OBC Survey: रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। सर्वे के लिए गठित आयोग ने सर्वे का प्रारंभिक आंकड़ा अपनी साइट पर अपलोड कर दिया है।
इसके साथ ही आयोग ने फाइनल आंकड़ा जारी करने की भी तारीख तय कर दी है। लेकिन अंतिम आंकड़ा जारी करने से पहले आयोग उन लोगों को एक मौका दे रहा है जिनका नाम सर्वे में छूट गया है। ऐसे लोग (परिवार) अपने नगरीय निकाय या पंचायत में 54 कॉलम का फार्म भरकर जमा कर सकते हैं।
आयोग की तरफ से आज जारी सूचना के अनुसार ऐसे परिवार जो सर्वे में छूट गए हैं, उन्हें एक मौका देने के लिए 8 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। ऐसे लोग स्वयं फार्म भरके अपने नगरीय निकाय या पंचायत में जमा कर सकते हैं।
आयोग की तरफ से जिला प्रशासन से कहा गया है कि ऐसे लोगों के आंकड़े 10 अक्टूबर तक अपडेट कर दें।
आयोग की तरफ से जारी सूचना में स्पष्ट किया गया है कि 10 अक्टूबर को प्राप्त आंकड़ें अंतिम माने जाएंगे। इस तारीख के बाद भी किसी का नाम छूट जाता है तो उसके लिए जिला प्रशासन या पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग जिम्मेदार नहीं होगा।
आयोग के सूत्रों के अनुसार 15 अक्टूबर तक अंतिम आंकड़ें जारी कर दिए जाएंगे, ताकि नगरीय निकाय चुनाव समय से कराने के लिए वार्डों के आरक्षण का काम समय पर हो सके।
सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार पिछड़ा वर्ग का सर्वे इस वर्ग के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक भागीदारी के लिए कराया जा रहा है। वहीं, नगरीय निकाय और पंचातय चुनावों में वार्डों का आरक्षण भी इसी सर्वे के आधार पर किया जाएगा। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी के कल्याण और विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी।
जानिए.. छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग में कितनी जातियां शामिल हैं
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार राज्य में 87 जाति समूहों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया है। इनके सर्वे के लिए पूर्व आईएएस आरएस विश्वकर्मा की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग में हरिशंकर यादव, निलांबर नायक, शैलेंद्र परगनिहा, कृष्णा गुप्ता और यशवंत वर्मा शामिल हैं।