Monsoon 2025 मानसून पूर्वानुमान: जानिए..2025 में कैसा रहेगा मानसून, कितनी होगी बारिश…

Monsoon 2025 रायपुर। मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने मानसून 2025 का पहला पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग का यह अनुमान देशभर के लोगों विशेष रुप से किसानों के लिए खुशी की खबर लेकर आया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि पिछले सीजन 2024 की तरह इस बार भी मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
जानिए… मानसून 2025 के दौरान कितनी बारिश का है अनुमान
मौसम विभग के अनुमान के अनुसार मानसून 2025 के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। जून से सितंबर के बीच 105 प्रतिशत बारिश हो सकती है। मौसम विशेषों के अनुसार 96 से 104 प्रतिशत तक बारिश को सामान्य माना जाता है।
जानिए… इस बार मानसून के पक्ष में सिस्टम
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार जून से सितंबर के बीच अलनीनो या ला-नीना जैसे किसी तुफान के सक्रिय होने की संभावना नहीं है। बता दें कि इस तरह के सिस्टम के कारण मानूसन प्रभावित होता है। इसी तरह के कई अन्य सिस्टम भी मानसून के पक्ष में है।
जानिए…कितनी बार जारी होता है मानसून का पूर्वानुमान
मौसम विभाग दक्षिण पश्चिम मानसून को लेकर दो बार पूर्वानुमान जारी कर करता है। पहले पूर्वानुमान को लांग रेंज कहा जाता है। यह अप्रैल में जारी होता है। इसके बाद एक पूर्वानुमान मई में जारी होता है। अप्रैल में जारी पूर्वानुमान की तुलना में मई में जारी अनुमान को ज्यादा सटीक माना जाता है।
Monsoon 2025 जानिए… भारत में कब पहुंचता है मानसून
दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्यत: भारत में दक्षिण के रास्ते प्रवेश करता है। मानसून मई अंत में देश के दक्षिण तट से टकराता है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मानसून एक जून को भारत में प्रवेश करता है। 19 से 21 मई को मानसून श्रीलंका में प्रवेश करता है और 28-29 मई तक पूरे श्रीलंका में सक्रिय हो जाता है।
मानसून की भारत में सक्रियता
मानसून एक जून को केरल के रास्ते भारत में प्रवेश करता है और धीरे-धीरे आगे बढ़ता है। दो जुलाई तक पूरे देश में सक्रिय होता है। सबसे अंत में मानसून राजस्थान पहुंचता है।
जानिए..भारत में कितने महीने सक्रिय रहता है मानसून
भारत में मानूसन जून से सितंबर तक सक्रिय रहता है। मौसम विभाग के अनुसार जिस तरह मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ता है उसी तरह धीरे-धीरे उसी क्रम में लौटता भी है।
Monsoon 2025 जानिए.. कैसे तय होता है मानूसन के आने और जाने का समय
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मानूसन के सक्रिय होने और वापस जाने (विड्राल) का शेड्यूल मौसम विभाग जारी करता है। यह मानसून की गतिविधियों (आने-जाने) के अध्ययन के आधार कार्यक्रम जारी किया जाता है। कुछ वर्षों के अंतराल पर इसमें बदलाव होता रहता है। बीते 10 सालों में मानसून करीब 10 दिन पीछे हो गया है।