PWD रायपुर। राजधानी के मोवा ओवर ब्रिज की मरम्मत में हुई गड़बड़ी के मामले में पांच इंजीनियरों पर गाज गिरी है। शिकायत के बाद डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने मोवा ब्रिज का औचक निरीक्षण किया था। साव के निरीक्षण के दौरान कार्य स्थल पर गुणवत्ताहीन / खराबी पाई गई।
इस संबंध में मुख्य अभियंता सेतु परिक्षेत्र, रायपुर ने केंद्रीय गुणवत्ता और अनुसंधान प्रयोगशाला से जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया। इसमें औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाईन्ड डेन्सिटी, मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाया गया। इस प्रकार कार्य अमानक स्तर और गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण का कार्य कराया जाकर कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपअभियंताओं द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है।
इस मामले में विवेक शुक्ला, कार्यपालन अभियंता, रोशन कुमार साहू, अनुविभागीय अधिकारी, राजीव मिश्रा, उपअभियंता, देवव्रत यमराज, उपअभियंता और तन्मय गुप्ता, उपअभियंता को निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय कार्यालय प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया जाता है।
नेलसनार-कोडोली-मिरतुल- गंगालुर मार्ग कुल लंबाई 52.40 कि.मी. के कार्य के संबंध में गठित जॉच दल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में पाई गई गड़बड़ीयों के गंभीर होने एवं संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत होने के कारण सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, गबन, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रतिवेदन देने, एवं ठेकेदार / निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य है।
PWD नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ीयों, गंभीर भ्रष्टाचार, मिलीभगत कर शासकीय राशि के अपव्यय एवं जानबूझकर गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किए जाने के कारण बी.एल. ध्रुव तत्का कार्यपालन अभियंता, आर.के. सिन्हा, अनुविभागीय अधिकारी और जी.एस. कोड़ोपी, उपअभियंता व अन्य संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण में BNS (भारतीय न्याय संहिता), PCA (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) एवं अन्य सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।