मुख्य पृष्ठराजनीतिराज्य

Ordinance: आरक्षण में बदलाव का अध्‍यादेश जारी, जानिए.. पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायतों में कैसे होगा आरक्षण

Ordinance: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचायत राज अधिनियम, 1993 में संशोधन कर दिया है। इसे छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश 2024 नाम दिया गया है। राज्‍य सरकार ने यह अध्‍यादेश जारी कर दिया है।

इस संशोधन के जरिये राज्‍य सरकार ने पंचायतों में वार्डों के आरक्षण में बदलाव किया है। इसमें ऐसे क्षेत्र जहां अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, वहां ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे क्षेत्रों में ओबीसी के लिए कोई वार्ड या सीट आरक्षित नहीं की जाएगी।

Ordinance: किसी ग्राम पंचायत में जहां अनुसूचित जातियों- अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत से कम स्थान आरक्षित किए गए हैं, वहां यथासंभव निकटतम रूप से कुल स्थानों की संख्या के 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए, बाकी स्थान, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए, उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे। ऐसे स्थान उस ग्राम पंचायत के भिन्न वार्डों को विहित रीति में, चक्रानुक्रम में कलेक्टर द्वारा आवंटित किये जाएंगे।

वहीं, किसी ग्राम पंचायत में, जहां अनुसूचित जातियों- अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित किए गए हैं. वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।अध्‍यादेश के अनुसार जहां अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 50 प्रतिशत से कम है, वहां यथासंभव निकटतम रूप से खंड के भीतर ग्राम पंचायतों में सरपंचों के कुल पदों के 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए. अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण बाद शेष स्थान अन्य पिछड़ा वर्ग, के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे।

इसी तरह जहां अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक हो, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।

Ordinance: जानिए.. जनपद पंचयतों में क्‍या है आरक्षण का फार्मूला

किसी जनपद पंचायत में, जहां अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत से कम स्थान आरक्षित किए गए हैं वहां यथासंभव निकटतम रूप से कुल स्थानों की संख्या के पचास प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए, शेष स्थान अन्य पिछड़ा वर्ग, के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे और ऐसे स्थान भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को विहित रीति में, चक्रानुक्रम में कलेक्टर द्वारा आबंटित किए जाएंगे।

वहीं, किसी जनपद पंचायत में, जहां अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित किए गए हैं, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।

जनजातियों की जनसंख्या 50 प्रतिशत से कम है, वहां यथासंभव निकटतम रूप से जिले के भीतर जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के कुल पदों में से 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए, अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण के बाद शेष पद अन्य पिछड़ा वर्ग, के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे।

जहां अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक हो, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।

Ordinance: जानिए.. जिला पंचायतों में आरक्षण का मापदंड

किसी जिला पंचायत में, जहां अनुसूचित जातियों- अनुसूचित जनजातियों, के लिए पचास प्रतिशत से कम स्थान आरक्षित किए गए हैं, वहां यथासंभव निकटतम रूप से कुल स्थानों की संख्या के पचास प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए, शेष स्थान अन्य पिछड़ा वर्ग, के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे और ऐसे स्थान भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को विहित रीति में, चक्रानुक्रम से कलेक्टर द्वारा आवंटित किए जाएंगे।

यदि किसी जिला पंचायत में जहां अनुसूचित जातियों और/अथवा अनुसूचित जनजातियों के लिए पचास प्रतिशत या पचास प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित किए गए हैं, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।

यदि राज्य में अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों, के लिए पचास प्रतिशत से कम स्थान आरक्षित किए गए हों, तो यथासंभव निकटतम रूप से राज्य के भीतर जिला पंचायतों के अध्यक्षों के कुल स्थानों की संख्या के पचास प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए, शेष स्थान अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे।

लेकिन यदि राज्य में, अनुसूचित जातियों-अनुसूचित जनजातियों के लिए पचास प्रतिशत या पचास प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित हों, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा।

Back to top button