Mulvasi Bachao आदिवासियों के इस संगठन को छत्तीसगढ़ सरकार ने किया प्रतिबंधित, जानिए.. क्या है वजह
1 min readMulvasi Bachao : रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मूलवासी बचाओ मंच संगठन की प्रदेश में सभी गतिविधियों पर रोक लगा दिया है। इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है। मूलवासी बचाओ मंच पर गंभीर आरोप लगे हैं।
गृह विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार को सूचनाएं प्राप्त है कि मूलवासी बचाओ मंच संगठन केन्द्र और राज्य सरकार की तरफ से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे विकास कार्यों और इन विकास कार्यों के संचालन के लिए निर्माण किए जा रहे सुरक्षा बल के कैंपों का लगातार विरोध किया जा रहा है।
Mulvasi Bachao : मूलवासी बचाओ मंच पर आम जनता को सुरक्षाबलों के कैंपों के विरुद्ध लोगों को उकसाने का भी आरोप है। साथ ही न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करते हुए और विधि द्वारा स्थापित संस्थाओं की अवज्ञा को बढ़ावा देते हुए, उनके द्वारा लोक व्यवस्था, शांति में बाधा और नागरिकों की सुरक्षा में खतरा उत्पन्न किया जा रहा है।
संगठन की यह गतिविधियां राज्य की सुरक्षा के प्रतिकूल है। ऐसे में मूलवासी बचाओ मंच के संबंध में, राज्य सरकार का समाधान हो गया है कि ऐसे संगठन को विधि विरूद्ध संगठन घोषित करना आवश्यक है।
इस लिए छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 (क. 14 सन् 2006) की धारा 3 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, मूलवासी बचाओ मंच को, इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की कालावधि के लिए, “विधि विरूद्ध संगठन घोषित करती है।
Mulvasi Bachao बता दें कि बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों का लगातार दबदबा बढ़ रहा है। सुरक्षा बलों की तरफ से अंदरुनी क्षेत्रों में कैंप खोले जा रहे हैं। इन कैंपों के जरिये न केवल नक्सलियों को नियंत्रित किया जा रहा है बल्कि क्षेत्र के लोगों के विकास और कल्याण के भी काम किए जा रहे हैं।
कैंपों में स्थापित मेडिकल कैंपों में आम लोगों को भी ईलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। अफसरों के अनुसार सुरक्षा बलों के कैंप की स्थापना के साथ ही क्षेत्र में विकास में तेजी आई है, जबकि नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
लेकिन मूलवासी बचाओ मंच के जरिये सुरक्षा बलों के इस कैंपों का विरोध किया जा रहा है। मंच के सदस्यों के माध्यम से आदिवासियों को भड़का कर कैंप का विरोध करने के लिए उन्हें विवश किया जा रहा है।