November 22, 2024

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Wakf Bill 2024: देखिए…वक्‍फ संशोधन विधेयक 2024 में कहां क्‍या बदलाव का है प्रस्‍ताव  

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Wakf Bill 2024: देखिए...वक्‍फ संशोधन विधेयक 2024 में कहां क्‍या बदलाव का है प्रस्‍ताव  

Wakf Bill 2024:  केंद्र सरकार ने मौजूदा वक्‍फ कानून को समाप्‍त करने का प्रस्‍ताव किया है। इसके साथ ही पुराने वक्‍फ अधिनियम में 40 से ज्‍यादा बलाव किया है। इसमें वक्‍फ बोर्ड में महिलाओं को प्रतिनिधित्‍व देने की भी बात कही गई है। इससे पहले वक्‍फ अधिनियम में 2013 में संशोधन किया गया था।

जानिए..क्‍या है जेपीसी

JPC जिसका पूरा नाम संयुक्‍त संसदीय समिति (जेपीसी) है। इसमें लोकसभा और राज्‍यसभा दोनों ही सदनों के सांसद सदस्‍य के रुप में शामिल होते हैं। वक्‍फ विधेयक को लेकर गठित जेपीसी में 31 सांसद हैं। इनमें 21 लोकसभा और 10 राज्‍यसभा के शामिल हैं। इसमें सभी पार्टियों के सदस्‍य शामिल हैं। पार्टियों के सांसदों के हिसाब से समिति में पार्टी को प्रतिनिधित्‍व दिया गया है।  

Wakf Bill 2024:  वक्‍फ संशोधन विधेयक के लिए गठित जेपीसी में कौन-कौन हैं शामिल

लोकसभा: 1. जगदंबिका पाल, 2. निशिकांत दुबे, 3. तेजस्वी सूर्या, 4. अपराजिता सारंगी, 5. संजय जायसवाल, 6. दिलीप सैकिया, 7. अभिजीत गंगोपाध्याय, 8. डीके अरोड़ा, 9. गौरव गोगोई, 10. इमरान मसूद, 11. मोहम्मद जावेद, 12. मौलाना मोहिबुल्ला, 13. कल्याण बनर्जी, 14, ए राजा, 15. एलएस देवरायुलु, 16. दिनेश्वर कामायत, 17. अरविंत सावंत, 18. सुरेश गोपीनाथ, 19. नरेश गणपत मास्के, 20. अरुण भारती, 21. असदुद्दीन ओवैसी

राज्यसभा: 1. बृजलाल, 2. मेधा विश्राम कुलकर्णी, 3. गुलाम अली, 4. राधा मोहन दास अग्रवाल, 5. डॉक्टर सैयद नसीर हुसैन, 6. मोहम्मद नदीमुल हक, 7. वी विजय साई रेड्डी, 8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला, 9. संजय सिंह, 10. डॉक्टर धर्मस्थाना वीरेंद्र हेगड़े

जानिए…क्‍या है Wakf Bill 2024

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024

वक्फ अधिनियम, 1995 का और संशोधन करने के लिए विधेयक भारत गणराज्य के पचहत्तरर्वे वर्ष में संसद् दुवारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-

संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

1. (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 है।

(2) यह ऐसी तारीख को प्रवृत होगा, जो केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे ।

धारा 1 का संशोधन ।

2. वक्फ अधिनियम, 1995 (जिसे इसमें इसके पश्चात् मूल अधिनियम कहा गया है) की धारा 1 की उपधारा (1) में, “वक्फ” शब्द के स्थान पर “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास” शब्द रखे जाएंगे। (1995 का 43)

धारा 3 संशोधन । का

3. मूल अधिनियम की धारा 3 में,-

(i) खंड (क) के पश्चात् निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किया जाएगा,

अर्थात्ः

(कक) “आगाखानी वक्फ” से आगाखानी वाकिफ द्वारा समर्पित वक्फ अभिप्रेत है।”

(ii) खंड (ग) के पश्चात् निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किया जाएगा,

अर्थात्ः-

(गक) “बोहरा वक्फ” से बोहरा वाकिफ द्वारा समर्पित वक्फ अभिप्रेत है::

(iii) खंड (घ) के पश्चात् निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किया जाएगा,

अर्थात्ः-

(घक) “कलक्टर” में जिले का भू-राजस्व कलक्टर या उपायुक्त अथवा कलक्टर द्वारा लिखित में प्राधिकृत उप कलक्टर की पंक्ति से अन्यून कोई अधिकारी सम्मिलित है ::

अर्थातः-

(iv) खंड (च) के पश्चात् निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किए जाएंगे,

(चक) “सरकारी संगठन” में केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिकाओं, पंचायतों से संलग्न और अधीनस्थ कार्यालय और केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के स्वायत्त निकाय या केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन और नियंत्रणाधीन कोई संगठन या संस्था, सम्मिलित है।

(चख) “सरकारी संपत्ति” से सरकारी संगठन से संबंधित कोई चल या अचल संपति या उसका कोई भाग अभिप्रेत है::

(v) खंड (झ) में, “मौखिक रूप से अथवा” शब्दों का लोप किया जाएगा;

(vi) खंड (ट) के पश्चात् निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किया जाएगा,

अर्थात्ः-

(टक) पोर्टल और डेटाबेस से वक्फ आस्ति प्रबंधन प्रणाली या वक्फ और बोर्ड के रजिस्ट्रीकरण, लेखा, संपरीक्षा और कोई अन्य ब्यौरे, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं, के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा स्थापित कोई अन्य प्रणाली अभिप्रेत है।

(vii) खंड (ठ) के स्थान पर, निम्नलिखित खंड अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात्:-

(ठ) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए विनियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है::

(viii) खंड (त) का लोप किया जाएगा;

(ix) खंड (द) में,

(क) आरंभिक भाग में “किसी व्यक्ति द्वारा” से प्रारंभ होने वाले “और इसके अंतर्गत है” से समाप्त होने वाले शब्दों के स्थान पर “किसी व्यक्ति दुवारा जो कम से कम पांच वर्ष से इस्लाम की साधना कर रहा है, किसी ऐसे प्रयोजन के लिए जो मुस्लिम विधि द्वारा पवित्र, धार्मिक या पूर्त माना गया है, किसी संपति का स्वामित्व रखते हुए, ऐसी जंगम या स्थावर संपत्ति का स्थायी समर्पण अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत है” शब्द रखे जाएंगे;

(ख) उपखंड (i) का लोप किया जाएगा:

(ग) खंड (iv) में, “कल्याण” शब्द के पश्चात् “विधवा, तलाकशुदा महिला और अनाथ के भरण-पोषण ऐसी रीति में जो केन्द्रीय सरकार दद्वारा विहित की जाए” शब्द अंतः स्थापित किए जाएंगे।

(घ) दीर्घ रेखा में, “कोई व्यक्ति शब्दों के स्थान पर “ऐसा कोई व्यक्ति” शब्द रखे जाएंगे ।

Wakf Bill 2024:   4. मूल अधिनियम की धारा 3 के पश्चात् निम्नलिखित धाराएं अंतःस्थापित की जाएंगी, अर्थात्ः-

“3क. (1) कोई व्यक्ति वक्फ का सृजन नहीं कर सकेगा, जब तक कि वह ऐसी संपत्ति का विधिपूर्ण स्वामी नहीं है और ऐसी संपत्ति को अंतरित या समर्पित करने के लिए सक्षम नहीं है।(धारा 3 क, धारा 3 ख और धारा का अंतःस्थापन वक्फ की कतिपय शर्ते।)

(2) वक्फ-अल-औलाद के सृजन का परिणाम, वाकिफ के महिला उत्तराधिकारियों सहित, उत्तराधिकारियों के उत्तराधिकार अधिकारों का प्रत्याख्यान नहीं होगा।

3ख. (1) वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 के प्रारंभ से पूर्व इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत प्रत्येक वक्फ ऐसे प्रारंभ से छह मास की अवधि के भीतर पोर्टल और डेटाबेस पर वक्फ और वक्फ के लिए समर्पित संपत्ति के ब्यौरे फाइल करेगा । (पोर्टल और डाटाबेस पर वक्फ का विवरण फाइल करना)

(2) उपधारा (1) के अधीन वक्फ के ब्यौरों में अन्य सूचना के साथ निम्नलिखित सम्मिलित होंगे, अर्थात्ः-

(क) वक्फ संपत्तियों की पहचान और सीमाएं, उनका उपयोग और अधिभोगी :

(ख) वक्फ के सृजनकर्ता का नाम और पता, ऐसे सृजन की रीति और तारीख :

(ग) वक्फ विलेख, यदि उपलब्ध हो;

(घ) वर्तमान मुत्तवल्ली और उसका प्रबंधन;

(ङ) ऐसी वक्फ संपतियों से सकल वार्षिक आय:

(च) वक्फ संपतियों के संबंध में वार्षिक रूप से संदेय भू-राजस्व, उपकर, दरों और करों की रकम

(छ) वक्फ संपत्तियों की आय प्रापण में वार्षिक रूप से उपगत प्राक्कलित व्यय:

(ज) निम्नलिखित के लिए वक्फ के अधीन पृथक रखी गई रकम-

(i) मुतवल्ली का वेतन और व्यष्टिकों के भते;

(ii) केवल धार्मिक प्रयोजन:

(iii) धर्मार्थ प्रयोजन और

(iv) कोई अन्य प्रयोजन;

(झ) ऐसी वक्फ संपत्तियों को अंतर्वलित करने वाले न्यायालय मामले: यदि कोई हो, के ब्यौरे

(ञ) कोई अन्य विवरण जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।

3ग. (1) इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व या पश्चात् वक्फ संपत्ति के रूप में पहचान की गई या घोषित हुई सरकारी संपत्ति किसी वक्फ की संपत्ति नहीं समझी जाएगी।

(2) यदि कोई ऐसा प्रश्न कि क्या कोई संपत्ति सरकारी संपत्ति है या नहीं, उद्‌भूत होता है तो उसे अधिकारिता रखने वाले कलक्टर को निर्दिष्ट किया जाएगा, वह ऐसी जांच करेगा जो वह ठीक समझे, तथा वह यह अवधारित करेगा कि क्या ऐसी संपति सरकारी संपत्ति है या नहीं और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा:

परंतु ऐसी संपत्ति तब तक वक्फ संपत्ति के रूप में नहीं मानी जाएगी जब तक कलक्टर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत न करें ।

(3) यदि कलक्टर यह अवधारित करता है कि वह संपत्ति सरकारी संपत्ति है तो वह राजस्व अभिलेखों में आवश्यक संशोधन करेगा और इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा ।

(4) राज्य सरकार, कलक्टर की रिपोर्ट प्राप्ति पर अभिलेखों में समुचित संशोधन करने हेतु बोर्ड को निदेश देगी ।

Wakf Bill 2024:   5. मूल अधिनियम की धारा 4 में.-

(क) पार्श्व शीर्षक के स्थान पर, “ओकाफ़ का सर्वेक्षण” शीर्षक रखा जाएगा;

(ख) उपधारा (1) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी, अर्थात्ः-

“(1) वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 के प्रारंभ पर सर्वेक्षण आयुक्त के समक्ष लंबित कोई ओकाफ सर्वेक्षण अधिकारिला रखने वाले कलक्टर को अंतरित किया जाएगा और कलक्टर राज्य की राजस्व विधियों में प्रक्रिया के अनुसार कलक्टर को अंतरित ऐसे सर्वेक्षण के स्तर से आगे सर्वेक्षण करेगा और राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा ।”:

(ग) उपधारा (1क), उपधारा (2) और उपधारा (3) का लोप किया जाएगा;

(घ) उपधारा (4) में आरंभिक भाग में “सर्वेक्षण आयुक्त” शब्दों के स्थान पर “कलक्टर” शब्द रखा जाएगा।

(ङ) उपधारा (5) में, “सुन्नी वक्फ” के पश्चात् “या आगाखानी वक्फ या बोहरा वक्फ” शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे;

(च) उपधारा (6) का लोप किया जाएगा।

Wakf Bill 2024:   6. मूल अधिनियम की धारा 5 में.-

(क) उपधारा (1) में, उपधारा (3)” शब्द, कोष्ठक और अंक के स्थान पर “उपधारा (1)” शब्द, कोष्ठक और अंक रखे जाएंगे; 10

(ख) उपधारा (2) में, “शिया ओकाफ” शब्दों के पश्चात् “या आगाखानी ओकाफ़ या बोहरा ओकाफ़” शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे;

(ग) उपधारा (2) के पश्चात्, निम्नलिखित उपधारा अंतःस्थापित की जाएगी, अर्थात् :-

“(2क) राज्य सरकार, उपधारा (2) के अधीन राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से 15 दिन के भीतर पोर्टल पर ओकाफ की अधिसूचित सूची और

डाटाबेस अपलोड करेगी।”

(2ख) प्रत्येक वक्फ के ब्यौरों में वक्फ संपतियों की पहचान, सीमाएं, उनके उपयोग और अधिष्ठाता, सृजनकर्ता के ब्यौरे, ऐसे सृजन की तारीख, पद्धति और वक्फ का प्रयोजन, उनके वर्तमान मुतवल्ली और प्रबंधन में ऐसी रीति जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए, अंतर्विष्ट होंगे ।”:

(घ) उपधारा (3) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी, अर्थात्ः-

“(3) राजस्व प्राधिकारी तत्समय प्रवृत्त राजस्व विधियों के अनुसार भू-अभिलेखों में दाखिल खारिज विनिश्चित करने के पूर्व दो दैनिक समाचार पत्रों में, जिनमें से एक प्रादेशिक भाषा में होगा, 90 दिन की लोक सूचना ऐसे क्षेत्रों की अवस्थितिर्या में प्रचालित करेगा और प्रभावित व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर देगा।”;

(ड) उपधारा (4) में, “समय-समय पर” शब्दों के पश्चात “पोर्टल और डाटाबेस पर” शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे।

Wakf Bill 2024:   7. मूल अधिनियम की धारा 6 में,-

(क) उपधारा (1) में,

(i) “सुन्नी वक्फ” शब्दों के पश्चात् “आगाखानी वक्फ या बोहरा वक्फ शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे;

(ii) “और उस विषय की बाबत उस अधिकरण का विनिश्चय अंतिम होगा” शब्दों का लोप किया जाएगा;

(iii) पहले परंतुक में, “एक वर्ष”, शब्दों के स्थान पर “दो वर्ष” शब्द रखे जाएंगे,

(iv) दूसरे परंतुक का लोप किया जाएगा।

(ख) उपधारा (3) में, “सर्वेक्षण आयुक्त” शब्दों के स्थान पर “कलक्टर” शब्द रखा जाएगा ।

8. मूल अधिनियम की धारा 7 में उपधारा (1) में,-

(i) “सुन्नी वक्फ” शब्दों के पश्चात् “या आगाखानी वक्फ या बोहरा वक्फ” शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे;

(ii) “और उस पर अधिकरण का विनिश्चय अंतिम होगा” शब्दों का लोप किया जाएगा ।

(iii) पहले परंतुक में, “एक वर्ष” शब्द जहां-कहीं वे आते हैं, के स्थान पर “दो वर्ष” शब्द रखे जाएंगे;

(iv) दूसरे परंतुक में, “परंतु यह और कि” शब्दों के स्थान पर, निम्नलिखित रखा जाएगा, अर्थात्ः-

“परंतु यह और कि पहले परंतुक में विनिर्दिष्ट दो वर्ष की अवधि के पश्चात् अधिकरण द्वारा कोई आवेदन ग्रहण किया जा सकेगा, यदि आवेदक अधिकरण का यह समाधान कर देता है कि ऐसी अवधि के भीतर आवेदन न करने हेतु उसके पास पर्याप्त कारण था:

परंतु यह और कि” ।

9. मूल अधिनियम की धारा 9 में, उपधारा (2) के स्थान पर निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी, अर्थात्ः-

“(2) परिषद् निम्नलिखित से मिलकर बनेगी,-

(क) वक्फ का भार साधक संघ का मंत्री पदेन अध्यक्ष,

(ख) संसद् के तीन सदस्य, जिनमें से दो लोक सभा से होंगे और एक राज्य सभा से होगा;

(ग) निम्नलिखित सदस्य केंद्रीय सरकार द्वारा मुसलमानों में से नियुक्त किए जाएंगे, अर्थात्

(i) अखिल भारतीय चरित्र और राष्ट्रीय महत्व वाले मुस्लिम संगठनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए तीन व्यक्ति ।

(ii) चक्रानुक्रम द्वारा तीन बोडों के अध्यक्ष ।

(iii) पांच लाख रुपए या उससे अधिक की कुल वार्षिक आय वाले वक्फ के मुतवल्लियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक व्यक्ति :

(iv) तीन व्यक्ति, जो मुस्लिम विधि में ख्यातिप्राप्त वि‌द्वान हो

(घ) दो व्यक्ति, जो उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हों।

(ङ) राष्ट्रीय ख्याति का एक अधिवक्ता ।

(च) राष्ट्रीय ख्याति के चार व्यक्ति, प्रशासन या प्रबंध, वित्तीय प्रबंध, इंजीनियरी या वास्तुकला और चिकित्सा के क्षेत्र से प्रत्येक से एक- एक व्यक्ति :

(छ) संघ मंत्रालय या विभाग में वक्फ मामलों से संबंधित अपर सचिव या संयुक्त सचिव, भारत सरकार सदस्य, पदेन :

परंतु खंड (ग) के अधीन नियुक्त सदस्यों में से दो महिलाएं होंगी :

परंतु यह और कि इस उपधारा के अधीन नियुक्त कुल सदस्यों में से दो सदस्य गैर-मुस्लिम होंगे ।”।

10. मूल अधिनियम की धारा 13 में, उपधारा (2क) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी, अर्थात्ः-

“(2क) राज्य सरकार, यदि वह आवश्यक समझती है तो, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बोहरा और आगाखानी के लिए पृथक् बोर्ड स्थापित कर

सकेगी ।”।

Wakf Bill 2024:   11. मूल अधिनियम की धारा 14 में,

(क) उपधारा (1), उपधारा (1क), उपधारा (2), उपधारा (3) और उपधारा (4) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधाराएं रखी जाएंगी, अर्थात्ः-

“(1) राज्य और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के लिए बोर्ड में राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट ग्यारह से अनधिक सदस्य होंगे,- (क) एक अध्यक्ष:

(ख) (i) यथास्थिति, राज्य या दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र से एक संसद् सदस्य :

(ii) राज्य विधानमंडल का एक सदस्य :

(ग) मुस्लिम समुदाय में आने वाले निम्नलिखित सदस्य, अर्थात्ः-

(i) एक लाख रुपए या उससे अधिक की आय वाला वक्फ का एक मुतवल्ली; (ii) मुस्लिम धर्मविधा का एक ख्यातिप्राप्त वि‌द्वान ।

(iii) नगर पालिकाओं या पंचायत से दो या अधिक निर्वाचित सदस्य :

परंतु उपखंड (i) से उपखंड (iii) में किसी भी श्रेणी से कोई मुस्लिम सदस्य उपलब्ध नहीं है, तो उपखंड (iii) में श्रेणी से अतिरिक्त सदस्यों को नामनिर्दिष्ट किया जा सकेगा:

(घ) दो व्यक्ति, जिनके पास व्यवसाय प्रबंध, सामाजिक कार्य, वित्त या राजस्व, कृषि और विकास गतिविधियों में वृत्तिक अनुभव है:

(ङ) राज्य सरकार का एक अधिकारी, जो राज्य सरकार के संयुक्त सचिव की श्रेणी से नीचे का न हो।

(च) संबंधित राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के विधिज्ञ परिषद् का एक सदस्य :

परंतु खंड (ग) के अधीन नियुक्त बोर्ड के दो सदस्य, महिला होंगी :

परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन नियुक्त बोर्ड के कुल सदस्य में से दो सदस्य गैर-मुस्लिम होंगे:

परंतु यह और कि बोर्ड में कम से कम एक सदस्य शिया, सुन्नी और मुस्लिम समुदायों के अन्य पिछड़ा वर्ग से होगा:

परंतु यह और भी कि राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में कार्यात्मक ओकाफ होने की स्थिति में बोहरा और आगाखानी समुदायों से एक एक सदस्य को बोर्ड में नामनिर्दिष्ट किया जाएगा ।

परंतु यह और भी कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ पर पद धारण करने वाले बोर्ड के निर्वाचित सदस्य अपनी पदावधि की समाप्ति तक पद पर बने रहेंगे ।

(2) यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार का कोई मंत्री,

बोर्ड के सदस्य के रूप में नामनिर्दिष्ट नहीं होगा ।

(3) संघ राज्यक्षेत्र के मामले में, बोर्ड, उपधारा (1) के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट किए जाने वाले पांच से अन्यून एवं सात से अनधिक सदस्यों से मिलकर बनेगा ।”

(ख) उपधारा (6) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी,

अर्थात-

“(6) मुस्लिम समुदार्यों के बीच शिया, सुन्जी, बोहरा, आगाखानी या अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्यों की संख्या का अवधारण करने में, यथास्थिति, राज्य सरकार या संघ राज्यक्षेत्र की दशा में केन्द्रीय सरकार को, बोर्ड द्वारा प्रशासित किए जाने वाले मुस्लिम ओकाफ़ के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी और अन्य पिछड़े वर्गों की संख्या और महत्व को ध्यान में रखेगी और सदस्यों की नियुक्ति, जहां तक हो सके, ऐसे अवधारण के अनुसार की जाएगी।”;

(ग) उपधारा (8) का लोप किया जाएगा।

Wakf Bill 2024:   12. मूल अधिनियम की धारा 16 में, खंड (घ) के स्थान पर, निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात्ः –

“(घ) यदि वह किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया गया है और दो वर्ष से अनधिक के कारावास से दंडित किया गया है।”।

13. मूल अधिनियम की धारा 17 की उपधारा (1) मैं, “उसका अधिवेशन” शब्दों के पश्चात्, “प्रत्येक मास में कम से कम एक बार शब्द अंतःस्थापित किए जाएंगे ।

14. मूल अधिनियम की धारा 20क का लोप किया जाएगा ।

धारा 17 का संशोधन ।

धारा 20क का लोप ।

15. मूल अधिनियम की धारा 23 में उपधारा (1) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी, अर्थात् :-

धारा 23 का संशोधन ।

“(1) राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने वाला बोर्ड का पूर्णकालिक मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा जो राज्य सरकार के संयुक्त सचिव की पंक्ति से अनून्य नहीं होगा ।”।

16. मूल अधिनियम की धारा 32 में, धारा 32 का

(क) उपधारा (2) में, खंड (ङ) में स्पष्टीकरण और परन्तुक का लोप किया जाएगा; संशोधन ।

 (ख) उपधारा (3) में, “और अभिकरण का विनिश्चय इस पर अंतिम होगा” शब्दों का लोप किया जाएगा ।

17. मूल अधिनियम की धारा 33 में,-

धारा 33 का संशोधन ।

(क) उपधारा (4) में, परन्तुक में “और अधिकरण को, अपील का निपटारा लंबित रहने तक, उपधारा (3) के अधीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा किए गए आदेश के प्रवर्तन को रोकने वाला कोई आदेश पारित करने की शक्ति नहीं होगी” शब्दों का लोप किया जाएगा;

(ख) उपधारा (6) का लोप किया जाएगा ।

18. मूल अधिनियम की धारा 36 में,

Wakf Bill 2024:   धारा 36 का संशोधन ।

(क) उपधारा (1) के पश्चात् निम्नलिखित उपधारा अंतःस्थापित की जाएगी, अर्थात

“(1क) वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 के प्रारम्भ से, कोई वक्फ विलेख के बिना निष्पादन के सृजित नहीं किया जाएगा ।”;

(ख) उपधारा (3) में,

(i) आरम्भिक पैरा में, “ऐसे प्ररूप में और ऐसी रीति से और ऐसे स्थान पर किया जाएगा जिसका बोर्ड विनियमों द्वारा, उपबंध करे” शब्दों के स्थान पर पोर्टल और डाटा बेस के माध्यम से बोर्ड के लिए” शब्द रखे जाएंगे;

(ii) खंड (च) के स्थान पर, निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात् :-

“(च) कोई अन्य विशिष्टियां जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जा सकें ।”।

(ग) उपधारा (4) में, “अथवा यदि ऐसा कोई विलेख निष्पादित नहीं किया गया है या उसकी प्रति प्राप्त नहीं की जा सकती है तो उसमें वक्फ के उद्‌गम, उसके स्वरूप और उसके उ‌द्देश्यों की पूरी विशिष्टियां होंगी जहां तक कि वे आवेदक को ज्ञात है शब्दों का लोप किया जाएगा:

(घ) उपधारा (7) के स्थान पर, निम्नलिखित उपधारा रखी जाएगी,

अर्थात् :-

“(7) रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन की प्राप्ति पर, बोर्ड आवेदन के असली होने और उसकी विधिमान्यता और उसमें किन्हीं विशिष्टियों के सही होने के बारे में ऐसी जांच करते हुए अपनी अधिकारिता में कलेक्टर को आवेदन अग्रेषित करेगा:

परन्तु आवेदन वक्फ का प्रशासन करने वाले व्यक्ति से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है तब बोर्ड वक्फ को रजिस्ट्रर करने से पहले आवेदन की सूचना वक्फ का प्रशासन करने वाले व्यक्ति को देगा और यदि वह सुनवाई चाहता है तो उसको सुनेगा ।

(7क) जहां कोई कलेक्टर अपनी रिपोर्ट में उल्लिखित करता है कि कोई संपत्ति पूर्णतः या भागतः विवाद में है या सरकारी संपति है, वक्फ संपत्ति के ऐसे भाग के संबंध में तब तक रजिस्ट्रीकृत नहीं किया जाएगा जब तक विवाद का विनिश्चय सक्षम न्यायालय द्वारा नहीं किया जाला ।”;

ये है पुराना वक्‍फ अधिनियम

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