पाठ्य पुस्तक निगम में 130 करोड़ का घोटाला, आरोप पर भाजपा- कांग्रेस आमने- सामने
रायपुर। Chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
पाठ्य पुस्तक निगम में कागज खरीदी मे कथिततौर पर 130 करोड़ का घोटाला हुआ है। भाजपा ने इस मामले की जांच की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा को की घेर लिया है।
पाठ्य पुस्तक निगम को लेकर भाजपा महामंत्री का हमला
भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने पाठ्य पुस्तक निगम में सामने आए 130 करोड़ के ताजा घोटाले का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य के शिक्षा स्तर को देश भर में अंतिम स्थिति में पहुंचा चुकी सरकार हालात सुधारने की बजाए पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों रुपए के टेंडर घोटाले को संरक्षण दे रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तत्काल टेंडर घोटालेबाजी की सक्षम जांच के आदेश दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों की एक मांग पर पिछली सरकार के नियमानुसार स्वीकृत कार्य की जांच राज्य की एजेंसियों को सौंपने तैयार रहने वाले मुख्यमंत्री अपनी सरकार के बड़े बड़े घोटालों पर मौन क्यों हैं?
प्रदेश भाजपा महामंत्री चौधरी ने दस्तावेज आधारित मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार घोटालों की सरकार है। हर जगह घोटाले हो रहे हैं। डीएमएफ की रकम फर्जी टेंडरबाजी के माध्यम से उड़ाने के मामले सामने आ चुके हैं। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की जगह मुख्यमंत्री उनका संरक्षण कर रहे हैं और इसी क्रम में पाठ्यपुस्तक निगम घोटाला निगम बन गया है।
पाठ्य पुस्तक निगम में कैसे हुआ घोटोला
पाठ्य पुस्तक निगम में करीब 130 करोड़ का ई टेंडर घोटाला सामने आया है। वर्ष 2023-24 के लिए निगम ने स्कूली बच्चों की पुस्तकों की छपाई के लिए लगभग 10 हजार टन कागज खरीदी की निविदा निकाली थी। करीब 130 करोड़ की कागज खरीदी के लिए अलग अलग राज्यों की कंपनियों ने एक ही दिन 19 सितंबर 2022 को एक घंटे के अंतराल में टेंडर भर दिया। चार अलग अलग कंपनियों ने टेंडर का फाइनल सब्मिशन एक ही सिस्टम या लैपटॉप से किया।
चौधरी ने सवाल किया कि यह कैसे संभव है। साफ जाहिर है कि टेंडर घोटाला हुआ है। पाठ्य पुस्तक निगम में लगातार घोटालेबाजी सामने आ रही है। तुरंत अध्यक्ष से इस्तीफे लेकर इसकी जांच करानी चाहिए।कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार बच्चो के शिक्षा के पैसों में भी डाका डालने से बाज नही आ रही है।
पाठ्य पुस्तक निगम के टेंडर घोटाला कांग्रेस ने बताया झूठ
भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी के द्वारा पाठ्य पुस्तक निगम के टेंडर के संबंध में दिया गया बयान झूठा भ्रामक और जानबूझकर सरकार की छवि खराब करने वाला है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेता गलत बयानी कर रहे कि निगम के पेपर खरीदी का टेंडर एक ही लेपटॉप और एक ही जगह से भरा गया है जबकि चारों ही कंपनियों के द्वारा भरे गए टेंडर के आईपी एड्रेस अलग-अलग है। साथ ही चारों के लोकेशन भी अलग-अलग दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली है। इस तरह के चारों टेंडर एक ही लेपटॉप से भरा गया ऐसा कहना पूरी तरह से गलत और मनगढ़त है।
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पाठ्य पुस्तक निगम पर आरोप लगाने वाले चौधरी पर हमला
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि चौधरी आईएएस अधिकारी रहे हैं, इंजिनियरिंग के छात्र रहे हैं। लंबे समय तक प्रशासनिक कामों का उनका अनुभव रहा है यदि वह कोई बयान दे रहे हैं तो उसके तथ्यों के बारे में गलत जानकारी उनकी तथ्यों की कम समझ नहीं बल्कि उनके द्वारा जानबूझकर तथ्यों के बारे में झूठ बोल कर गलत आरोप लगाए गए हैं। ओपी चौधरी टेंडर प्रक्रिया के बारे में जानते हैं, समझते हैं। यदि चारों टेंडर के कंप्यूटर के आईपी एड्रेस अलग-अलग है और उसी लोकेशन भी अलग-अलग राज्यों की है तब उनका एक ही घंटे में चार अलग-अलग राज्यों से भरा जाना कैसे संभव है? अर्थात उनके आरोप गलत हैं।
शुक्ला ने कहा कि नौकरशाह रहते हुए ओपी चौधरी को घोटाले करने का पुराना अनुभव रहा है। जांजगीर जिला पंचायत सीईओ, दंतेवाड़ा व रायपुर कलेक्टर रहने के दौरान जो व्यक्ति उसकी ठेका कंपनी उपकृत होती रही उसी ठेका कंपनी के द्वारा बायंग में उनके मकान का निर्माण किया जाना संयोग है या प्रयोग इसकी जानकारी उनको छत्तीसगढ़ की जनता को देना चाहिए।