Power company के स्टोर में 12 साल में 3 आगजनी, ऊपर तक नहीं पहुंची जांच आंच, पढ़िए.. जांच रिपोर्ट्स की पूरी कहानी

Power company: रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी का राजधानी के गुढ़ियारी में एरिया स्टोर है। प्रदेश के इस सबसे बड़े स्टोर में पिछले साल भीषण आगजनी की घटना हुई थी। इसमें कंपनी को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कंपनी प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
इस कमेटी ने काफी पहले अपनी जांच रिपोर्ट कंपनी प्रबंधन को सौंप दी थी। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिये प्राप्त इस जांच रिपोर्ट में आग लगने के कारणों की विस्तार से जानकारी देने के साथ ही घटना के लिए जिम्मेदारी भी तय की गई है। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए सुझाव भी कमेटी ने दिया है। घटना और जांच रिपोर्ट को लेकर पढ़िए यह सिलसिलेवार रिपोर्ट…
Power company: ऊपर तक क्यों नहीं पहुंचती आंच
आरटीआई के जरिये जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के साथ ही पावर कंपनी में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ऐसी घटनाओं की जांच की आंच ऊपर तक क्यों नहीं पहुंचती। जांच रिपोर्ट में किसी वरिष्ठ अफसर की जिम्मेदारी क्यों नहीं तय की गई, जबकि इसमें लापरवाही पूरी तरह प्रबंधन की नजर आ रही है।
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बता दें कि इस मामले में कार्यपालन यंत्री अजय कुमार गुप्ता, कार्यपालन यंत्री अमित कुमार, सहायक यंत्री दिनेश कुमार सेन, कनिष्ठ यंत्री अभिषेक गहरवार, सहायक यंत्री नवीन एक्का, कनिष्ठ यंत्री नरेश बघमार, स्टोर कीपर बंसत कुमार देवांगन, परिचायक अभिषेक अवधिया पर कार्यवाही की गई थी।
Power company: 12 साल के भीतर एरिया स्टोर में लगी 3 बार आग
मार्च 2024 में एरियर स्टोर में लगी आग वहां 12 साल के भीतर तीसरी आगजनी की बड़ी घटना थी। एरिया स्टोर में आग लगने की पहली घटना 5 मई 2012 को हुई थी। इसके ठीक 10 दिन बाद 15 मई 2012 को दूसरी बार वहां आग लगी। इसके बाद 5 अप्रैल 2024 को तीसरी बार आग लगी। तीनों घटनाओं में पावर कंपनी को बड़ी आर्थिक क्षति हुई है।
Power company: तीन आगजनी की दो जांच रिपोर्ट
2012 में आग लगने की दोनों घटनाओं की जांच एक ही कमेटी ने की थी। जांच के लिए कंपनी प्रबंधन ने पावर कंपनी की कमेटी बनाई थी। इसमें इंजीनियर आरए पाठक, जीएल चंद्रा और एससी श्रीवास्तव के साथ एनके वर्मा शामिल थे। 2024 में लगी आग के लिए कंपनी प्रबंधन ने छह सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। इसमें इंजीनियर भीमसिंह कंवर (वितरण कंपनी के मौजूदा एमडी), सदीप वर्मा, यशवंत शिलेदार, गोपाल मूर्ति के साथ ए. श्रीनिवास राव और डीडी चौधरी शामिल थे।

Power company: जानिए.. चांज रिपोर्ट के अनुसार एरिया स्टोर में कैसे लगी
आग दोनों जांच रिपोर्ट में तीनों आगजनी की घटना शार्ट सर्किट की वजह से होने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एरिया स्टोर के अंदर से गुजर रही एचटी लाईन में स्पार्किंग के कारण निकली चिंगारी से वहां उगे बड़े-बड़े घांस में आग लग गई, जो वहां रखें ट्रांसफर और ऑयल तक पहुंच गई। इससे वहां भयंकर आगजनी हुई।

Power company: जानिए.. एरिया स्टोर में लगी आग में कंपनी को कितना हुआ आर्थिक नुकसान
तीन आगजनी की घटना में पावर कंपनी को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। 5 मई 2012 को लगी आग की जांच में 1.47 लाख रुपये नुकसान का आंकलन किया गया है। वहीं, जांच रिपोर्ट में 15 मई की आग में 4.46 लाख रुपये का नुकासन होने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह 2024 में लगी आग में कंपनी को 50.22 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
Power company: दोनों कमेटी की अनुशांसा में कई चीजें कामन
दोनों कमेटियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी दी है। आरए पाठक वाली कमेटी ने कुल 10 और भीमसिंह कंवर की कमेटी ने 9 सुझाव दिए हैं। इसमें सुरक्षा और सावधानी के सुझाव शामिल हैं। दोनों कमेटी ने पहले नंबर पर जो सुझाव दिया है वह है एरिया स्टोर के अंदर से गुजर रही 33 केवी की डब्ल सर्किट बिजली लाइन के स्थानांतरण का है। 2012 में आरए पाठक वाली कमेटी का पहला सुझाव भी यही था और 2024 में भीमसिंह कंवर की कमेटी ने भी पहला सुझाव यही दिया है।
Power company: प्रबंधन में बैठे लोगों की क्यों नहीं तय हो रही जिम्मेदारी
2024 में लगी आग की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद पावर कंपनी के कर्मचारियों के बीच घटना के लिए कंपनी प्रबंधन में बैठे लोगों की जिम्मेदारी तय करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। तर्क यह है कि 2012 में ही जांच कमेटी ने 33 केवी की एचटी लाइन को शिफ्ट करने का सुझाव दे दिया था तो कंपनी प्रबंधन उस पर अमल क्यों नहीं किया।
बताया जा रहा है कि लाइन शिफ्टिंग का प्रस्ताव भी प्रबंधन को भेज दिया गया था, लेकिन अब तक मामला पेंडिंग है।
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रिपोर्ट के आधार पर बिजली लाइन को एरिया स्टोर से बाहर शिफ्ट कर दिया गया जाता तो 2024 में इतनी बड़ी आग नहीं लगती। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि 2024 में लगी आग की वजह से कंपनी को हुए आर्थिक नुकसान के लिए पूरी तरक कंपनी प्रबंधन जिम्मेदार है।