Judicial Service रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने दिव्यांगों को सरकारी नौकरी में दिए जाने वाले आरक्षण में बदलाव किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ निम्नतर न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम, 2006 संशोधन किया है।
राज्य सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार यह बदलाव राज्यपाल, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के परामर्श से किया गया है। इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 34 के अधीन निम्नलिखित व्यक्तियों के लिए चार प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित होंगीः-
(क) “अल्प दृष्टि” और “दृष्टि बाधित” व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत।
(ख) “बधिर” को छोड़कर “श्रवण बाधित” व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत ।
(ग) “चलन, निःशक्तता”, ‘कुष्ठ रोग से मुक्त”, “बौनापन”, “तेजाब आक्रमण से पीड़ित”, “प्रमस्तिष्क घात” और “पेशीय दुष्पोषण” वाले व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत।
(घ) प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किये गये पदों में खण्ड (क) से खण्ड (ग) के अधीन व्यक्तियों में से “स्वपरायणता” और “बहुदिव्यांगता” वाले व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत।
(ङ) सेवा में भर्ती में संदर्भित दिव्यांगजनों के लिए, दिव्यांगता का प्रतिशत इस संबंध में समय-समय पर जारी राज्य सरकार के कार्यकारी निर्देशों / नियमों / परिपत्रों के अनुसार होगा।
Judicial Service इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि जहां किसी भर्ती वर्ष में संदर्भित दिव्यांगता वाले उपयुक्त व्यक्ति की अनुपलब्धता के कारण या किसी अन्य पर्याप्त कारण से, यदि कोई रिक्ति भरी नहीं जा सकेगी, तो ऐसी रिक्ति, पश्चात्वर्ती भर्ती वर्ष में अग्रनीत होगी। यदि पश्चात्वर्ती भर्ती वर्ष में भी उपयुक्त संदर्भित दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होते है, तो पहले यह चार प्रवर्गों में से अदला-बदली द्वारा हो सकेगी।
केवल जब उक्त वर्ष में भी उस पद, के लिए दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है, तो नियोक्ता, दिव्यांगजन से भिन्न किसी व्यक्ति की नियुक्ति द्वारा रिक्ति को भर सकेगा।
यह और कि यदि किसी स्थापना में रिक्तियों की प्रकृति ऐसी है, कि दिये गये प्रवर्ग के व्यक्ति को नियोजित नहीं किया जा सकता, तो ऐसी रिक्तियों को समुचित सरकार के पूर्व अनुमोदन से उक्त चार प्रवर्गों में अदला बदली की जा सकेगी।