November 24, 2024

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Withdrawal of Monsoon:मानसून की वापसी शुरू: जानिए..कब कहां से लौटेगा मानसून

Withdrawal of Monsoon:मानसून की वापसी शुरू: जानिए..कब कहां से लौटेगा मानसून

Withdrawal of Monsoon:रायपुर। दक्षिण पश्विम मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। कुछ राज्‍यों से मानसून लौट चुका है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार मानूसन के लौटने की प्रक्रिया थोड़ी लेट से शुरू हुई है। इसके बावजूद यह चार राज्‍यों के कुछ हिस्‍सों में मानूसन की सक्रियता समाप्‍त हो गई है।

Withdrawal of Monsoon:जानिए.. कहां से शुरू हुई है मानसून की वापसी

मौसम विभाग केंद्र के अनुसार देश में मानसून की वापसी राजस्‍थान से शुरू होती है। दक्षिण पश्चिम मानसून अब तक राजस्‍थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्‍सों से लौट चुका है। इसके पीछे लौटने का क्रम धीरे-धीरे चलता रहेगा।

जानिए.. क्‍या है मानसून के लौटने का निर्धारित समय

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह मानसून के आने का समय तय है उसी तरह उसकी वापसी का समय भी निर्धारित है। यह तारीख बीते कुछ वर्षों में मानूसन के आने और जाने के क्रम के आधार पर तय किया गया है।

देश में मानसून के लाटने का क्रम 17 सितंबर के आसपास राजस्‍थान और गुजरात के कुछ हिस्‍सों से होता है। 25 सितंबर तक यह पूरे जम्‍मू- कश्‍मीरदिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में इसकी सक्रियता खत्‍म हो जाती है।

वहीं, 5 अक्‍टूबर तक मानूसन राजस्‍थान, गुजरात, उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश सहित ऊपर के लगभग सभी राज्‍यों में मानसून की सक्रियता समाप्‍त हो जाती है।

जानिए.. छत्‍तीगसढ़ से कब होती है मानसून की वापसी

छत्‍तीसगढ़ से मानसून की वापसी 5 से 15 अक्‍टूबर के बीच होती है। 10 अक्‍टूबर तक बस्‍तर संभाग को छोड़कर बाकी पूरे राज्‍य में मानसून की सक्रियता समाप्‍त हो जाती है। 15 अक्‍टूबर तक यह बस्‍तर से भी लौट जाता है। इसके बाद दक्षिण के राज्‍यों से वापसी का सिलसिला शुरू होता है।

जानिए..क्‍या मानसून के लौटने के बाद बारिश नहीं होती

मानसून के लौटने के बाद भी कहीं- कहीं बारिश होती है। यह बारिश स्‍थानीय प्रभाव की वजह से होती है। कई बार मानूसन के लौटने के बाद भी कहीं-कहीं तेज बारिश हो जाती है। हालांकि बदली की वजह से ठंड में कमी आती है, लेकिन जैसे ही बारिश हो जाती है ठंड बढ़ जाती है।

इस वर्ष छत्‍तीसगढ़ में हुई अच्‍छी बारिश मानसून इस वर्ष छत्‍तीसगढ़ सहित देश के ज्‍यादतर राज्‍यों में मेहरबान रहा। कई राज्‍यों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण तबाही भी हुई। कृषि के जानकारों के अनुसार छत्‍तीसगढ़ में इस सीजन में धान की खेती मुख्‍य रुप से की जाती है। धान के लिए बारिश अच्‍छी होती है। इस वर्ष बारिश ज्‍यादा हुई है ऐसे में धान की पैदावार भी अच्‍छी होने की  उम्‍मीद की जा रही है।

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