September 21, 2024

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Suryakant: जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी का सननीखेज आरोप: जानिए-विशेष जज से क्‍या कहा..

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Suryakant: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कथित कोयला घोटाला में आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने राज्‍य के एक आला पुलिस अफसर पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है। सूर्यकांत ने अपने वकील के जरिये रायपुर स्थित विशेष कोर्ट के जज से लिखित में शिकायत की है। सूर्यकां‍त ने अफसर पर जेल में आकर धमकाने का आरोप लगाया है। अपनी बात को साबित करने के लिए सूर्यकांत ने केंद्रीय जेल रायपुर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करने का आगह किया है। सूर्यकांत के इस आवेदन को कांग्रेस ने सार्वजनिक किया है।

विशेष जज को दिए आवेदन में सूर्यकांत ने लिखा है कि न्यायालय ने अपराध क्रमांक 03/2024 में न्यायालय के अभिरक्षा में केन्द्रीय कारागार, रायपुर में निरूद्ध है। आवेदक को गिरफ्तारी 30.05.2024 के उपरांत ए.सी.बी. के द्वारा 14 दिनों की कस्टोडियल रिमांड में लिया गया था, जिसके बाद आवेदक केन्द्रीय कारागार, रायपुर में न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है।

वकील के  जरिये कोर्ट में दिया लिखित आवेन

आवेदन में सूर्यकांत ने लिखा है कि 09.09. 2024 को आवेदक से मिलने वकील मुलाकात में जेल गये थे जहां पर आवेदक ने उन्हें बताया कि दिनांक 08. 09.2024 को दिन रविवार समय लगभग दोपहर 12:00 बजे जेल प्रशासन की ओर से आवेदक को जेल अधीक्षक के कक्ष में पहुंचने हेतु सूचना मिली थी। जब उसने जेल अधीक्षक के कक्ष में प्रवेश किया तो आवेदक ने देखा कि वरिष्‍ठ पुलिस अफसर जेल अधीक्षक कक्ष में अकेले बैठे हुए हैं। आवेदक के वहां पहुंचने पर अफसर ने उससे यह कहा कि “14 दिन की पुलिस रिमांड के दौरान तुम मुझे मुर्ख बनाते रहे हो, तुम यह अच्छे से जान लो कि सौम्या चौरसिया खत्‍म हो चुकी है और भूपेश बघेल अब कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाला है, भले ही अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार ही क्यों न बन जाए, तुम्हें अभी कोई बचाने वाला नहीं है, बेहतर यह है कि तुम यह कह दो कि कोयला परिवहन में हुए भ्रष्टाचार का पूरा पैसा सौम्या चौरसिया के माध्यम से भूपेश बघेल को गया है।”

Suryakant: सूर्यकांत ने अपने अधिवक्ताओं को यह भी बताया है कि उसने पुलिस अफसर से अत्यंत विनम्रतापूर्वक कहा कि उसने पूर्व में ही उनको तथा ए.सी.बी. के अधिकारियों को बता चुका है कि न तो वह किसी घोटाले में लिप्त है और ना ही उसे सौम्या चौरसिया और भूपेश बघेल द्वारा किसी भ्रष्टाचार किये जाने के संबंध में कोई जानकारी है, जिसे सुनते ही अफसर बहुत गुस्से में आ गये और उन्होंने आवेदक से यह कहा कि “तुम्हें मैं डी.एम. एफ. और दूसरे घोटालों के आरोप में फंसा दूंगा, तुम जिंदगी भर जेल में सड़ोगे, तुम्हें कोई बचा नहीं पायेगा, लोकल कोर्ट और हाईकोर्ट से भी तुम्हें कोई राहत नहीं मिलेगी, हम जैसा चाहेंगे वैसा होगा।”

सूर्यकांत ने अपने अधिवक्ताओं को यह भी बताया कि अफसर ने उससे यह भी कहा कि “तुम यह भी देख लेना कि मैं अपने कार्यकाल में ही तुमको, सौम्या को और भूपेश को रायपुर न्यायालय से सजा दिलाकर रहूंगा। तुम देख ही रहे हो कि दो साल से तुम सभी जेल में हो और तुम लोगों को कोई नहीं छुड़ा पाया, तुम्हारे दो भाई भी गिरफ्तार हो चुके हैं, परिवार में बचे शेष सदस्यों का भी वही हाल करूंगा।”

सूर्यकांत ने अपने वकील को यह भी बताया कि वह निरंतर विनम्रता पूर्वक अनुरोध कर रहा था उसके बाद भी अफसर आवेदक को लगातार गंदी गालियां दे रहे थे और धमकाते हुए आवेदक से यह भी कहा कि तुम्हारा भाई रजनीकांत ए.सी.बी. के कस्टडी में है उसके साथ जो व्यवहार होगा उसकी भी जानकारी तुमको मिल जायेगी।

आवेदक ने अपने अधिवक्ताओं को यह भी बताया कि अफसर की कुंठा, प्रताड़ना और निरंतर अपमान से आवेदक की सहनशक्ति समाप्त हो गई तो उसने उनसे यह कहा कि आप सब सक्षम हैं, आप मेरे पूरे परिवार को अपराधी बना दीजिये और आप मुझे एवं मेरे पूरे परिवार के सदस्यों को झूठे प्रकरणों में फंसा देंगे तो मेरे पास जीवित रहने का कोई मतलब ही नहीं रहेगा।

यह भी बताया कि अफसर ए.सी.बी. से संबंधित प्रकरणों में जेल में निरूद्ध आरोपियों से 3-4 महिने से लगातार मिलने जेल के अंदर आते हैं और उन अपराधियों को भी डराते और धमकाते हैं परंतु डर के कारण किसी भी अपराधी ने न्यायालय को उपरोक्त संबंध में शिकायत करने की हिम्मत नहीं की। आवेदक को यह भी भय है कि अगर आवेदक अफसर की बात नहीं मानेगा तो आवेदक के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कोई भी अनहोनी घटना हो सकती है जिसके लिए आवेदक काफी परेशान है। सूर्यकांत ने यह भी बताया कि उसका परिवार असुरक्षित है। उसके तथा उसके परिवार के साथ कोई भी क्षति कारित की जा सकती है और अगर ऐसी कोई क्षति कारित होती है तो उसके लिए अफसर ही जिम्मेदार होंगे।

Suryakant: जेल गेट का कैमरा चेक करने का आग्रह

सूर्यकांत ने न्यायालय से आग्रह किया है कि जेल के गेट में लगे कैमरे का पिछले 15 दिन का फुटेज आहूत करके न्यायालय स्वयं आंकलन करे कि कौन-कौन लोग आवेदक के द्वारा बताई गई तिथी में जेल के मुख्य द्वार से अंदर आए हैं और आवेदक की शिकायत का इससे आंकलन हो सकेगा। न्यायालय से यह भी निवेदन है कि जेल के आगंतुक रजिस्टर की भी जांच कराई जाए जिससे ये सच्चाई सामने आ सकेगी कि जो व्यक्ति जेल परिसर के अंदर आये हैं जिनका फुटेज दिख रहा है उन्होंने नियमानुसार अनुमति और जेल रजिस्टर में उनके नाम का इंद्राज हुआ है या नहीं। आवेदक वर्तमान में न्यायालय की न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है और उसके प्रकरण का विचारण होना अभी शेष है।

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