CG Vidhansabha रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस रोज एक मुद्दे पर हंगामा खड़ा करेगी। सत्र के पहले ही दिन पार्टी की तरफ से धान खरीदी और कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया जा सकता है। सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी।
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। यह चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट होगा। वहीं, कांग्रेस की तरफ से काम रोको प्रस्ताव लाने की तैयारी है। इस पर अंतिम निर्णय आज दोपहर में होने वाली विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।
मुद्दों के लिहाज से भी विपक्ष के पास कई बड़े हथियार होंगे। राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था, क्राइम के बढ़ते ग्राफ और धान खरीदी में भारी अव्यवस्था के चलते किसानों को हो रही दिक्कतों की सदन में गूंज होगी। सत्र के लिए अंतिम रणनीति तय करने कांग्रेस विधायक दल आज दोपहर मंथन में जुटेगा।
शीतकालीन सत्र की अवधि भले ही कम है लेकिन मुद्दों के लिहाज से सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष के सदस्यों ने सदन में इस बार सवालों की झड़ी लगाई है। वहीं मुद्दों पर रणनीति तय कर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में 15 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल ज्वलंत मुद्दों पर मंथन के साथ अंतिम रणनीति तय करेगा।
इस बार विपक्ष हर दिन कम से कम एक मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की रणनीति तय कर सकता है। विधायक दल की बैठक में वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्रियों के अलावा संगठन के नेता भी शामिल होंगे। इस दौरान एक-एक मुद्दे पर चर्चा के बाद विधायकों को टास्क भी सौंपे जाएंगे। साथ ही विधायकों के क्षेत्रों के स्थानीय मुद्दों को भी जोर-शोर से उठाया जाएगा।
इस बीच सत्र को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक 13 दिसंबर को ही चुकी है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में सदन के अंदर विपक्ष के हर हमले पर करारा पलटवार करने की रणनीति बनाई गई है। विधायकों को पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा गया है। सत्र के दौरान होने वाली चर्चाओं में शामिल होने वाले विधायकों को भी पूरी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
सत्र के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। यह चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार चार कानूनों में संशोधन के लिए भी संशोधन विधेयक लेकर आएगी। इसमें नगरीय निकाय और पंचायती राज कानून में संशोधन भी शामिल है। माना जा रहा है कि इन संशोधनों का विपक्ष की तरफ से तगड़ा विरोध किया जा सकता है।