April 2, 2025

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Rehabilitation Policy-2025 विष्‍णुदेव साय सरकार ने जारी कर दी- छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण-पीड़ित राहत पुनर्वास नीति 2025

Rehabilitation Policy-2025 रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़े जाने के उद्देश्य व पर्याप्त सुरक्षा और पुनर्वास के लिए इस संबंध में पूर्व में जारी छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति 2023 को संशोधित करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025″ लागू करती है

यह नीति, “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025” कहलाएगी। यह इस नीति को लागू किए जाने की तिथि से 02 वर्ष की अवधि तक अथवा नवीन नीति लागू किए जाने तक प्रभावशील रहेगी। इसका लाभ, परिभाषित पीड़ित व्यक्ति/परिवार (मृत्यु और गंभीर घायल स्थायी अपंगता प्रकरणों में) को राज्य गठन के बाद से और आत्मसमर्पित नक्सलियों को नीति के लागू होने के दिनांक से प्राप्त होगें।

Rehabilitation Policy-2025 नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास-

a. नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के राहत व पुनर्वास के लिए केन्द्र और छत्‍तीसगढ़ शासन की नीति के तहत् कार्यवाही की जाएगी।

b. समस्त शासकीय विभाग अपने विभागीय नियमों में उक्त नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संशोधन व दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

c. इस नीति को लागू करने में होने वाले व्यय की पूर्ति, नीति में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार अथवा संबंधित विभागीय स्तर पर की जाएगी।

1. पुनर्वास कार्ययोजना के क्रियान्वयन और समीक्षा के लिए निम्न समितियों का गठन किया जाएगा-

a. जिला स्तरीय समिति राहत एवं पुनर्वास से संबंधित कार्ययोजना को कार्यान्वित करने व समीक्षा करने के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें पुलिस अधीक्षक सदस्य-सचिव, जिला वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा कलेक्टर द्वारा नामांकित जिले के 02 अन्य शासकीय अधिकारी भी सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त, इस समिति में जिले में कार्यरत केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।

b. राज्य स्तरीय समिति राहत एवं पुनर्वास से संबंधित कार्ययोजना को कार्यान्वित करने व समीक्षा करने के लिए राज्य स्तर पर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें पुलिस महानिदेशक, सदस्य रहेंगे एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक/उप पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल अभियान) सदस्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, गृह विभाग द्वारा नामांकित शासकीय अधिकारी सदस्य होंगे। खण्ड (क) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों का राहत एवं पुनर्वास

2 . (1) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति/परिवार से आशय ऐसे व्यक्ति/परिवार से है :-

a. जिस व्यक्ति/परिवार के सदस्य की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई हो, नक्सली घटना में मृत्यु/स्थाई अपंगता, स्थाई तौर पर शारीरिक रूप से अक्षम कर दिया गया हो अथवा गंभीर रूप से घायल कर दिया गया हो।

b. जिस व्यक्ति/परिवार की चल अचल संपत्ति को नक्सलियों द्वारा क्षति पहुंचा दी गई हो।

c. परिवार के अंतर्गत परिवार के मुखिया, मुखिया की पत्नी, पुत्र, पुत्री, आश्रित माता-पिता एवं आश्रित भाई-बहन शामिल होंगे।

d. शासकीय सेवा में नियुक्ति या किसी भी आर्थिक सुविधा/लाभ के लिए पीड़ित परिवार के किसी अन्य सदस्य का शासकीय सेवा में होना उसकी अर्हता को प्रभावित नहीं करेगा।

E. पुलिस के विशेष सहयोगी को नक्सलियों द्वारा क्षति पहुंचाने पर वे भी नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति की श्रेणी में सम्मिलित होंगे। (पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पुलिस के विशेष सहयोगी होने के संबंध में अनुशंसा किए जाने पर उक्त व्यक्ति को पुलिस का विशेष सहयोगी माना जावेगा। समिति का गठन पुलिस अधीक्षक द्वारा किया जाएगा।)

1. ऐसा व्यक्ति जिसे स्वयं का या जिसकी संपत्ति को नक्सली पुलिस मुठभेड़ के दौरान कास फायरिंग इत्यादि के कारण क्षति कारित हुई है। व्यक्ति की क्षति में मृत्यु तथा शारीरिक अपंगता व अन्य गंभीर चोट सम्मिलित है। (40 प्रतिशत या अधिक स्थाई अपंगता में स्थाई अपंगता के लिए निर्धारित राशि का पूर्ण भुगतान किया जाएगा। स्थाई अपंगता एवं गंभीर चोट की स्थिति जिला मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र के आधार पर मान्य होगा)

8. राज्य अंतर्गत घटित नक्सली हिंसा में यदि अन्य राज्य के व्यक्ति/परिवार पीड़ित होते हैं, तो वे भी इस नीति के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।

h. पीड़ित परिवार/व्यक्ति से आशय नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवार व्यक्ति से है।

3. नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति / परिवार के राहत एवं पुनर्वास के लिए प्रक्रिया-

(a) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों द्वारा राहत एवं पुनर्वास के लिए पुलिस अधीक्षक आवेदन प्राप्त होने पर प्रकरण की वस्तुस्थिति का परीक्षण कर प्रकरण आवश्यक दस्तावेजों सहित 30 दिवस के भीतर जिला स्तरीय समिति को अपने अभिमत के साथ अग्रेषित करेंगे।

(b) जिला स्तरीय समिति नक्सलवाद पीड़ित प्रकरणों को पुलिस अधीक्षक से प्राप्त कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही के लिए प्रत्येक माह बैठक करेगी।

(c) पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही 120 दिन के अंदर पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए संबंधित सभी विभागाध्यक्षों को अवगत कराया जाएगा तथा प्रत्येक विभाग उपरोक्त समयावधि में अपने विभाग से संबंधित कार्यवाही पूर्ण करेंगे। यदि किसी कारणवश जिला स्तर पर पुनर्व्यवस्थापन के किसी प्रकरण के निराकरण में कठिनाई आती है, तो उसे राज्य स्तरीय अंतर्विभागीय समिति के समक्ष प्रेषित किया जाएगा। प्रकरण प्राप्ति के 60 दिवस के भीतर समिति उसका निराकरण करेगी।

(d) जिला स्तरीय समिति के द्वारा नीति के क्रियान्वयन की प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी।

(e) राज्य स्तरीय समिति के द्वारा नीति के क्रियान्वयन की प्रत्येक माह में समीक्षा की जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 4. नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति / परिवार/घायल/क्षति के लिए सुविधाएं –

4.1 सहायता राशि संबंधी सुविधाएं

4.1.1 नक्सली हिंसा में किसी आम नागरिक के मृत शारीरिक रूप से अपंग होने गंभीर रूप से घायल होने, किसी व्यक्ति की संपत्ति की आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से क्षति होने पर उन्हें निम्नानुसार राहत/सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी :-

नक्सली गतिविधियों के कारण किसी व्यक्ति की संपत्ति को आंशिक या पूर्ण रूप से कोई क्षति पहुंचती है, तो ऐसी संपत्ति की बीमा राशि को घटाकर उपरोक्त निर्धारित मुआवजा दिया जाएगा। वाहनों का सम्पूर्ण दस्तावेज मोटर यान अधिनियम 1988 तथा मोटर यान (संशोधन) अधिनियम 2019 के नियमानुसार वैध होना आवश्यक होगा।

4.1.2 (a) अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्यों के प्रकरणों में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 एवं अत्याचार निवारण नियम 12 (चार) के अंतर्गत पात्रता होने पर अतिरिक्त राहत राशि आदिम जाति विकास विभाग द्वारा भी उपलब्ध करायी जाएगी।

(b) पीड़ित व्यक्तियों को केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना या अन्य प्रचलित योजनाओं के अंतर्गत पात्रता होने पर अतिरिक्त राहत राशि संबंधित विभाग द्वारा भी उपलब्ध करायी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 4.2 भूखंड संबंधी सुविधाएं

4.2.1 हत्या, गंभीर चोट या स्थाई अपंगता के प्रकरणों में सुरक्षा तथा अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए यदि शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में पुनर्वास करना आवश्यक हो, ग्रामीण क्षेत्र में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि अथवा शहरी क्षेत्रों में 04 डिसमिल (1742 वर्गफुट) आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। यदि भू-खण्ड उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो पीड़ित परिवार को ग्रामीण क्षेत्र में 4.00 लाख रूपये एवं शहरी क्षेत्र में 8.00 लाख रूपये सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में मुआवजा राशि मात्र समावेश किया गया है। व्यवहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी।

4.2.2 ऐसे पीड़ित परिवार द्वारा 03 वर्ष के भीतर कृषि भूमि कय करने पर अधिकतम 02 एकड़ की भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी।

4.3 शासकीय सेवा में नियुक्ति संबंधी सुविधाएं

4.3.1 यदि किसी नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध अभियान में, पुलिस को विशेष सहयोग दिया गया हो, जिसके कारण उसकी संपत्ति एवं प्राणों की सुरक्षा को वास्तविक खतरा उत्पन्न हो गया हो अथवा किसी ऐसे नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार का पुत्र/पुत्री जो पुलिस विभाग में आना चाहता है तथा जिसकी पुलिस विभाग में विशेष उपयोगिता है, ऐसे विशिष्ट प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक रेंज/नक्सल अभियान/विशेष आसूचना शाखा प्रमुख की सहमति से पुलिस अधीक्षक, ऐसे व्यक्तियों को पुलिस विभाग के अधीन निम्नतम पदों पर, अर्थात आरक्षक या उसके समकक्ष पदों पर, योग्यतानुसार नियुक्त कर सकेगा अथवा किसी अन्य विभाग के पदों पर उपरोक्त बिन्दु के अनुसार भर्ती के लिए अनुशंसा सहित जिला स्तरीय समिति को प्रेषित कर सकेगा। आरक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षा/शारीरिक मापदंड/आयु में किसी प्रकार की छूट देने के लिए, पुलिस महानिरीक्षक सक्षम होंगे। यह प्रावधान आम जनता के उन व्यक्तियों के लिए भी लागू होगा जिन्होंने नक्सलियों के विरूद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग किया हो अथवा स्वयमेव आम जनता की रक्षा व शासकीय/अशासकीय संपत्ति की सुरक्षा के दौरान नक्सलियों से मुकाबला किया हो।

Rehabilitation Policy-2025 4.3.2 नक्सलियों द्वारा की गई हत्या के प्रकरणों में तथा पुलिस के साथ कार्य करते समय नक्सली घटना में मृत्यु के प्रकरणों में पीड़ित परिवार के सदस्यों में से किसी एक सदस्य को यदि वह शासकीय सेवा में नियुक्ति होने की पात्रता रखता हो, तो शासकीय सेवा में नियुक्ति उसी प्रकार दी जाएगी जैसे अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में दी जाती है। जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर किसी भी विभाग में जिला प्रमुख की सहमति से नियुक्ति की जा सकेगी। यह नियुक्ति समिति के द्वारा विचारण के 02 वर्ष के भीतर प्रदान की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का अधिकार संभागीय आयुक्त को होगा। तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रकरण विशेष में लिए गये निर्णय की तिथि से, 03 वर्ष का समय प्रदान किया जाएगा। निर्धारित तकनीकी योग्यता प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था जहाँ तक संभव हो, किया जाएगा। इस समयावधि में उसे प्रतिवर्ष 25 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। पुलिस विभाग में तृतीय श्रेणी के समकक्ष पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का अधिकार रेंज पुलिस महानिरीक्षक को होगा। तकनीकी पदों में भर्ती के लिए तकनीकी मापदण्ड में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। जहां बच्चे अवयस्क है उनके वयस्क होने के उपरांत 03 वर्ष तक अतिरिक्त समय प्रदान किया जाएगा।

4.3.3 हत्या के ऐसे प्रकरणों में, जिसमें किसी कारणवश शासकीय सेवा प्रदान नहीं की जा सकती है, ऐसे नक्सलवाद पीड़ित परिवारों को इसके एवज में 15 लाख रूपये (पत्नी-बच्चों को 10 लाख रूपये तथा माता-पिता को 05 लाख रूपये) की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। उक्त राशि में से 12 लाख रूपये (पत्नी-बच्चों के लिए 08 लाख रूपये तथा माता-पिता के लिए 04 लाख रूपये) 03 वर्ष के लिए सावधि जमा (Fixed Deposit) किया जाएगा एवं ब्याज आहरण की अनुमति रहेगी। शेष 03 लाख रूपये (पत्नी-बच्चों के लिए 02 लाख रूपये एवं माता-पिता के लिए 01 लाख रूपये) तत्काल प्रदाय किया जाएगा।

4.3.4 ऐसे प्रकरण जिसमें नक्सलवाद विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्य की हत्या हुई हो तथा किसी कारणवश शासकीय सेवा प्रदान नहीं की जा सकती है, ऐसे पीड़ित परिवार को कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से रूचि अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

4.3.5 नक्सलवाद पीड़ित परिवार के सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान करने में किसी कारणवश विलम्ब हो रहा हो, तो परिवार के तत्काल जीवन निवर्हन एवं भरण-पोषण के लिए शासकीय सेवा में नियुक्त होने तक दैनिक वेतनभोगी/संविदा/कलेक्टर दर पर नियुक्त किया जाएगा।

4.4 शिक्षा एवं छात्रवृत्ति संबंधी सुविधाएं

4.4.1 पीड़ित परिवार में ऐसे कम उम्र के बच्चे, जो 18 वर्ष से कम के हों और अध्ययनरत हों, उन्हें समीप के छात्रावास/आश्रम में रहने की सुविधा एवं शिष्यवृत्ति छात्रवृत्ति ठीक उसी प्रकार उपलब्ध करायी जाएगी, जैसे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के बच्चों को उपलब्ध करायी जाती है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनो नहीं है उन्हें इस सुविधा का लाभ अनिवार्यतः प्रदाय किया जाएगा।

4.4.2 नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति के पुत्र-पुत्री शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, तो उन्हे छात्रवृत्ति की सुविधा, नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर, उपलब्ध करायी जाएगी। नक्सलवाद पीड़ित परिवार के बच्चों को छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों (प्रचलित नियमानुसार) में तथा आवासीय स्कूलों में 12वीं तक प्राथमिकता के आधार पर, निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी। छात्रावास की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा उनकी योजनांतर्गत की जाएगी।

इसके अतिरिक्त नक्सली पीड़ित व्यक्ति के बच्चों को ‘प्रयास आवासीय विद्यालयों’ में कक्षा 8वी तथा 10वी उत्तीर्ण करने उपरांत कमशः 9वी एवं 11वी में सीधे प्रवेश प्रदान किया जाएगा। राज्य में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में पीड़ित परिवार के बच्चों को पात्रतानुसार प्रवेश दिया जाएगा। (राज्य शासन द्वारा अति नक्सलवाद प्रभावित जिलों में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पीड़ित परिवार के बच्चों के लिए 100 सीट आरक्षित किया जाएगा।)

4.4.3 (a) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति, यदि स्वयं की अथवा उनके पुत्र-पुत्री की शिक्षा, निजी शिक्षण संस्थानों से प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत् निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षित सीट में प्रवेश दिये जाने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही उन्हें इस के लिए शासन की प्रचलित योजना अन्तर्गत अनुदान राशि प्रदान किया जाएगा।

नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति यदि स्वयं की अथवा उनके पुत्र-पुत्री की शिक्षा पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय से प्राप्त करना चाहते है तो उन्हें उक्त सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

1. (b) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति, यदि स्वयं अथवा उनके पुत्र-पुत्री तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, तो 25,000/- रूपये प्रतिवर्ष सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। उल्लेखित सहायता राशि किसी शासकीय संस्था/शासकीय प्रोग्राम में अध्यनरत् रहने पर दिया जाएगा।

(c) नक्सलवाद पीड़ित परिवार के पात्र विद्यार्थियों को राज्य के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में अतिरिक्त सीट का सृजन कर प्रवेश दिया जाएगा। निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को आदिम जाति विकास विभाग की प्रचलित योजनांतर्गत दी जाने वाली राशि के समतुल्य सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 4.5 अन्य सुविधाएं

4.5.1 नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न प्रचलित योजनाओं के अंतर्गत नियमानुसार प्राथमिकता देते हुए सहायता दी जाएगी। जिन जिलों/विकास खंडों का चयन इन योजनाओं के अंतर्गत किया गया है, वहां इन योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए आवश्यकतानुसार ऋण तथा अनुदान उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में पीड़ित व्यक्ति को प्रचलित योजनाओं की पूरी जानकारी देते हुए उसकी इच्छा व योग्यतानुसार लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा विभाग में प्रचलित स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन में नियमानुसार प्राथमिकता प्रदान करते हुए सहायता प्रदान की जाएगी।

4.5.2 नक्सलवाद पीड़ित व्यक्तियों को कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

4.5.3 महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सक्षम योजना के अंतर्गत स्वयं का व्यवसाय आरंभकरने के लिए महिला को आसान शर्तों पर 40 हजार रूपये के गुणांक में राशि 2.00 लाख रूपये तक का ऋण प्रदाय किया जाएगा। उक्त ऋण पर लगने वाली 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज का वहन राज्य शासन द्वारा किया जाएगा।

4.5.4 नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के तहत् पौनी-पसारी योजना अंतर्गत नक्सलवाद पीड़ित महिलाओं को शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय के लिए प्राथमिकता के आधार पर बबूतरा उपलब्ध कराया जाएगा।

4.5.5 राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा प्रचलित महिला कल्याण से संबंधित योजनाओं में नक्सलवाद पीड़ित महिलाओं को लाभार्थी के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी।

4.5.6 नक्सलवाद पीड़ित महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उन्हें शासन की प्रचलित योजनाओं का लाभप्रदान करते हुए, स्वःसहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधि/कुटीर उद्योगों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इनके उत्पादों के विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाएगा।

4.5.7 (a) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति को राज्य में स्थित किसी निजी औद्योगिक संस्थान द्वारा उसे स्थायी नौकरी दिये जाने की स्थिति में, राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 के अन्तर्गत, नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति को नौकरी देने वाले संस्थानों को इनके शुद्ध वेतन/पारिश्रमिक की 40 प्रतिशत अनुदान राशि (05 वर्ष तक एवं 05 लाख वार्षिक सीमा तक) की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जाएगी।

(b) नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति को औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 के अन्तर्गत औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए अनुदानों में 10 प्रतिशत अधिक अनुदान प्रदाय किया जाएगा।

4.5.8 छत्तीसगढ़ में निवासरतू समस्त नक्सलवाद पीड़ित परिवार को प्राथमिकता परिवार राशन कार्ड जारी किया जाएगा तथा निर्धारित पात्रता एवं दर अनुसार राशन सामग्री प्रदान किया जाएगा।

4.5.9 छत्तीसगढ़ में निवासरत् समस्त नक्सलवाद पीड़ित परिवार के लिए प्रचलित स्वास्थ्य योजनाओं जैसे निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें/चिकित्सकीय सेवायें/ हेल्थ केयर के लिए कार्ड, आदि का लाभ दिया जाएगा।

4.5.10 राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा प्रचलित दिव्यांगजन से संबंधित योजनाओं में नक्सली हिंसा में स्थायी अपंग हुए व्यक्ति को लाभार्थी के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी।

4.5.11(a) नक्सली हिंसा में पीड़ित एवं पुलिस के विशेष सहयोगी के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अंतर्गत दीनदयाल आजीविका योजना (शहरी) में प्राथमिकता के आधार पर लाभ प्रदान किया जाएगा।

(b) नक्सली हिंसा में पीड़ित के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एवं प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिथि योजना) योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।

(c) नक्सली हिंसा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जिला उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अंतर्गत प्रचलित योजनाओं के तहत् स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

Rehabilitation Policy-2025 4.5.12 (a) नक्सलवाद पीड़ित परिवार को उर्जा विभाग अंतर्गत संचालित योजना के तहत बी.पी.एल. हितग्राही की तर्ज पर निःशुल्क घरेलू विद्युत कनेक्शन अथवा सौर उर्जा के माध्यम से विद्युत कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी।

(b) ऐसे व्यक्तियों से कृषि पंप के विद्युतीकरण के लिए आवेदन प्राप्त होने पर उर्जा विभाग द्वारा विभागीय योजना अंतर्गत आवेदन का प्राथमिकता पर निराकरण किया जाएगा।

4.5.13 राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा प्रचलित कल्याणकारी योजनाओं में नक्सली हिंसा से पीड़ित व्यक्ति/परिवार को लाभार्थी के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी।

4.5.14 नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति के परिवार को शासन के प्रचलित प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिकता पर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। नक्सलवाद पीड़ित परिवार के ऐसे बच्चे, जिनके माता पिता नहीं हैं, को उनकी उम्र एवं परिस्थिति के आधार पर संवदेनापूर्वक विचार करते हुए उनकी देखरेख, शिक्षा एवं जीविका के लिए शासन के विभिन्न योजनाओं के तहत निर्णय लिया जाएगा।

Rehabilitation Policy-2025 4.6 विविध –

4.6.1 नक्सली हिंसा से पीड़ित व्यक्ति/परिवार को राहत के लिए प्रदान किए जाने वाले राहत/सहायता राशि गृह विभाग के बजट के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाएगी। इस राहत/सहायता राशि को पीड़ित व्यक्ति/परिवार को प्रदान करने के लिए राशि का आहरण एवं संवितरण, जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टर का यह दायित्व होगा कि यथाशीघ्र, घटना के 10 दिवस के भीतर, पूरी राशि का भुगतान नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति/परिवार को हो जाये। बिना पूर्व आबंटन के भी, सुगमता से राशि आहरण के लिए, वित्त विभाग द्वारा प्रावधान किया जाएगा। उक्त बजट से राशि आहरण एवं वितरण कर, गृह विभाग व वित्त विभाग को इसकी सूचना तीन दिवस के भीतर भेजेंगे। कलेक्टर द्वारा भुगतान की गई राशि का प्रावधान उसी वित्तीय वर्ष के प्रथम द्वितीय/तृतीय अनुपूरक अनुमान में कराना आवश्यक होगा।

Rehabilitation Policy-2025 4.6.2 नक्सलवाद पीड़ित परिवार में वैध उत्तराधिकारी यदि अवयस्क हो तो, नीति अन्तर्गत प्राप्त होने वाली राशि, उत्तराधिकारी के वयस्क होने तक सावधि जमा (Fixed Deposit) की जाएगी एवं ब्याज आहरण की अनुमति रहेगी तथा उत्तराधिकारी को उक्त राशि का भुगतान उसके वयस्क होने के उपरांत प्रदाय किया जाएगा।

4.6.3 नीति के तहत् लाभान्वित व्यक्तियों की पहचान ट्रेकिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक ही व्यक्ति को एक ही प्रकरण में पुनः लाभ न दिया जाये। इसे यथासंभव आधार से जोड़ा जाएगा।

4.6.4 जिला स्तरीय समिति द्वारा नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति/परिवार को नीति में उल्लेखित सुविधाओं का लाभ पात्रतानुसार दिये जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

4.6.5 समग्र रूप से पुनर्वास को दृष्टिगत रखते हुए कुछ विशिष्ट श्रेणियों (विद्यार्थी, महिला, गंभीर घायल/स्थायी अपंग एवं पुलिस के विशेष सहयोगी) को सुविधाओं का गुलदस्ता बनाकर उपलब्ध कराया जाएगा।

a) पीड़ित विद्यार्थी पोढ़ेम आयनेद (गोंड़ी), हिन्दी अर्थ-विद्यांजलि

b) पीड़ित महिला पारयानेद (गोंड़ी), हिन्दी अर्थ-उड़ान

c) गंभीर घायल स्थायी अपंग मुन्ने दायना डाका (गोंड़ी), हिन्दी अर्थ बढ़ते कदम

d) पुलिस के विशेष सहयोगी अस्साल संगतौर (गोंड़ी), हिन्दी अर्थ समर्थ साथी

4.6.6 नक्सली हिंसा से पीड़ित को राहत के लिए प्रदान की जाने वाली राहत/सहायता राशि गृह विभाग के बजट शीर्ष “मांग संख्या-4-शीर्ष 2235-सामाजिक सुरक्षा और कल्याण-60 अन्य सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कार्यक्रम 200 अन्य योजना 2653 पूर्वादृष्टि प्रयोजनों के लिए अनुदान सहायक अनुदान-4-आर्थिक सहायता-सहायक अनुदान” आयोजनेत्तर मद के अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 खण्ड (ख) आत्मसमर्पित नक्सली का राहत एवं पुनर्वास

Rehabilitation Policy-2025 5. आत्मसमर्पित नक्सली से आशय-

भारत शासन/छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विधि विरूद्ध कियाकलाप अधिनियम 1967/छ.ग. जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 (क. 14 सन् 2006) के अंतर्गत कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माओवादी) एवं उसके अग्र संगठन दण्डकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, कांतिकारी आदिवासी महिला संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ, कांतिकारी किसान कमेटी, महिला मुक्ति मंच, आर.पी.सी. अथवा जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंच तथा पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एल.एफ.आई.), तृतीय प्रस्तुति कमेटी, झारखण्ड जनमुक्ति परिषद, जनहित कांति पार्टी, मूलवासी बचाओ मंच का सदस्य, चाहे वह किसी भी पद पर हो एवं शासन द्वारा समय-समय पर इस प्रकार घोषित विधि विरूद्ध नक्सली संगठन का सदस्य हो या रहा हो।

ऐसे व्यक्ति जो छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो अथवा नहीं, परन्तु छत्तीसगढ़ राज्य में उक्त संगठनों के क्रियाकलाप में संलिप्त हो, आत्मसमर्पण के लिए पात्र माने जायेगें।

ऐसे व्यक्ति जो छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर उपरोक्त संगठनों के क्रियाकलाप में सक्रिय है, उनकी उपयोगिता के संबंध में संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रमाणित किए जाने पर आत्मसमर्पण के लिए पात्र माने जायेगें। ऐसे आत्मसमर्पित नक्सली के संबंध में संबंधित राज्य से इस आशय का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा कि आत्मसमर्पित नक्सली को संबंधित राज्य में पुनर्वास की सुविधा लाभ प्रदाय नहीं किया गया है।

6. आत्त्मसमर्पण एवं पुनर्वास के लिए प्रक्रिया-

6.1 आत्मसमर्पण की नीति के अन्तर्गत लाभ देने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के दिशा-निर्देश दिनांक 29 अगस्त 2022 एवं समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देश के तहत राज्य स्तरीय जांच एवं पुनर्वास कमेटी (Screening-cum-Rehabilitation Committee) का गठन तथा आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास अधिकारी (Surrender-cum-Rehabilitation Officer) नामांकित किया जाएगा।

Rehabilitation Policy-2025 6.2 नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण करने पर, उनसे पुनर्वास नीति के अन्तर्गत राहत प्रदान करने के संबंध में आवेदन प्राप्त किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रकरण की वस्तुस्थिति का परीक्षण एवं आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर, प्रकरण को अपने अभिमत के साथ 30 दिवस के भीतर जिला स्तरीय समिति को अग्रेषित किया जाएगा। आत्मसमर्पित नक्सली से संबंधित आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में प्रशासन द्वारा समुचित सहयोग प्रदान किया जाएगा।

6.3 जिला स्तरीय समिति द्वारा आत्मसमर्पित नक्सली के प्रकरणों को पुलिस अधीक्षक से प्राप्त होने पर, प्रत्येक माह बैठक कर पुनर्वास की कार्यवाही की जाएगी।

6.4 प्रकरण प्राप्त होने के 60 दिनों के अंदर जिला स्तरीय समिति निराकरण करेगी। पुनर्वास की कार्यवाही 120 दिन के अंदर पूर्ण कर ली जाएगी।

6.5 पुनर्वास की कार्यवाही के लिए संबंधित सभी विभागों को अवगत कराया जाएगा तथा प्रत्येक विभाग निर्धारित समयावधि में अपने विभाग से जुड़ी हुई कार्यवाही पूर्ण करेंगे। यदि किसी कारणवश जिला स्तर पर पुनर्वास के किसी प्रकरण के निराकरण में कठिनाई होती हो तो उसे राज्य-स्तरीय अंतर्विभागीय समिति के समक्ष प्रेषित किया जाएगा। प्रकरण प्राप्ति के 60 दिनों के अंदर समिति उसका निराकरण करेगी।

Rehabilitation Policy-2025 6.6 जिला स्तरीय समिति के द्वारा नीति के क्रियान्वयन की प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी।

6.7 राज्य स्तरीय समिति के द्वारा नीति के क्रियान्वयन की प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी।

6.8 आत्मसमर्पित नक्सली के पुनर्वास में यह सिद्धांत रहेगा कि वह हिंसात्मक गतिविधि छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होते हुए राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कार्य करेगा, जिसका अनुसरण अन्य नक्सलियों द्वारा किया जा सकता है।

6.9 आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास एवं अनुदान आदि दिये जाने में निम्न बातों को दृष्टिगत् रखना आवश्यक होगा-

Rehabilitation Policy-2025 (i) उम्र (ii) शिक्षा (iii) सामाजिक व आर्थिक पृष्ठिभूमि, (iv) व्यवसाय का मापदंड जिसे वह पुनर्वास  के लिए स्वीकार करना चाहता है (v) पुनर्वास की विस्तृत योजना (vi) वामपंथ उग्रवाद उन्मूलन अभियान में सहयोग।

6.10 गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास के लिए दिशा-निर्देश’ दिनांक 29 अगस्त 2022 की कंडिका 4 (सी), 6.2, 6.3, 6.5 एवं 6.6 के तहत आत्मसमर्पित नक्सली को आत्मसमर्पण के पश्चात् ट्रॉजिट कैम्प/पुनर्वास केन्द्र में रखा जाना, आत्मसमर्पणकर्ता के रूचि के अनुसार ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाना, अधिकतम 36 माह तक प्रतिमाह 10,000/- रूपये मानदेय (Stipend) के रूप में दिया जाना आदि प्रक्रिया केन्द्र शासन के दिशा-निर्देश (Guidelines) के अनुरूप पूर्ण किया जाएगा।

Rehabilitation Policy-2025 7. सुविधाएं :-

7.1 प्रोत्साहन राशि/प्रतिपूर्ति राशि/अनुदान राशि संबंधी सुविधाएं

7.1.1 (a) आत्मसमर्पित नक्सली ने यदि शस्त्रों के साथ समर्पण किया है, तो ऐसे समर्पित शस्त्रों के बदले मुआवजे के रूप में शासन द्वारा निम्नानुसार प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की जा सकेगी-

(b) नक्सलियों द्वारा लगाई गई 05 किग्रा. या अधिक की आई.ई.डी. बरामद कराने पर 15 हजार रूपये तथा 10 किग्रा. या अधिक की आई.ई.डी. बरामद कराने पर 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि आत्मसमर्पित नक्सली को प्रदाय की जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 (c) आत्मसमर्पित नक्सली द्वारा नक्सलियों के बड़े डम्प (हथियार निर्माण ईकाई से संबंधित समस्त उपकरण जैसे लेथ मशीन, कटर, ड्रील उपकरण, जनरेटर आदि, स्वचालित हथियारों का डम्प, 20 किग्रा. या अधिक विस्फोटक का डम्प) की बरामदगी कराये जाने पर 01 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

7.1.2 उपर्युक्त के अतिरिक्त गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास के लिए दिशा-निर्देश’ दिनांक 29 अगस्त 2022 की कंडिका 4 (बी) के तहत अथवा समय-समय पर संशोधित नियमानुसार आत्मसमर्पित नक्सलियों को आर्म्स एम्युनेशन के साथ आत्मसमर्पण करने पर दी जाने वाली राशि अतिरिक्त देय होगी, जिसकी नियमानुसार प्रतिपूर्ति की जाएगी।

7.1.3 आत्मसमर्पण पश्चात् प्रत्येक आत्मसमर्पणकर्ता को रूपये 50,000/- प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाएगा।

7.1.4 अविवाहित अथवा जीवित पति/पत्नी न होने की स्थिति में आत्मसमर्पण करने के 03 वर्ष के भीतर आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने का इच्छुक है तो उसको रूपये 01.00 लाख की अनुदान राशि विवाह के समय दी जाएगी। विवाह की स्थिति में पत्ति/पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली होने की स्थिति में, दोनो को एक इकाई मानकर लाभ दिया जाएगा।

7.2 आवास/भूखण्ड संबंधी सुविधाएं

7.2.1 राज्य में सक्रिय रूपये 05 लाख या अधिक के ईनामी नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण के पश्चात् शहरी क्षेत्र में अधिकतम 04 डिसमिल (1742 वर्गफुट) जमीन आवास के लिए अथवा ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 01 हेक्टेयर कृषि भूमि दिया जाएगा। जमीन नहीं दिये जाने की स्थिति में अचल संपत्ति अथवा जमीन कय करने के लिए रूपये 02 लाख अनुदान राशि दिया जाएगा। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में मुआवजा राशि मात्र समावेश किया गया है। व्यवहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी।

Rehabilitation Policy-2025 7.2.2 ऐसे आत्मसर्पित नक्सली जो विशेष रूप से पुलिस को नक्सली विरूद्ध अभियान में सहयोग कर रहे है, आत्मसमर्पण उपरांत नक्सली को अपने परिवार को रखने के लिए जिला स्तरीय समिति द्वारा चयनित स्थान पर ग्रामीण/शहरी क्षेत्र में प्रचलित आवास योजना/प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास प्रदान किया जाएगा अथवा आवास निर्माण के लिए नियमानुसार त्वरित सहायत्ता के रूप में योजना में प्रावधानित राशि भी प्रदान की जा सकेगी। आवास पूर्ण होने तक सुरक्षा की दृष्टि से ट्रांजिट कैम्प में रखे जाने की व्यवस्था की जाएगी। आवास नही दिये जाने की स्थिति में 1 लाख 20 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

7.2.3 आत्मसमर्पणकर्ता द्वारा आत्मसमर्पण के 03 वर्ष के भीतर यदि कोई कृषि भूमि कय की जाती है तो अधिकतम 02 एकड़ की सीमा तक कय की गई भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी।

7.3 शासकीय सेवा में नियुक्ति संबंधी सुविधाएं

7.3.1 यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया गया हो, जिसके कारण उसकी संपत्ति एवं प्राणों की सुरक्षा को वास्तविक खतरा उत्पन्न हो गया हो तो ऐसे विशिष्ट प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक रेज/नक्सल अभियान/विशेष आसूचना शाखा प्रमुख की सहमति से पुलिस अधीक्षक, ऐसे व्यक्तियों को पुलिस विभाग के अधीन निम्नतम पदों पर अर्थात आरक्षक या उसके समकक्ष पदों पर योग्यतानुसार नियुक्त कर सकेगा अथवा किसी अन्य विभाग के पदों पर, उपरोक्त बिन्दु के अनुसार भर्ती के लिए अनुशंसा सहित जिला स्तरीय समिति को प्रेषित कर सकेगा। यह प्रावधान उन आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए ही लागू होगा जिन्होंने नक्सलियों के विरूद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग किया हो अथवा स्वयंमेव आम जनता की रक्षा व शासकीय/अशासकीय संपत्ति की सुरक्षा के दौरान नक्सलियों से मुकाबला किया हो।

Rehabilitation Policy-2025 7.3.2 अतिरिक्त सुविधाएं लाभ जिन्हें मात्र सक्रिय ईनामी आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रदान करने पर विचारण किया जाएगा वह इस प्रकार है-

(a) सक्रिय 05 लाख या अधिक के ईनामी नक्सली के प्रकरण में आत्मसमर्पित नक्सली या उसके परिवार के सदस्य में से किसी एक को यदि वह शासकीय सेवा में नियुक्ति होने की पात्रता रखता हो, तो शासकीय सेवा में नियुक्ति किए जाने पर विचार किया जाएगा। जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर किसी भी विभाग में जिला प्रमुख की सहमति से नियुक्ति की जा सकेगी। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का अधिकार संभागीय आयुक्त एवं रेंज पुलिस महानिरीक्षक की समिति को होगा। तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रकरण विशेष में लिए गये निर्णय की तिथि से, 03 वर्ष का समय प्रदान किया जाएगा। निर्धारित तकनीकी योग्यता प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था जहाँ तक संभव हो, किया जाएगा। तकनीकी पदों में भर्ती के लिए तकनीकी मापदण्ड में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।

कंडिका 7.7.3 के अनुसार तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 06 माह तक आत्मसमर्पित नक्सली का अच्छा आवरण सिद्ध होने पर, पुलिस अधीक्षक से प्रमाण के आधार पर, ही शासकीय सेवा में लिया जा सकेगा।

Rehabilitation Policy-2025 (b) राज्य में सक्रिय 05 लाख या अधिक के इनामी आत्मसमर्पित नक्सली जिन्हे शासकीय सेवा प्रदान नहीं की गयी है, ऐसे आत्मसमर्पित नक्सली को इसके एवज में 10 लाख रूपये की अतिरिक्त एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी। इस राशि को जिला स्तरीय समिति द्वारा किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में

आत्मसमर्पणकर्ता के नाम पर, सावधि जमा (Fixed Deposit) कराया जाएगा एवं इससे मिलने वाले व्याज की राशि को उन्हें प्रदान किया जाएगा। 03 वर्ष की अवधि के पश्चात् आत्मसमर्पणकर्ता के चाल-चलन एवं आचरण की समीक्षा उक्त समिति द्वारा किया जाकर यह राशि एकमुश्त प्रदान की जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 7.4 शिक्षा एवं छात्रवृत्ति संबंधी सुविधाएं

7.4.1 आत्मसमर्पित नक्सली के पुत्र-पुत्री शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, तो उन्हे छात्रवृत्ति की सुविधा, नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर, उपलब्ध करायी जाएगी। आत्मसमर्पित के परिवार के बच्चों को, 18 वर्ष की आयु तक, उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों (प्रचलित नियमानुसार) में तथा आवासीय स्कूलों में 12वीं तक प्राथमिकता के आधार पर, निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी। छात्रावास की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा उनकी योजनांतर्गत की जाएगी।

आत्मसमर्पित नक्सली यदि स्वयं शिक्षा प्राप्त करने का इच्छुक है, तो संबंधित विभाग की प्रचलित योजना के अन्तर्गत शिक्षा एवं लाभ प्रदान किया जाएगा।

7.4.2 आत्मसमर्पित नक्सली, यदि स्वयं की अथवा उनके पुत्र-पुत्री की शिक्षा, निजी शिक्षण संस्थानों से प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत् निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षित सीट में प्रवेश दिये जाने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही उन्हें इस के लिए शासन की प्रचलित योजना अन्तर्गत अनुदान राशि प्रदान किया जाएगा।

7.5 अन्य सुविधाएं

7.5.1 आत्मसमर्पित नक्सलियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न प्रचलित योजनाओं के अंतर्गत नियमानुसार प्राथमिकता देते हुए सहायता दी जाएगी। जिन जिलों/विकास खंडों का चयन इन योजनाओं के अंतर्गत किया गया है, वहां इन योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए आवश्यकतानुसार ऋण तथा अनुदान उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में आत्मसमर्पित नक्सली को प्रचलित योजनाओं की पूरी जानकारी देते हुए उनकी इच्छा व योग्यतानुसार लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा विभाग में प्रचलित स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन में नियमानुसार प्राथमिकता प्रदान करते हुए सहायता प्रदान की जाएगी।

7.5.2 (a) आत्मसमर्पित महिला नक्सली को प्राथमिकता के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उन्हें शासन की प्रचलित योजनाओं का लाभप्रदान करते हुए, स्वःसहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधि/कुटीर उद्योगों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इनके उत्पादों के विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाएगा।

(b) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सक्षम योजना के अंतर्गत स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने के लिए महिला को आसान शर्तों पर 40 हजार रूपये के गुणांक में राशि 2.00 लाख रूपये तक का ऋण प्रदाय किया जाएगा। उक्त ऋण पर लगने वाली 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज का वहन राज्य शासन द्वारा किया जाएगा।

7.5.3 छत्तीसगढ़ में निवासरत आत्मसमर्पित नक्सली को प्राथमिकता परिवार राशन कार्ड जारी किया जाएगा तथा निर्धारित पात्रता एवं दर अनुसार राशन सामग्री प्रदान किया जाएगा।

7.5.4 छत्तीसगढ़ में निवासरत आत्मसमर्पित नक्सली के परिवार को प्रचलित स्वास्थ्य योजनाओं जैसे निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें/चिकित्सकीय सेवायें/ हेल्थ केयर के लिए कार्ड आदि का लाभ दिया जाएगा।

7.5.5 (a) आत्मसमर्पित नक्सली को ऊर्जा विभाग अंतर्गत संचालित योजना के तहत बी.पी.एल. हितग्राही की तर्ज पर निःशुल्क घरेलू विद्युत कनेक्शन अथवा सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 (b) ऐसे व्यक्तियों से कृषि पंप के विद्युतीकरण के लिए आवेदन प्राप्त होने पर उर्जा विभाग द्वारा विभागीय योजना अंतर्गत आवेदन का प्राथमिकता पर निराकरण किया जाएगा।

7.5.6 आत्मसमर्पित नक्सली के Reverse Vasectomy के आपरेशन/शल्य चिकित्सा पर हुये व्यय की प्रतिपूर्ति जिला स्तरीय समिति द्वारा इस नीति के तहत की जाएगी, बशर्ते कि आपरेशन राज्य से मान्यता प्राप्त चिकित्सालय में किया गया हो।

7.5.7 (a) आत्मसमर्पित नक्सली को राज्य में स्थित किसी निजी औद्योगिक संस्थान द्वारा उसे स्थायी नौकरी दिये जाने की स्थिति में, राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 के अन्तर्गत, आत्मसमर्पित नक्सली को नौकरी देने वाले संस्थानों को इनके शुद्ध वेतन/पारिश्रमिक की 40 प्रतिशत अनुदान राशि (05 वर्ष तक एवं 05 लाख वार्षिक सीमा तक) की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जाएगी।

(b) आत्मसमर्पित नक्सलियों को जिला उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अंतर्गत प्रचलित योजनाओं के तहत् स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

7.6 सामूहिक आत्मसमर्पण –

7.6.1 नक्सली संगठन के किसी फार्मेशन ईकाई के 80 प्रतिशत या अधिक सक्रिय सदस्यों द्वारा सामूहिक आत्मसमर्पण करने पर उन सदस्यों के विरूद्ध शासन द्वारा घोषित ईनामी राशि की दोगुनी राशि प्रदान की जाएगी।

7.6.2 अति नक्सलवाद प्रभावित जिलों (सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर एवं कांकेर) के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की समिति द्वारा चिन्हित अति माआवोद प्रभावित विकासखण्डों के अधीन किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में सकिय समस्त नक्सली सदस्यों एवं मिलिशिया को आत्मसमर्पण कराये जाने पर तथा उक्त ग्राम पंचायत को नक्सलवाद मुक्त घोषित किए जाने पर 01 करोड़ रूपये के विकासात्मक कार्य स्वीकृत किए जायेंगे। ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय नक्सली सदस्यों के संबंध में जिला पुलिस द्वारा संधारित सूची अधिकृत मानी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 7.7 विविध –

7.7.1 आत्मसमर्पित नक्सली पति एवं पत्नी को पृथक-पृथक ईकाई माना जाएगा और उन्हें पुनर्व्यवस्थापित करने के लिए दोनों को पुनर्वास योजना के लाभ दिये जायेंगे। परंतु यह कि, जहाँ किसी प्रचलित योजना के तहत पति पत्नी को एक ही इकाई माना जाने का प्रावधान है, वहाँ उन्हें एक ही इकाई मानते हुए लाभ दिए जाएंगे। उन पर घोषित ईनाम की राशि के संबंध में पृथक-पृथक ईकाई मानकर राशि प्रदान की जाएगी।

7.7.2 आत्मसमर्पित नक्सली को राहत के लिए प्रदान किए जाने वाले राहत/सहायता राशि गृह विभाग के बजट के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाएगी। इस राहत/सहायता राशि को आत्मसमर्पित नक्सली को प्रदान करने के लिए राशि का आहरण एवं संवितरण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टर

का यह दायित्व होगा कि यथाशीघ्र आत्मसमर्पण के 10 दिवस के भीतर पूरी राशि का भुगतान आत्मसमर्पित नक्सली को हो जाये। बिना आबंटन के सुगमता पूर्व राशि आहरण के लिए वित्त विभाग द्वारा प्रावधान किया जाएगा। उक्त बजट से राशि आहरण एवं वितरण कर गृह विभाग व वित्त विभाग को इसकी सूचना तीन दिवस के भीतर भेजेंगे। कलेक्टर द्वारा भुगतान की गई राशि का प्रावधान उसी वित्तीय वर्ष के प्रथम द्वितीय/तृतीय अनुपूरक अनुमान में कराना आवश्यक होगा।

7.7.3 आत्मसमर्पित नक्सली के विरूद्ध यदि पूर्व में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हो, तो उनके द्वारा नक्सलवाद उन्मूलन में दिये गये योगदान को ध्यान में रखते हुए आपराधिक प्रकरणों को समाप्त करने पर शासन विचार कर सकेगा। आत्मसमर्पित नक्सली के पूर्व में अपराध में संलिप्त होने के बाद भी 06 माह तक उसके चाल चलन को देखने के पश्चात् अच्छे आचरण सिद्ध होने पर शासन द्वारा गठित मंत्रिपरिषद् की उप समिति द्वारा विचार किया जा सकेगा।

7.7.4 आत्मसमर्पित नक्सलियों द्वारा राहत एवं पुनर्वास के पश्चात् नक्सली संगठनों से संपर्क रखने की जानकारी प्राप्त होने पर तथा उसकी पुष्टि किए जाने पर ऐसे आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास के लिए उपलब्ध करायी गई ऋण राशि एवं संसाधनों को पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर, जिला कलेक्टर द्वारा राजसात कराने की कार्यवाही की जाएगी।

7.7.5 जिला स्तरीय समिति द्वारा पुनर्वास केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त आत्मसमर्पित नक्सली का आचरण एवं प्रशिक्षण के संबंध में आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास अधिकारी (Surrender-cum-Rehabilitation Officer) को वार्षिक प्रतिवेदन प्रेषित किया जाएगा। पुनर्वास फेन्द्र का औचक निरीक्षण आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास अधिकारी (Surrender-cum-Rehabilitation Officer) समय-समय पर किया जाएगा।

7.7.6 आत्मसमर्पित नक्सली को राहत के लिए प्रदान की जाने वाली राहत/सहायता राशि गृह विभाग के बजट शीर्ष “मांग संख्या -4-शीर्ष 2235-सामाजिक सुरक्षा और कल्याण-60 अन्य सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कार्यक्रम -200 अन्य योजना 2653 पूर्वादृष्टि प्रयोजनों के लिए अनुदान सहायक अनुदान – 14 आर्थिक सहायता-सहायक अनुदान” आयोजनेत्तर मद के अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 खण्ड (ग) छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों के विरूद्ध घोषित ईनाम

8.1 छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों के विरूद्ध उनके पद के अनुरूप निम्नानुसार ईनाम राशि घोषित किया जाता है। नक्सलियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को तथा नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण करने पर यह राशि आत्मसमर्पित नक्सली को प्रदाय की जाएगी।

8.2 ईनाम के वितरण का दुरूपयोग न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए ईनाम प्रकरणों पर विचार एवं निर्णय पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित वरिष्ठ अधिकारियों की समिति (कम से कम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित) द्वारा किया जाएगा, जिसमें पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वित्तीय सलाहकार एवं गृह विभाग के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा।

8.3 (a) आत्मसमर्पित नक्सली के विरूद्ध घोषित ईनाम राशि का 10 प्रतिशत के बराबर राशि अथवा रूपये 05 लाख, जो न्यूनतम हो, नक्सली के समर्पण के लिए मदद करने/समर्पण कराने वाले पुलिस सुरक्षाकर्मी को पृथक से देय होगा। (यदि समर्पण कराने वाले सदस्य दो या दो से अधिक है, तो उक्त राशि का वितरण समान भाग में किया जाएगा)

(b) यदि आत्मसमर्पण कराने में आत्मसमर्पणकर्ता के परिवार के सदस्य अथवा आमजन ने विशेष सहयोग किया हो, तो उस सदस्य या आमजन को 50,000/- रूपये की सहयोग राशि पृथक से प्रदान की जाएगी।

8.4 आत्मसमर्पित नक्सली, समर्पण पश्चात् यदि पुनः अपराध में संलिप्त होते है, तो उन्हें समर्पण के लिए दी गई घोषित ईनाम/प्रोत्साहन राशि की वसूली की जा सकेगी।

8.5 उपर्युक्त के अतिरिक्त भारत सरकार, गृह मंत्रालय नई दिल्ली के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति दिनांक 29 अगस्त 2022 की कंडिका 4 (ए) के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को दी जाने वाली राशि अतिरिक्त देय होगी, जिसकी नियमानुसार प्रतिपूर्ति की जाएगी :-

(a) प्रत्येक स्टेट कमेटी सदस्य/रिजनल कमेटी सदस्य सेन्ट्रल कमेटी सदस्य/पोलित ब्यूरो सदस्य का आत्मसमर्पित करने पर इन्हें 5,00,000/-राशि देय होगा।

(b) प्रत्येक एरिया कमाण्डर/जोनल कमाण्डर/सब जोनल कमाण्डर या ऐसे हार्डकोर नक्सली जिन्हे राज्य की पुर्नवास समिति चिन्हित करें, उन्हे 2,50,000/- राशि देय होगा।

8.6 आत्मसमर्पित नक्सलियों को दिये जाने वाली ईनाम की राशि को राष्ट्रीयकृत बैंक में 03 साल के लिए सावधि जमा (Fixed Deposit) में रखा जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा आत्मसमर्पित नक्सली का आचरण अच्छा प्रमाणित किए जाने पर आत्मसमर्पित नक्सली उक्त राशि को निकाल सकता है। डिपाजिट राशि के आधार पर खुद के रोजगार के लिए बैंक से ऋण ले सकता है।

8.7 ईनामी नक्सली को जिंदा या मुर्दा पकड़ने वाले पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को दी जाने वाली ईनाम राशि गृह विभाग के बजट शीर्ष “मांग संख्या 3 शीर्ष 2055 पुलिस-लघुशीर्ष-109-जिला पुलिस, योजना शीर्ष 4491- सामान्य व्यय (जिला स्थापना), शीर्ष 18-000 पारितोषिक मद अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

8.8 आत्मसमर्पित नक्सली द्वारा आत्म समर्पण करने पर उनके पद के अनुरूप घोषित ईनाम राशि गृह विभाग के बजट शीर्ष “मांग संख्या-4-शीर्ष 2235-सामाजिक सुरक्षा और कल्याण-60 अन्य सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कार्यक्रम 200 अन्य योजना 2653 पूर्वादृष्टि प्रयोजनों के लिए अनुदान सहायक अनुदान 14 आर्थिक सहायता सहायक अनुदान” आयोजनेत्तर मद के अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

Rehabilitation Policy-2025 9. सामान्य निर्देश :-

1. राज्य शासन द्वारा इस नीति में समय-समय पर संशोधन किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ लोकसेवा गारंटी अधिनियम, 2011, उसके अधीन बनाये गये सभी नियमों एवं समय-समय पर किए गये संशोधनों में विभिन्न सेवाओं के लिए लागू समय सीमा इस नीति में उल्लेखित सेवाओं/बिन्दुओं के लिए यथावत् लागू होंगी।

2. छ.ग. शासन के आदेश क्रमांक एफ-4-20/गृह सी/2023 नवा रायपुर, अटल नगर, दिनांक 06/04/2023 के द्वारा जारी छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 में संशोधन करते हुये नवीन छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 में प्रावधानों को सम्मिलित करते हुये जारी होने के दिनांक से लागू माना जाएगा।

3. इस नीति के लागू होने की तिथि से छ.ग. शासन के आदेश क्रमांक एफ-3-107/2008/गृह-दो/रायपुर दिनांक 20.08.2014, आदेश क्रमांक एफ-3-107/2008/ गृह-दो/रायपुर दिनांक 11.09. 2014 आदेश क्रमांक एफ-3-107/2008/ गृह-दो/रायपुर दिनांक 08.12.2014 द्वारा नक्सलियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए जारी आदेश अधिक्रमित माने जायेंगे।

4. चल/स्थायी संपत्ति एवं जीविकोपार्जन साधनों की क्षति पर राहत राशि/पुनर्वास सुविधाओं संबंधी प्रावधान नक्सल पीड़ित निजी व्यक्तियों/परिवारों पर ही लागू होंगे।

5. जिला स्तरीय समिति द्वारा आत्मसमर्पित नक्सली को नीति में उल्लिखित सुविधाओं का लाभपात्रतानुसार दिये जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

सभी संबंधित विभाग इस नीति के प्रावधानों को लागू किए जाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर नियमों/प्रावधानों में 60 दिन में संशोधन करेंगे एवं आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

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