March 4, 2025

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CG Vidhansabha  सरकारी कर्मियों के कैशलेस मेडिकल सुविधा पर विधानसभा में सवाल: जानिए.. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने क्‍या दिया उत्‍तर

CG Vidhansabha Question in the assembly on cashless medical facility for government employees: Know what answer the Health Minister gave

CG Vidhansabha  रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में आज प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देने पर सवाल हुआ। मोहला- मानपुर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक इंद्रशाह मंडावी ने इसको लेकर सवाल किया था। इस पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने सरकार की तरफ से उत्‍तर दिया है।

मोहला- मानपुर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मंडावी ने पूछा था कि क्‍या शासकीय सेवकों के कैशलेस चिकित्‍सा सुविधा की मांग विभिन्‍न संगठनों द्वारा की गई है। उन्‍होंने यह भी जानना चाहा कि यह सुविधा कब तक उन्‍हें प्रदान की जाएगी। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल की तरफ से इस प्रश्‍न का उत्‍तर दिया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री की तरफ से दिए गए लिखित उत्‍तर में मंत्री जयसवाल ने स्‍वीकार किया है कि कर्मचारी संगठनों की तरफ से कैशलेस मेडिकल सुविधा की मांग की है। इसे लागू करने को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि इसके लिए निश्वित समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।

CG Vidhansabha  दो साल में मतांतरण के आरोपियों पर 11 मुकदमें, सरगुजा संभाग में सबसे ज्‍यादा 9 केस

CG Vidhansabha  रायपुर।  प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान दो साल में मतांतरण (धर्मांतरण) के  11 मुकदमें दर्ज किए गए थे। इसमें अकेले सरगुजा संभाग में 9 केस दर्ज किया गया था। वहीं, दो एफआईआर दर्ज जिला में दर्ज किया गया था। इन 11 मामलों में 28 से ज्‍यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी आज विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी है।

चंद्राकर ने पूछा था कि 2019 से 2023 तक कितने मतांतरण के प्रकरण, कहां- कहां दर्ज किए गए। कितने प्रकरणों में मतांतरण की पुष्टि की गई। चंद्राकर ने यह भी जानना चाहा कि मतांतरण कराने वालों के खिलाफ अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई। मतांतरण का विरोध करने वाले कितने आदिवासियों के खिलाफ किन- किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

इसके लिखित उत्‍तर में गृह मंत्री शर्मा ने बताया कि 2019 में मतातंरण का एक भी केस दर्ज नहीं किया गया। 2020 में बलरामपुर में एक एफआईआर दर्ज की गई। 2021 में दुर्ग में दो, जशपुर में चार और सरगुजा में एक मामला सामने आया। इसके बाद 2022 में जशपुर में दो और बलरामपुर जिला में एक एफआईआर दर्ज की गई।

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