Dhan Kharidi रायपुर। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान फिर एक बार छलक पड़ा है। प्रदेश के किसान अब तक सरकारी केंद्रों में रिकार्ड धान बेच चुके हैं। 24 जनवरी की स्थिति में छत्तीसगढ़ में 145 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है। पिछले साल 144.92 लाख टन धान की खरीदी हुई थी। इस बार अभी 31 जनवरी तक धान की खरीदी चलेगी, जबकि राज्य सरकार का खरीदी का अनुमानित लक्ष्य एक लाख 60 हजार टन है।
छत्तीसगढ़ में सरकारी धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए इस बार 27 लाख 78 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से 25 लाख 13 हजार किसान अब तक अपना धान बेच चुके हैं। लगभग ढाई लाख किसान अभी धान नहीं बेच पाए हैं। अफसरों के अनुसार 24 जनवरी को एक दिन में एक लाख 41 हजार टन धान की खरीदी हुई है। यह धान 30 हजार 762 किसानों से खरीदी गई है।
अफसरों के अनुसार प्रदेश में अब तक धान बेच चुके 25 लाख से ज्यादा किसानों को 29 हजार 599 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। यह भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि फिलहाल केंद्र सरकार की तरफ से घोषित एमएसपी के आधार पर भुगतान किया जा रहा है।
प्रदेश में किसानों को धान का प्रति एकड़ 3100 रुपये का भुगतान किया जाना है। अभी एमएसपी के अनुसार 2300 और 2320 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। अंतर की राशि का भुगतान फरवरी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इसकी घोषणा पहले ही कर चुके हैं। बात दें कि बीते वर्ष भी किसानों को धान बोनस की राशि का एकमुश्त भुगतान किया गया था।
प्रदेश में अब तक एक लाख 45 हजार टन धान की खरीदी हो चुकी है। इसमें से एक लाख 10 हजार धान उठाने के लिए राइस मिलर्स को डीओ जारी किया जा चुका है। मिलर्स 87 लाख टन धान का उठाव कर चुके हैं।
विष्णुदेव साय सरकार इस बार धान खुले बाजार में नीलाम करेगी। राज्य सरकार को यह फैसला धान की खरीदी आवश्यता से अधिक होने की वजह से लेना पड़ा है। विष्णुदेव सरकार को क्यों लेना पड़ा है धान की नीलामी का फैसला जानने के लिए यहां क्लिक करेंAMP