Vishnudeo Sai: क्या कैबिनेट विस्तार में भी चौकाएगी भाजपा!, पीएम से मिले सीएम, इधर..धड़कनें तेज
1 min readVishnudeo Sai: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नई दिल्ली के दौरे पर हैं। कल (सोमवार) दिन में वे केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह के साथ थे। नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकत हुई। इसके बाद सीएम विष्णुदेव ने शाम को प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इन मुलाकातों को लेकर सरकार के स्तर पर जो जानकारी सामने आई उसमें शाह के साथ नक्सलवाद के मुद्दें पर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री के साथ नक्सलवाद के साथ ही राज्य के विकास पर चर्चा हुई। इन सबके बीच सूत्रों से जो खबर आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि इन मुलाकातों में प्रशासनिक चर्चाओं के साथ ही राजनीतिक बातें भी हुईं।
बताया जा रहा है कि भाजपा के सदस्यता अभियान के साथ ही कैबिनेट के विस्तार और निगम- मंडलों में नियुक्ति को लेकर भी बात हुई है। विज्ञान भवन में नक्सल प्रभावित राज्यों की हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी मौजूद थे। इसी वजह से कैबिनेट विस्तार सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की बातें आ रही हैं।
कैबिनेट विस्तार में चौका सकती है भाजपा
भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा कि कैबिनेट का विस्तार होगा यह तय है, लेकिन कब होगा, यह राष्ट्रीय नेतृत्व ही बात सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा दूसरों की सोच से अलग काम करती है, जब लोग सोचते हैं कि कुछ नहीं होगा तभी कुछ होता है। इधर, पार्टी नेताओं के अनुसार कैबिनेट विस्तार में चौकाने वाला भी हो सकता है।
पार्टी नेताओं के अनुसार जिस तरह तीनों राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार गठन के दौरान सीएम के चयन में पार्टी ने सभी को चौकाया था, उसी तरह कैबिनेट विस्तार में भी ऐसे फैसले हो सकते हैं, जिनके बारे में कोई सोच नहीं रहा है।
Vishnudeo Sai: विष्णुदेव कैबिनेट में खाली हैं दो पद
छत्तीसगढ़ की कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं। राज्य विधानसभा में 90 सदस्य हैं, ऐसे में यहां 13 मंत्री रह सकते हैं। इस लिहाज से अभी दो पद खाली हैं। एक पद पहले से ही खाली रखा गया था दूसरा पद बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे की वजह से खाली हुआ है। इसके साथ ही एक विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर भी अरजेस्ट किया जा सकता है। कैबिनेट के दावेदारों की चर्चा से पहले मौजूदा कैबिनेट का क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण समझा लीजिए।
समझिए.. मौजूदा कैबिनेट का क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण
कैबिनेट में अभी सीएम सहित 11 मंत्री हैं। इनमें 7 पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें भी पांच पहली बार विधायक हैं। कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित तीन वरिष्ठ मंत्री एसटी वर्ग के हैं। सबसे ज्यादा 6 मंत्री ओबीसी हैं। वहीं एससी और जनरल कैटेगरी के एक-एक मंत्री हैं। क्षेत्र के लिहाज से बात करें तो सरगुजा से 4 बिलासपुर 3, दुर्ग 2, रायपुर और बस्तर से एक-एक मंत्री हैं।
जानिए.. नए मंत्रियों के लिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण
संभाग के हिसाब से बात करें तो कैबिनेट में अब सरगुजा और बिलासपुर के लिए कोई खास संभावना नहीं दिख रही है। संख्या के लिहाज से रायपुर और बस्तर संभाग की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है। कैबिनेट में भले ही ओबीसी वर्ग के मंत्रियों की संख्या अधिक है, लेकिन यह प्रदेश का सबसे बड़ा वर्ग है, ऐसे में दो में से 1 पद किसी ओबीसी विधायक को दिए जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। एक मंत्री सामान्य वर्ग से बनना भी तय है।
Vishnudeo Sai: किसकी दावेदारी कितनी मजबूत
पुन्नूलाल मोहले- एससी समाज से आने वाले मोहले पहले लोकसभा, फिर विधानसभा के चुनाव लगातार जीत रहे हैं। आज तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। डॉ. रमन सिंह की सरकार में मंत्री थे। एससी वर्ग से कैबिनेट में अभी एक ही दयाल दास मंत्री हैं।
धर्मजीत सिंह- सामान्य वर्ग से आने वाले धर्मजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने की संभावना बहुत कम है। सिंह विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आए हैं। पहले वे कांग्रेस फिर जनता कांग्रेस छत्तीगसढ़ से विधायक रह चुके हैं।
धर्मलाल कौशिक- ओबीसी वर्ग से आने वाले कौशिक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी गिनती बड़े नेताओं में होती है।
अमर अग्रवाल- सामान्य वर्ग से आने वाले अमर अग्रवाल डॉ. रमन सिंह सरकार में 15 साल तक मंत्री रहे। 2018 में चुनाव हार गए थे। अग्रवाल छत्तीगसढ़ भाजपा के पितृ पुरुषलखीराम अग्रवाल के पुत्र हैं।
सुशांत शुक्ला- बेलतरा सीट से पहली बार चुनाव जीत के आए सुशांत शुक्ला की गिनती भाजपा के तेज तरार्र और फायर ब्रांड नेताओं में होती है।
अजय चंद्राकर- कुरुद सीट से चुनाव जीतकर पहुंचे चंद्राकर भाजपा के बड़े ओबीसी चेहरा हैं। डॉ. रमन सिंह की सरकार में 10 साल तक मंत्री रहे हैं। पार्टी के तेज तरार्र नेता हैं।
राजेश मूणत- सामान्य वर्ग के राजेश मूणत डॉ. रमन सिंह की सरकार में 15 साल तक मंत्री रहेहैं। 2018 में विधानसभा का चुनाव हार गए थे। मूणत की गिनती डॉ. रमन सिंह के बेहद करीबी नेताओं में होती है।
अनुज शर्मा- पद्मश्री अनुज शर्मा सामान्य वर्ग से आते हैं। धरसीवां सीट से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। छालीवुड के सुपर स्टार कहे जाने वाले अनुज भाजपा का लोकप्रिय चेहरा हैं।
मोती लाल साहू- ओबीसी वर्ग से आने वाले मोतीलाल साहू प्रदेश की सबसे बड़े कहे जाने वाले साहू समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। कैबिनेट में इस वर्ग से अभी केवल एक ही अरुण साव मंत्री हैं।
पुरंदर मिश्रा- रायपुर उत्तर सीट से चुनाव जीते पुरंदर मिश्रा सामान्य वर्ग से आते हैं। प्रदेश के उड़िया वोटरों को ध्यान में रखते हुए इन्हें कैबिनेट में स्थान मिल सकता है।
रोहित साहू- राजिम सीट से कांग्रेस के अमितेष शुक्ला को हरा कर पहली बार विधायक चुने गए रोहित ओबीसी वर्ग से आते हैं। ये साहू समाज का प्रतिनिधत्व करते हैं।
गजेंद्र यादव- दुर्ग शहर से कांग्रेस के अरुण वोरा को हरा कर पहली बार विधानसभा पहुंचे गजेंद्र यादव आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं। छत्तीसढ़ में हेमचंद यादव के बाद इस वर्ग का कोई भी मंत्री नहीं बना है।
रिकेश सेन- बीजेपी की परंपरागत वैशाली नगर सीट से पहली बार चुने गए रिकेश सेन ओबीसी वर्ग से आते हैं। रिकेश सेन अपने आक्रामक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। सेन समाज के वे पहले विधायक हैं।
विक्रम उसेंडी- विक्रम उसेंडी डॉ. रमन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं, संसद में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उसेंडी पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में शामिल हैं।
नीलकंठ टेकाम- आईएएस की नौकरी छोड़कर बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे टेकाम एसटी वर्ग से आते हैं। इनका लंबा प्रशासनिक अनुभव बाकी दावेदारों से उन्हें अलग करता है।
किरण सिंहदेव- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सामान्य वर्ग से आते हैं। फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन कैबिनेट में मंत्री पद के भी दावेदार हैं।
इन विधायकों को मिला प्राधिकरणों में स्थान
भाजपा अपने 5 विधायकों को अलग-अलग प्राधिकरणों में अरजेस्ट कर चुकी है। इनमें मंत्री पद की स्वभावित दावेदार मानी जा रही लता उसेंडी भी शामिल हैं। लता उसेंडी कोंडगांव से विधायक हैं और वे डॉ. रमन सिंह की सरकार में 7 साल तक महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं। उसेंडी को बस्तर विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
इसी तरह गोमती साय को सरगुजा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। प्रवण कुमार को मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण, गुरु खुशवंत को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और ललित चंद्राकर को अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बनाया जा चुका है।
ये है विष्णुदेव की की मौजूदा कैबिनेट | |||
नाम | पद | वर्ग | संभाग |
विष्णुदेव साय | मुख्यमंत्री | एसटी | सरगुजा |
श्याम बिहारी जायसवाल | मंत्री | ओबीसी | सरगुजा |
लक्ष्मी राजवाड़े | मंत्री | ओबीसी | सरगुजा |
राम विचार नेताम | मंत्री | एसटी | सरगुजा |
अरुण साव | उपमुख्यमंत्री | ओबीसी | बिलासपुर |
लखनलाल देवांगन | मंत्री | ओबीसी | बिलासपुर |
ओ. पी. चौधरी | मंत्री | ओबीसी | बिलासपुर |
विजय शर्मा | उप मुख्यमंत्री | सामान्य | दुर्ग |
दयाल दास बघेल | मंत्री | एससी | दुर्ग |
केदार कश्यप | मंत्री | एसटी | बस्तर |
टंक राम वर्मा | मंत्री | ओबीसी | रायपुर |