Teacher रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य और व्याख्याताओं की पदोन्नति लंबे समय से पेंडिंग है। पदोन्नति का मुद्दा बार- बार उठाया जा रहा है, इसके बावजूद प्रशासन उदासिन बना हुआ है। छत्तीसगढ़ प्राचार्य- व्यायाता पदोन्नति फोरम इस मुद्दें पर विभागीय अफसरों और मंत्रियों से मिलकर ज्ञापन सौंप चुका है।
इसके बाद भी पदोन्नति नहीं होने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। आज फोरम की तरफ से नवा रायपुर में प्रदर्शन किया गया। प्रदेशभर से नवा रायपुर में जुटे फोरम के पदाधिकारियों और सदस्यों ने नवा रायपुर में प्रदर्शन करके अपनी एकजुटता और ताकत का प्रदर्शन किया।
छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्राचार्यों की पदोन्नति 2013 से ड्यू है। वहीं व्याख्याताओं की पदोन्नति 2016 से नहीं हुई। इसकी वजह से प्रदेश के 80 प्रतिशत स्कूलों में प्राचार्य नहीं है।
छत्तीगसढ़ माध्य.विद्या.प्र.पा.मंच के प्रांतीय संयोजक रमाकांत झा, छ.ग. व्याख्याता संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश शर्मा, छ.ग. वरिष्ठ व्याख्याता संघ के प्रांतीय संयोजक श्याम कुमार वर्मा, छ.ग. विद्यालयीन शिक्षक कर्म. संघ के प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी और छ.ग. राज्य व्याख्याता पदोन्नति समिति के प्रांतीय संयोजक मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि लंबे समय से पदोन्नति नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
शिक्षक नेताओं ने बताा कि राज्य में प्राचार्य के 4783 के पद स्वीकृत है। इसमें से 3576 पद खाली हैं। व्याख्याता के 40806 स्वीकृत पदों में 8203 खाली हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 लागू होने के बाद पदोन्नति के लिए पात्रताधारी शिक्षकों, प्रधानपाठकों और व्याख्याताओं से वर्ष 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में 4 जुलाई 2024 को निरंतर 5 वर्ष का गोपनीय प्रतिवेदन और अचल संपत्ति की जानकारी प्रत्येक वर्ष में मांगी गई है लेकिन पदोन्नति के आदेश जारी नहीं हुए हैं।
पदोन्नति आदेश जारी नहीं होने के कारण हजारों की तादाद में व्याख्याता और प्रधानपाठक बिना पदोन्नति पाए प्रतिवर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्राचार्य पद की पदोन्नति देने में शासन पर एक रूपये का भी वित्तीय भार नहीं आएगा क्योंकि पदोन्नति पाने वाले व्याख्याता/प्रधानपाठक विगत कई वर्षों से प्राचार्य पद का वेतनमान, समयमान वेतनमान के रूप में पा रहे हैं। प्राचार्य और व्याख्याता पद की पदोन्नति नहीं होने के कारण शिक्षा की गुणवतता और विद्यालय प्रशासन प्रभावित हो रहा है।
विधानसभा के बजट सत्र 2024 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृहमोहन अग्रवाल ने 16 फरवरी 2024 को विधानसभा सत्र में 6 माह की समय सीमा में पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण करने की घोषणा कर चुके हैं। उसके बाद भी पदोन्नति आदेश आज तक जारी नहीं होने के कारण शिक्षकों, प्रधानपाठकों और व्याख्याताओं में संचालनालय मंत्रालय, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रति आक्रोश है। पदोन्नति की शीघ्र कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव, मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।
इन सभी विषयों को लेकर आज हजारों की संख्या में शिक्षकों ने इंद्रावती भवन और महानदी भवन के समक्ष प्रदर्शन कर आपसे अनुरोध किया है कि एक माह की समय-सीमा में प्राचार्य व व्याख्याता की पदोन्नति आदेश जारी करने का कष्ट करें अन्यथा पदोन्नति फोरम प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।