December 3, 2024

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Power Cuts:  किस राज्‍य में होती है सबसे ज्‍यादा बिजली कटौती, बिजली आपूर्ति की स्थिति

Power Cuts:  चतुरपोस्‍ट न्‍यूज डेस्‍क

देश के कुछ चुनिंदा राज्‍य हैं जहां लोगों को 24 घंटे बिजली मिलती है,लेकिन वहां 24 घंटे बिजली की यह आपूर्ति पूरे राज्‍य में नहीं होती है बल्कि केवल शहरी क्षेत्रों में ही होती है। यानी देश का कोई भी ऐसा राज्‍य नहीं है जो अपने यहां सभी क्षेत्रों में लोगों को पूरे समय बिजली मुहैया करा रही है। ज्‍यादातर प्रदेशों में शहरी की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती ज्‍यादा होती है।

जानिए..बिजली से जुड़ी केंद्रीय योजनाएं

केंद्र सरकार  ने राज्यों को घरों में निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायता करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस), प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) आदि जैसी योजनाएं शुरू कीं।

Power Cuts:  जानिए.. देश की बिजली परियोजनाएं

राज्यों में वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए 1.85 लाख करोड़ रुपये  की परियोजनाएं चलाई गई हैं, जिसमें नए सबस्टेशन लगाने, उन्हें अपग्रेड करने, नई एचटी और एलटी लाइनें और अपग्रेडशन, कृषि फीडर पृथक्करण, एरियल बंच्ड केबल और भूमिगत केबलिंग आदि जैसे कार्य शामिल हैं। कुल 18,374 गांवों का विद्युतीकरण किया गया। डीडीयूजीजेवाई के तहत और सौभाग्य के दौरान 2.86 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया।

जानिए.. क्‍या है आरडीएसएस

इसके अलावा, केंद्र सरकार  ने वित्तीय रूप से टिकाऊ और परिचालन रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार लाने के उद्देश्य से संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) शुरू की। इस योजना का परिव्यय 3,03,758 करोड़ रुपये है और  2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि में केंद्र सरकार  से  97,631 करोड़ की सकल बजटीय सहायता के साथ इसे पूरा किया जाना है। 2.62 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं योजना के तहत वितरण बुनियादी ढांचे के कार्यों और स्मार्ट मीटरिंग कार्यों के लिए मंजूर की गई हैं।

Power Cuts:  क्‍या है बिजली आपूर्ति का राष्‍ट्रीय औसत

देश में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में बिजली आपूर्ति के औसत में मामूली बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल देश के ग्रामीण क्षेत्रों में औसत 21.9 घंटे बिजली मिल रही है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 23.4 घंटे। वहीं 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत 21.7 और शहरी क्षेत्रों में 23.3 घंटे बिजली मिलती थी।

उत्‍तर प्रदेश और बिहार में बिजली कटौती की स्थिति

सबसे बड़ी आबादी वाले राज्‍यों में शामिल उत्‍तर प्रदेश और बिहार में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन यूपी की तुलना में बिहार की स्थिति बेहतर है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 22 घंटे और शहरी क्षेत्रों में लगभग साढ़े 23 घंटे बिजली रहती है। इसके विपरीत उत्‍तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घंटे बिजली कटौती हो रही है। वहां ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को केवल 18 घंटे ही बिजली मिल रही है, जबकि शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का औसत 23 घंटे है।

जानिए..किन राज्‍यों में हो रही है बिजली की पर्याप्‍त आपूर्ति

देश में केवल तीन ही राज्‍य ऐसे हैं, जो अपने शहरी क्षेत्रों में पूरे 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। इनमें राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के साथ केरल और तेलंगाना शामिल हैं। इन राज्‍यों के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 24 घंटे बिजली नहीं मिलती है।

Power Cuts:  सरकार ने देश भर में निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पहल की है

पिछले दस वर्षों में 2,14,237 मेगावाट उत्पादन क्षमता जोड़ी गई। उत्पादन क्षमता मार्च 2014 में 2,48,554 मेगावाट से 79.5% बढ़कर जून, 2024 में 4,46,190 मेगावाट हो गई।

अप्रैल, 2014 से पूरे देश को एक फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले एक ग्रिड में जोड़ने के लिए 1,95,181 सीकेटी किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गईं। इससे 1,18,740 मेगावाट को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक ट्रांसफर करना संभव हो गया है।

2032 तक उत्पादन क्षमता में वृद्धि (निर्माणाधीन और चिन्हित) जैसा कि नीचे दिया गया है:

2032 तक न्यूनतम 80,000 मेगावाट की थर्मल क्षमता।

2032 तक 25,010 मेगावाट की जल बिजली क्षमता।

2032 तक 14,300 मेगावाट की परमाणु क्षमता।

2032 तक पंप भंडारण संयंत्रों (पीएसपी) की क्षमता 50,760 मेगावाट।

2032 तक 510 मेगावाट की छोटी पनबिजली क्षमता।

2032 तक 1,43,980 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता।

2032 तक 23,340 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता।

इस प्रकार, 2032 तक कुल प्रत्याशित क्षमता वृद्धि 3,37,900 मेगावाट होगी।     

बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 के नियम (10) के अनुसार, वितरण लाइसेंसधारी सभी उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली की आपूर्ति करेगा। हालांकि, आयोग कृषि जैसे उपभोक्ताओं की कुछ श्रेणियों के लिए आपूर्ति के कम घंटे निर्दिष्ट कर सकता है। नियम देश के सभी हिस्सों में एक समान लागू हैं।

दैनिक सप्लाई के औसत घंटे

राज्य           2022-23 (ग्रामीण)  2022-23 (शहरी)  2023-24 (ग्रामीण) 2023- 24 (शहरी)
अंडमान और निकोबार 22.2        22.6        22.2        22.4
आंध्र प्रदेश  23.5        23.9        23.6        23.9
अरुणाचल प्रदेश     18.3        19.4        20.1        22.1
असम       22.5        23.7        22.5        23.8
बिहार       20.1        23.6        22.2        23.6
चंडीगढ़    *              22.5        *              23.8
छत्तीसगढ                21.6        23.8        21.6        23.8
दिल्ली     *              24.0       *              24.0
गोवा        23.8        23.9        23.8        23.9
गुजरात    23.8        23.8        23.7        23.9
हरियाणा  19.4        23.6        19.4        23.8
हिमाचल प्रदेश        23.0       23.9        23.0       23.9
जम्मू एवं कश्मीर     17.7         22.5        19.0        21.7 
झारखंड   21.2         22.8        22.1         23.1
कर्नाटक  22.2        23.5        21.4        23.7
केरल       23.5        24.0       22.4        24.0
लद्दाख     22.2        23.4        22.2        23.3
मध्य प्रदेश               20.7       23.6        22.6        23.8  
महाराष्ट्र    23.8        23.9        23.8        23.9
मणिपुर    22.0       23.8        22.0       23.9
मेघालय   21.9        22.8        21.8        23.1
मिजोरम   23.4        23.7        22.3        23.6
नागालैंड  19.0        21.0        18.0        20.0
ओडिशा   23.4        23.5        23.4        23.7
पुदुचेरी    22.4        23.8        22.7        23.7   
 पंजाब      21.8        23.6        22.8        23.7
राजस्थान                 21.0        23.6        21.7         23.9
सिक्किम21.4       22.5   21.5       22.6
तमिलनाडु                23.9        24.0       23.5        24.0
तेलंगाना  21.8        23.9        21.9        24.0
त्रिपुरा      19.7        23.9        22.3        23.7
उत्तर प्रदेश               17.4        23.3        18.1         23.4
उत्तराखंड 21.4        23.6        21.4        23.7
पश्चिम बंगाल           23.4        23.8        23.4        23.9
राष्ट्रीय औसत           21.7         23.3        21.9        23.4
स्रोत- लोकसभा में ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार
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