के विरोध के बाद राज्‍य सरकार ने फिर से बढ़कार 80 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

इसके साथ ही वर्ष 2022-23 के भुगतान पर कैबिनेट ने फैसला किया है। लेकिन एसएलसी से परिवहन व्यय भी फाइनल नहीं हो पाया। राइस मिलरों ने वादा खिलाफी बताया है। पूरे प्रदेश के मिलर्स जो सरकार से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे वह सभी सकते में हैं। निराश और आक्रोशित हैं।

Rice Mill: छत्‍तीगसढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार के कैबिनेट के निर्णय के बाद अब पुनः प्रदेश एसोसिएशन अपने मिलर्स के साथ कस्टम मिलिंग कार्य करने के निर्णय पर पुनर्विचार करेगा।

सभी मिलर्स की आज के कैबिनेट पर निगाह थी और सभी के मन में था कि सरकार अपनी बातों को कैबिनेट में पास कराकर मिलर्स का काम सुचारू करेगी लेकिन इसका उलट कैबिनेट ने निर्णय कर मिलर्स की आर्थिक रूप से कमजोर हो चुकी कमर को तोड़कर रख दिया है। उन्‍होंने बताया कि मिलर्स को मील संबंधी खर्चों के लिए भुगतान करने की और अपना काम करने पैसों की जरूरतें थी।

इसके लिए पिछले दिनों पूरे प्रदेश के मिलरों ने अपनी कुछ जायज़ मांगों के पूरा होने तक कस्टम मिलिंग कार्य से दूरी बना ली थी। सरकार ने मिलर्स से चर्चा कर बड़ा आश्वासन दिया लेकिन अब पूरे प्रदेश के मिलर्स सरकार के वर्तमान निर्णय के खिलाफ हैं कि मिलर्स का वर्ष 2022-23 के बजाय वर्ष 2023-24 का भुगतान किया जाए।

उल्‍लेखनीय है कि 2023-24 के ज्यादातर मिलर्स का काम ही पूरा नहीं हुआ तो उन्हें कैसे भुगतान मिलेगा साथ ही जिनका काम पूरा हो चुका है वह भी बिल नहीं बना पा रहा है उनके बिलों में अनेक तरह की पेनाल्टी लगाकर बिलों को रोक दिया गया है। मिलरों की मांग है कि हमारा पहले पुराने वर्षों का भुगतान मिलना चाहिए। यह व्यवहारिक विषय है कि कोई भी भुगतान पहले पिछला होता है ।

सरकार के आज के निर्णय के बाद कस्टम मिलिंग कार्य फिर से प्रभावित होने की आशंकाओं जतायी जा रही है क्योंकि मिलर पैसे के अभाव में ना बैंक गारंटी बना सकता और ना ही कस्टम मिलिंग कार्य कर सकता है।बहुत ही विचित्र स्थिति है कि पिछले कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन कम होने की सहमति इसलिए बनी थी कि मिलर्स को पुराना भुगतान तो मिलेगा।

Rice Mill: ऐसी विकट स्थिति में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और राज्य केराज्यपाल, केंद्रीय खाद्य मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे तत्काल छत्तीसगढ़ के किसानों से जुड़े मामले पर दखल दें एसोसिएशन इस मामले में सभी सम्मानिय जनों से पत्राचार भी निवेदित करेगी।

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