
New Criminal Law रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को महिला एवं बाल केन्द्रित नवीन कानून विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसके उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डीजीपी अरुण देव गौतम ने कहा कि नए कानून में महिला एवं बाल अपराधों को प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए एक पृथक से अध्याय बनाया गया है।
जानिए- डीजीपी ने किसे बताया असली चुनौती
उन्होंने बताया कि बहुत ही शुरूआती धाराओं में इस अपराध को रखा गया, जो यह बताता है कि महिला को न्याय दिलाया जाना कितना महत्वपूर्ण है। नए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है, लेकिन असली चुनौती न्यू क्रिमिनल लॉ को उसके रियल स्प्रिट में पूरी तरह से लागू किया जाना है। डीजीपी ने कहा कि साक्ष्य को घटनास्थल से कैसे हम कोर्ट तक पहुंचा पाए इस इसके लिए हमारे विवेचाधिकारी को पूरे प्रक्रिया की समझ होनी चाहिए, ताकि बचाव पक्ष को कोई अवसर न मिल सके। इस दिशा में यह कार्यशाला बहुत उपयोगी होगी।
New Criminal Law डिप्टी सीएम शर्मा भी हुए शामिल
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा के मुख्य आतिथ्य के रुप में शामिल हुए। इस कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ पुलिस व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कार्यशाला के रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए अपराध अनुसंधान एवं नारकोटिक्स के पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने महिला और बाल सुरक्षा की दिशा में छत्तीसगढ़ पुलिस व राज्य शासन की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। आईजी यादव ने इस दौरान नए महिला थाना, महिला हेल्पडेस्क, परिवार परामर्श केन्द्र, एन्टी ह्यूमेन ट्रेफिकिंग यूनिट द्वारा किए जा रहे कार्यों को विस्तार से जानकारी दी गई।
यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख ने की पुलिस की सराहना
यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ प्रमुख विलियम ने कहा कि यूनिसेफ और छत्तीसगढ़ पुलिस बाल संरक्षण की दिशा में काफी लंबे समय कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि समाज में चाईल्ड प्रोटेक्टिव वातवरण निर्मित करने की दिशा में चाईल्ड फ्रेण्डली प्रोसिजर को अपनाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही छत्तीसगढ़ में सौ से अधिक थानों में विकसित चाईल्ड फ्रेण्डली थानों का भी जिक्र अपने उद्बोधन में किया। कार्यशाला की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए विषय विशेषज्ञ के रूप में बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अनंत अस्थाना को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। उद्घाटन सत्र में आए अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने किया।
New Criminal Law समाज की अपेक्षा पर खरा उतरान आवश्यक: शर्मा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गृह मंत्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि समाज की अपेक्षा पुलिस से होती है और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना आवश्यक है। यदि आज हम अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। कानून ही एक मात्र रास्ता है जिससे परेशानी को समय से पहले रोका जा सकता है। प्रतिभागियों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने जिले में ऐसी कार्यवाही करें जिससे पूरी दुनिया सीख ले। सुरक्षा है तो जीवन है, उन्नति है, खुशियां है, संसाधन है।
गृह मंत्री ने कहा कि पूरे समाज में पुलिस ही एक मात्र ऐसी संस्था है, जिसके अधिकारी व कर्मचारी समाज सेवा में अपना जीवन का न्यौछावर कर देते हैं। आज इस मार्मिक विषय पर जो कार्यशाला आयोजित की गई काफी महत्वपूर्ण हैं यहां से काफी सारी चीजें सीखने को मिलेंगी। पुलिस की ताकत कानून की किताब से है और इसमें जो प्रावधान हैं, उसे दृढ़ता के साथ लागू करने की अपेक्षा करता हूं।
कार्यशाला में विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक / उप पुलिस अधीक्षक स्तर के नोडल अधिकारी एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी /कर्मचारी सहित कुल 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ओ.पी. पाल, अंकित गर्ग, अमरेश मिश्रा, ध्रुव गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक मिलना कुर्रे, पारूल माथुर, गिरिजाशंकर जायसवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, सहायक पुलिस महानिरीक्षक पूजा अग्रवाल एवं पुलिस मुख्यालय व यूनिसेफ अन्य अधिकारी /कर्मचारी व प्रतिनिधि उपस्थित रहे।