Delhi Election: दिल्‍ली में रामबाण का काम करेगा छत्‍तीसगढ़ भाजपा का ये ब्रह्मास्त्र

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Delhi Election: दिल्‍ली में रामबाण का काम करेगा छत्‍तीसगढ़ भाजपा का ये ब्रह्मास्त्र

Delhi Election: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने वाले ब्रह्मास्त्र का प्रयोग पार्टी अब दिल्‍ली में करने जा रही है। बता दें कि 2023 में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने तक किसी को भाजपा के सत्‍ता में आने की उम्‍मीद नहीं थी। यहां तक की अधिकांश एग्जिट पोल में भी छत्‍तीसगढ़ की सत्‍ता में कांग्रेस की वापसी का अनुमान लगाया गया था।

विधानसभा 2023 में तमाम राजनीतिक विश्‍लेषकों और एक्जिट पोल को गलत साबित करते हुए भाजपा सत्‍ता हासिल करने में सफल रही। पार्टी को 2023 में 54 सीटें मिली जो रिकार्ड है। इससे पहले तीन बार प्रदेश की सत्‍ता में रही भाजपा कभी इतनी सीट हासिल नहीं कर पाई थी। भाजपा की सत्‍ता में वापसी के पीछे दो बड़े कारण माने जाते हैं। इनमें एक योजना और दूसरा नारा है।

एक नारा जिसने बदल दिया पूरा माहौल

छत्‍तीसगढ़ में 2018 में भाजपा बहुत बुरी तरीके से हारी थी। 15 साल तक सत्‍ता में रही पार्टी 15 सीटों पर सिमट गई। सत्‍ता से बाहर होने के बाद भाजपा संगठन भी पूरी तरह ठंडा पड़ गया। संगठन को गति देने और कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के कई प्रयास किए गए। प्रदेश प्रभारी बदले गए, अध्यक्ष बदले गए, लेकिन उसका ज्‍यादा असर नहीं हुआ।

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चुनाव से करीब एक साल पहले पार्टी ने तत्‍कालीन बिलासपुर सांसद और मौजूदा भाजपा सरकार के डिप्‍टी सीएम अरुण साव को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई। इसके बाद से थोड़-थोड़ा माहौल बनना शुरू  हुआ। सरकार के खिलाफ लगातार मुद्दे खोजे गए और सड़क की लड़ाई शुरू हुई। युवाओं के मुद्दे जिसमें पीएससी की भर्ती में गड़बड़ी भी शामिल है, उसे भाजपा ने प्रमुखता से उठाया। इसी दौरान पार्टी ने एक नारा बुलंद किया, जिस नारे ने प्रदेश के पूरे राजनीतिक माहौल को ही बदल कर रख दिया।

जानिए.. कहां से आया दिल्‍ली भाजपा का अब नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे…

छत्‍तीसगढ़ का चुनावी माहौल बदलने वाला भाजपा का वह नार था ‘अउ नई सहिबो बदल के रहिबो’ इसी छत्‍तीसगढ़ नारे का हिंदी वर्जन का दिल्‍ली चुनाव में भाजपा प्रयोग कर रही है। पार्टी की तरफ से दिल्‍ली चुनाव के लिए आधिकारिक तौर पर नारा जारी किया गया है।  अब नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे…

Delhi Election: जानिए… पहली बार किसने लगाया अउ नई सहिबो बदल के रहिबो का नारा  

अउ नई सहिबो बदल के रहिबो का नारा पहली बार सांइस कॉलेज मैदान में आयोजित चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला था। यह छत्‍तीसगढ़ में प्रधानमंत्री की पहली चुनावी सभा थी। इसके बाद छत्‍तीसगढ़ में हुई हर चुनावी सभा में यह नारा बुलंद हुआ। छत्‍तीसगढ़ में चुनावी दौरे पर आने वाले हर नेता ने यह नारा अपनी सभाओं में लगाया। धीरे-धीरे यह नारा आम लोगों की जुबान पर चढ़ गया।

Delhi Election: जानिए.. किसने गढ़ा था अउ नई सहिबो बदल के रहिबो का नारा

भाजपा नेताओं के अनुसार अउ नई सहिबो बदल के रहिबो का नारा पंकज कुमार झा ने गढ़ा था। झा अभी मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव  के साय राजनीतिक सलाहकार की भूमिका में है। हाल ही में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और झा के बीच सोशल मीडिया में हुई तीखी नोंकझोक काफी चर्चा में रही।  

Delhi Elecation: नारा ने माहौल बनाया और महतारी वंदन वोट दिलाया…

भाजपा की सत्‍ता में वापसी के लिए जिन दो कारणों को  बड़ा माना जाता है उनमें अउ नई सहिबो बदल के रहिबो नारा के साथ महतारी वंदन योजना था। अउ नई सहिबो बदल के रहिबो से पूरे प्रदेश में तत्‍कालीन सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा हुआ। इसके बाद जारी हुई मोदी की गारंटी (चुनावी घोषणा पत्र) में महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने के वादे ने भाजपा को सत्‍ता तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।  

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