January 8, 2025

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Rajim Kumbh Kalp 2025 राजिम कुंभ कल्‍प 2025 की तैयारी शुरू, जानिए- इस बार कब से कब तक होगा आयोजन

Rajim Kumbh Kalp 2025 रायपुर। छत्‍तीसगढ़ का प्रयाग कहे जाने वाले राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है। विष्‍णुदेव साय ने आज आला अफसरों के साथ इसकी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान आयोजन की तारीख से लेकर विभिन्‍न विशेष स्‍नान को लेकर भी चर्चा हुई। श्रद्धालुओं के लिए किए जाने वाले इंतजाम आदि पर विस्‍तार से बात हुई।

Rajim Kumbh Kalp 2025 जानिए- कब से कब तक चलेगा राजिम में कुंभ कल्‍प 2025

राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 इस बार 12 फरवरी को शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा। इस बीच तीन विशेष स्‍नान का आयोजन होगा। राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 के लिए 52 एकड़ क्षेत्र में मेला का आयोजन किया जाएगा।

Rajim Kumbh Kalp 2025 जानिए- राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 में विशेष स्‍नान

राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 के दौरान इस बार तीन विशेष स्‍नान होंगे। इसमें पहला विशेष स्‍नान 12 फरवरी को होगा। इस दिन माघी पुन्‍नी है। इसके बाद जानकी जयंती के अवसर पर 21 फरवरी को संत समागम होगा। माघी पुन्‍नी मेला में 26 फरवरी को शाही स्‍नान का आयोजन किया जाएगा।

प्रतिदिन होगा संस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

राजिम में कुंभ कल्‍प 2025 के दौरान मेला का आयोजन होगा। इस दौरान प्रतिदिन शाम को सांस्‍कृतिक संघ्‍या का आयोजन होगा। इसमें देश और प्रदेश के कालाकार अपनी प्रस्‍तुती देंगे।

जानिए- राजिम में किन नदियों का होता है संगम

राजिम को छत्‍तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है, क्‍योंकि यहां तीन नदियों का संगम होता है। राजिम में जिन तीन नदियों का संगम होता है उनमें महानदी, पैरी और सेंढुर शामिल है।

Rajim Kumbh Kalp 2025 इस बार अखाड़ों के पहुंचने की संभावना कम

राजिम में होने वाले इस आयोजन में देशभर के विभिन्‍न अखाड़ों से संत और नागा साधु पहुंचते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार राजिम में आयोजन थोड़ा फिका हो सकता है। इसकी वजह प्रयाग में होने वाला कुंभ है। कुंभ की वजह से अखाड़ों के साधु संत इस बार प्रयाग में कल्‍पवास कर रहे हैं। ऐसे में राजिम में इस बार साधु संतों की संख्‍या कम रह सकती है।

जानिए- राजिम कुंभ का इतिहास

राजिम में त्रिवेणी संगम के साथ राजिव लोचन मंदिर और कुलेश्‍वर महादेव का मंदिर है। यहां प्राचीन समय से ही पुन्‍नी मेला का आयोजन होता था। माघी पुन्‍नी मेला छत्‍तीसगढ़ की परंपरा में शामिल है। छत्‍तीसगढ़ अगल राज्‍य स्‍थापना के बाद 2001 में राजिम में राजीव लोचन महोत्‍सव का आयोजन शुरू किया गया। 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आई। तब प्रदेश के धर्मस्‍व और संस्‍कृति विभाग की जिम्‍मेदारी बृजमोहन अग्रवाल के हाथों में थी। अग्रवाल की पहल पर 2005 से राजिम मेला का नाम राजिम कुंभ किया गया। राजिम के साथ कुंभी जोड़े जाने पर आपत्ति के बाद संतों की सलाह पर इसे कुंभ कल्‍प का नाम दिया गया।

Rajim Kumbh Kalp 2025 कांग्रेस सरकार ने बदल दिया था नाम

2018 में प्रदेश में सत्‍ता परिवतर्न होने के बाद कांग्रेस की सरकार ने राजिम कुंभ कल्‍प का नाम बदलकर फिर से माघी पुन्‍नी मेला कर दिया था। सत्‍ता में वापसी करते ही भाजपा ने फिर इसे कुंभ कल्‍प कर दिया है। कुंभ कल्‍प के नाम से होने वाला यह आयोजन माघी पुन्‍नी से शुरू होकर शिवरात्रि तक 15 दिनों तक चलता है।

Rajim Kumbh Kalp 2025 जानिए- रामायण से राजिम का क्‍या है संबंध

माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्‍मण ने सबसे लंबा वक्‍त दंडकारण्‍य में बिताया था। इस दौरान भगवान राम राजिम भी गए थे। मान्‍यता के अनुसार राजिम में माता सीता ने रेत से शिवलिंग बनाया था। राजिम में स्थित राजीव लोचन मंदिर के बारे में मान्‍यता है कि इसे स्‍वयं भगवान विश्‍वकर्मा ने बनाया था।

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