April 15, 2025

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PANDIRAM MANDAVI छत्‍तीसगढ़ के शिल्‍पकार पंडीराम मंडावी को पद्मश्री, जानिए.. कौन हैं पंडिराम मंडावी

PANDIRAM MANDAVI रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के शिल्‍पकार पंडीराम मंडावी को पद्मश्री सम्‍मान देने की घोषणा की गई है। पंडीराम मंडावी बस्‍तर संभाग के नायाणपुर के रहने वाले हैं। 68 वर्षीय इस शिल्‍पकार छत्‍तीसगढ़ सरकार की तरफ से दाऊ मंदराजी सम्‍मान दिया जा चुका है। बता दें कि दाऊ मंदराजी सम्‍मान राज्‍य अलंकरण में शामिल है। इसे राज्‍योत्‍सव के अवसर पर दिया जाता है।

PANDIRAM MANDAVI जानिए.. कौन हैं पंडीराम मंडावी

पद्म सम्‍मान के लिए चुने गए पंडीराम मंडावी गोंड मुरिया जनजातीय समाज से आते हैं। पंडीराम मंडावी शिल्‍पी हैं और परंपारगत वाद्ययंत्रों के साथ लकड़ी के शिल्‍पकला के माहिर हैं। उन्‍हें शिल्‍पकारी की वजह से पद्म सम्‍मान देने की घोषणा की गई है। पंडीराम मंडावी करीब पांच दशक से बस्‍तर की आदिवासी कला और संस्‍कृति को न केवल संरक्षित कर रहे हैं बल्कि उसे नई पहचान देने का प्रयास कर रहे हैं।

पंडीराम मंडावी बांसुरी बनाने के लिए ज्‍यादा प्रसिद्ध हैं। पंडीराम मंडावी बांस की बांसुरी बनाते हैं जिसे बस्‍तर में सुलुर कहते हैं। इसके साथ ही पंडीराम मंडावी ने लकड़ी के पैनलों मूर्तियां, उभरे हुए चित्र और अन्‍य शिल्‍प भी बनाते हैं। उन्‍होंने बस्‍तर के इस शिल्‍प को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर तक पहुंचाया है। पंडीराम मंडावी 12 वर्ष की उम्र से इस कला से जुड़े हुए हैं।

PANDIRAM MANDAVI पंडीराम मंडावी आठ से ज्‍यादा देशों का कर चुके के दौरा

अपनी कला के दम पर पंडीराम मंडावी आठ से अधिक देशों का दौरा कर चुके हैं। वहां अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। पंडीराम मंडावी अपनी कला नई पीढ़ी को भी सीखा रहे हैं। पंडीराम मंडावी अब तक कई कार्यशालाओं का आयोजन कर चुके हैं। इन कार्यशालाओं में एक हजार से ज्‍यादा कारीगरों को प्रतिशक्ष देकर शिल्‍प कला में पारंगत बना चुके हैं।

PANDIRAM MANDAVI टाइगर ब्वाय चेंदरू से क्‍या है पंडीराम मंडावी कनेक्‍शन

बस्‍तर के फेमस टाइगर ब्‍वाय चेंदरु मंडावी के साथ पंडीराम मंडावी का करीबी रि‍श्‍ता है। पंडीराम मंडावी चेंदरु के छोटे भाई हैं। बात दें कि स्‍वर्गवासी हो चुके चेंदरु राम हालीवुड की फिल्‍म में काम किए थे।

PANDIRAM MANDAVI केरल सरकार भी कर चुकी है पुरस्‍कृत

पंडीराम मंडावी को केरल सरकार भी पुरस्‍कृत कर चुकी है। केरल सरकार की ललित कला अकादमी ने उन्‍हें प्रतिष्ठित जे स्वामीनाथन पुरस्कार से सम्मानित किया था। पंडीराम मंडावी की बनाई काष्‍ट महानगरों में बड़े होटलों, एम्पोरियम की शोभा बढ़ा रही हैं। इंग्लैंड के प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय के म्यूजियम में भी उनकी काष्ठ कलाकृति लगी हुई हैं।

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