
AHPI रायपुर। एसोसिएशन ऑफ़ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) के छत्तीसगढ़ चैप्टर ने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है।
एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और महासचिव अतुल सिंघानिया ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्र में अस्पताल और नर्सिंग होम मिलाकर 900 सेज्यादा स्वास्थ्य प्रदाता संस्थाएं संचालित हैं।
वर्तमान नीतियों के अनुसार इन्हें कमर्शियल (व्यावसायिक) श्रेणी में अपेक्षाकृत बहुत महंगी दरों पर बैंकिंग और अन्य सेवाएं प्राप्त होती हैं, जबकि स्वास्थ्य का क्षेत्र अति आवश्यक सेवाओं में माना जाता है। जनकल्याणकारी सरकार की नीतियों को लागू करने में स्वास्थ्य क्षेत्र की अहम भूमिका है।
AHPI मेडिकल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। शासन की मंशा अनुसार उद्योग का दर्जा मिलने पर पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा साथ ही पर्यटन के अधोसंरचना निर्माण में तेजी आएगी।
इसी प्रकार स्वास्थ्य प्रदाता सेवाओं को उद्योग का दर्जा मिलने से छत्तीसगढ़ में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और सेवाओं की लागत में आवश्यक कमी आ जाएगी। छोटे और मध्यम आकार के अस्पतालों का फैलाव बढ़ेगा और सुदूर अंचलों में बढ़ावा मिलेगा।
AHPI चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश
स्वास्थ्य क्षेत्र में आवश्यक जमीन, उद्योगों के समान मिलने वाले कम दर के कर्ज और बिजली की दरों और अन्य औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत सब्सिडी पर के लिए नीतिगत पुनरावलोकन आवश्यक हो गया है।
इन नीतियों के लागू हो जाने से आसपास के राज्यों से प्रगति में बढ़ रहे छत्तीसगढ़ राज्य को मध्य भारत में एक बड़ा मेडिकल हब बनाने में मदद मिलेगी। इससेअस्पतालों का संचालन व्यय कम होगा जिससे युवा चिकित्सक स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
AHPI उद्योगा का दर्जा मिलने से होगा फायदा
पत्र में आगे कहा गया है कि हाल ही में राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में संशोधन करते हुए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 1.5 से बढ़ाकर 3.0 किया गया है। इससे उद्योग एक ही भूखंड पर अब दोगुना निर्माण कर सकेंगे। औद्योगिक प्लॉट्स के लिए ग्राउंड कवरेज को 60 प्रतिशतसे बढ़ाकर 70 प्रतिशतकर दिया गया है और सेटबैक में भी कमी की गई है। इससे महंगी कीमत की जमीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। इससे विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कम लागत में अधिक उपयोग योग्य स्थान उपलब्ध होगा।
सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचेगी
डॉ. गुप्ता ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा मिलने से और अस्पतालों को भी एफएआर में वृद्धि करने से अस्पतालों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा और बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। युवा चिकित्सकों को सुदूर पहुंचविहीन इलाकों में अस्पताल निर्माण के लिए प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
डॉ. राकेश गुप्ता और अतुल सिंघानिया ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि व्यापक जनहित को देखते हुए वे स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के लिए नीति परिवर्तन के लिए आवश्यक निर्देश दें।