अब पैन कॉर्ड भी बनाकर देंगे मितान, 14545 पर फोन करके ले सकते हैं सुविधा
1 min readरायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
प्रदेश सरकार की मितान योजना में अब पैन कॉर्ड भी घर बैठे बनेंगे। इस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 14545 पर कॉल करके इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
राज्य की भूपेश बघेल सरकार के चार साल पूरे होने पर सरकार ने मितान योजना के विस्तार का यह उपहार आम लोगों को दिया है। टोल फ्री नंबर 14545 पर फोन करते ही एक घर पहुँचेंगे मितान। मुख्यमंत्री मितान योजना का लाभ राज्य के सभी 14 नगर निगम में रहने वालों को मिल रहा है।
मितान योजना में शामिल हैं यह सभी काम
मितान योजना के तहत घर बैठे जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है। पुराने जन्म प्रमाण पत्र में किसी तरह का सुधार करना है, तो वह भी कराया जा सकता है। आधार कार्ड पंजीकरण और उसमें सुधार भी किया जा सकता है।
इसी तरह मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, गुमास्ता लाइसेंस भी मितान घर बैठे बनाकर देते हैं। इसी तरह विवाह प्रमाण पत्र, जमीन से संबंधित दस्तावेज और मृत्यु प्रमाण पत्र भी मितान के माध्यम से बनवाया जा सकता है।
स्कूलों, आश्रमों और छात्रावासों का होगा कायाकल्प
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में स्कूल भवनों, आश्रमों और छात्रावासों की मरम्मत व रख-रखाव के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने की निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरकारी भवनों जैसे कलेक्टोरेट, अनुविभागीय व तहसील कार्यालय, पुलिस थाना, चौकी जहां सरकारी काम के चलते बड़ी संख्या में लोगों का आना होता है, उनके मरम्मत व रख-रखाव को भी कार्ययोजना में शामिल करने को कहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव को शैक्षणिक संस्थाओं सहित अन्य शासकीय भवनों के मरम्मत एवं रख-रखाव की योजना तैयार कर आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पश्चात शाला भवनों, आश्रमों एवं छात्रावासों की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण अनेक शाला भवनों में अध्ययन-अध्यापन के कार्य में परेशानी हो रही है।
वॉक-ए-काज कार्यक्रम में एक मंच पर दिखे सिंहदेव व भगत
उन्होंने कहा है कि आगामी शैक्षणिक सत्र आरंभ होने से पूर्व शालाओं, आश्रमों एवं छात्रावास भवनों का उन्नयन, मरम्मत एवं रख-रखाव कार्य कराया जाना आवश्यक है। इसी तरह अन्य शासकीय भवनों जहां काम के सिलसिले में आम जनता का आना-जाना बना रहता है, उन भवनों के भी मरम्मत, रख-रखाव व व्यवस्थापन की जरूरत है।
न्याय के चार साल’ एवं ’न्याय के रास्ते-सबके वास्ते