Samviliyan: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार फिर एक बार संविलियन की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। संविलियन के दायरे में आ चुके सभी शिक्षा कर्मियों का संविलियन होगा। इसके लिए सरकार ने फिल्ड से जानकारी मांगी है। सरकार के निर्देश पर नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी संयुक्त संचालकों को पत्र जारी किया है। इसमें बचे हुए शिक्षा कर्मियों की पूरी जानकारी देने के लिए कहा गया है।
जानिए.. संविलियन के संबंध में क्या जारी हुआ आदेश
नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक ने राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग के संयुक्त संचालकों को एक पत्र जारी किया है। इसमें अपर संचालक ने लिखा है कि सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता (नगरीय निकाय) के पद पर कार्यरत रहते हुए शिक्षाकर्मियों के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण, लंबी अनुपस्थिति व निलंबन प्रकरणों के कारण स्कूल शिक्षा विभाग में आज पर्यन्त संविलियन से वंचित है।
संविलियन के लिए लंबित प्रकरणों का परीक्षण कर, संविलियन का प्रस्ताव अभिमत एवं स्पष्ट अनुशंसा सहित जानकारी आपके संभाग क्षेत्रान्तर्गत आने वाली नगरीय निकायों से निर्धारित प्रपत्र में एकजाई कर 03 दिवस के भीतर हार्ड एवं सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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Samviliyan: जानिए…कितने शिक्षा कर्मियों का होगा संविलियन
प्रदेश में कितने शिक्षा कर्मियों का अब शिक्षा विभाग में संविलियन होगा इसको लेकर शिक्षक नेताओं का कहना है कि ऐसे शिक्षा कर्मियों की संख्या लगभग 300 होगी। ये शिक्ष कर्मी अब संविलियन के नियमों के दायरे में आ गए हैं। इसी वजह से सरकार ने उनके संविलियन की प्रक्रिया शुरू की है। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
भाजपा सरकार में हुआ था संविलियन का फैसला
प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फैसला डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ही किया था। हालांकि इसके लिए शिक्षा कर्मियों को लंबा संघर्ष करना पड़ा था। कई दौर के आंदोलन के बाद सरकार संविलियन के लिए राजी हुई थी। इसके बाद शिक्षा कर्मियों का अलग-अलग वर्गों में संविलियन किया गया। फिर एक बार विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार संविलियन की प्रक्रिया शुरू की है।
Samviliyan: पहले भी जारी किया था पत्र
नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक ने शिक्षा कर्मियों के संविलिन के लिए जानकारी देने के संबंध में 5 सितंबर को संयुक्त संचालकों को पत्र लिखा है। इससे पहले अपर संचालक ने 8 अगस्त को भी एक पत्र लिखा था, लेकिन सभी कार्यालयों से जानकारी नहीं मिली। इस वजह से उन्होंने फिर एक पत्र जारी किया है। अफसरों का कहना है कि मैदानी कार्यालय से जानकारी प्राप्त होने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।