Tariff आयोग में सदस्यों की कुर्सी खाली: ऐसे में कैसे होगी नई दरों पर सुनवाई, जानिए..अध्यक्ष और पूर्व सचिव ने क्या कहा..
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Tariff रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली की नई दरें के एक अप्रैल से लागू होने पर संशय है। राज्य की तीनों बिजली कंपनियों ने टैरिफ का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया है, लेकिन अब तक उस पर जनसुनवाई शुरू नहीं हो पाई है। दरअसल, आयोग में चेयरमैन के साथ सदस्य के दो पद हैं। इस वक्त सदस्य के दोनों पर खाली हैं। इसी वजह से सुनवाई की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
सदस्यों के पद रिक्त होने के बावजूद क्या जनसुनवाई हो सकती है, इस पर आयोग विधि सलाह ले रहा है। आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा का कहना है कि चूंकि आयोग में सदस्यों के पद खाली है, इस वजह से फिलहान टैरिफ प्रस्ताव पर जनसुवाई की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
जानिए.. आयोग के पूर्व सचिव की क्या है राय
सदस्यों के न होने से क्या आयोग की जनसुनवाई समेत अन्य कार्यवाही पर क्या असर पड़ता है। इस सवाल पर आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह ने बताया कि सदस्यों के पद खाली हैं, फिर भी जनसुनवाई हो सकती है। उन्होंने बताया कि आयोग के नियामें में इस बात का स्पष्ट प्रवधान है कि सदस्यों के न होने से आयोग की कार्यवाही और निर्णय बाधित नहीं हो सकते हैं।
Tariff जानिए.. कैसे तय होती है बिजली की दरें
बिजली की दरें तय करने के लिए कंपनियों की तरफ से आयोग को प्रस्ताव दिया जाता है। इसमें कंपनियों अपने राजस्व की जरुरत और मौजूदा दर पर कंपनी को प्राप्त होने वाले राजस्व का लेखाजोखा रहता है। कंपनी की तरफ से प्राप्त होने वालें टैरिफ प्रस्ताव के अध्ययन के बाद आयोग उसका सार्वजनिक प्रकाशन करके सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं से दावा आपत्ति आमंत्रित करता है। इसके बाद सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को आयोग में बुलाकर जन सुनवाई की जाती है।
लंबे समय से खाली है दोनों पद
राज्य विद्युत नियामक आयोग में सदस्य के दो पद हैं। दोनों पद लंबे समय से खाली है। आयोग में सदस्य रहे विनोद देशमुख का कार्यकाल सितंबर 2023 और दूसरे सदस्य प्रमोद गुप्ता का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है। इन दोनों पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। जानकारों के अनुसार टैरिफ पीटिशन पर सुनवाई के लिए अध्यक्ष के साथ कम से कम एक सदस्य का रहना जरुरी है। इसी वजह से टैरिफ प्रस्ताव पर सुनवाई नहीं हो पा रही है।
Tariff वितरण कंपनी का मुनाफा में घाटे का प्रस्ताव
छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें 45 सौ करोड़ की कमी बताते हुए इसकी भरपाई की मांग रखी है। वैसे तो पॉवर कंपनी को मौजूदा दर पर करीब 15 सौ करोड़ का फायदा होने का अनुमान है, लेकिन पुराने 2023-24 के सत्र का 6130 करोड़ रुपये का अंतर है। इसमें 15 सौ करोड़ घटाने के बाद भी 45 सौ करोड़ की कमी आ रही है। इसको पूरा करने के लिए टैरिफ में इजाफा होगा।
लेकिन यह इजाफा कितना होगा, इसको नियामक आयोग तय करेगा। पॉवर कंपनी ने 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें बताया गया है कि पॉवर कंपनी इस सत्र में 24 हजार 652 करोड़ की बिजली बेचेगी। इसके मुकाबले में पॉवर कंपनी का खर्च 23 हजार 82 करोड़ होगा। ऐसे में पॉवर कंपनी को 1570 करोड़ का फायदा होगा।
लेकिन 2023-24 में पॉवर कंपनी को अनुमान से 6130 करोड़ रुपए कम पड़े। ऐसे में इस अंतर की राशि में 1570 करोड़ को घटाने के बाद 4560 करोड़ रुपए का अंतर आ रहा है। इस अंतर की राशि के लिए ही टैरिफ बढाने की मांग है। लेकिन आयोग तय करेगा कि वास्तव में पॉवर कंपनी को कितने पैसों की जरूरत होगी। उसके हिसाब से टैरिफ तय होगा।