Dhan Kharidi रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार इस साल खुले बाजार में धान बेचेगी। इसके लिए फरवरी में सरकार की तरफ से टेंडर जारी किया जा सकता है। गुरुवार को खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रि मंडलीय उप समिति की बैठक में धान खुले बाजार में बेचने का फैसला किया गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल प्रदेश के किसानों से 1 लाख 60 हजार टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है। अब तक 1 लाख 13 हजार टन से ज्यादा खरीदी हो चुकी है। अभी 31 जनवरी तक खरीदी चलेगी। ऐसे में राज्य सरकार का अनुमान है कि इस बार 1 लाख 60 हजार से 1 लाख 65 हजार टन तक धान खरीदी होगी। इससे तैयार होने वाला चालव केंद्र और राज्य सरकार की जरुरत से ज्यादा है। इसी वजह से राज्य सरकार ने बाकी धान खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है।
अफसरों के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार तय लक्ष्य के अनुसार यदि किसानों से 1 लाख 60 हजार टन धान खरीदती है तो कस्टम मिलिंग के बाद इतने धान से करीब 1 लाख 7 हजार 20 टन चावल तैयार होगा। यह चावल केंद्र और राज्य सरकार की जरुरत से ज्यादा है।
खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार केंद्र सरकार ने इस बार छत्तीसगढ़ से 70 लाख टन चावल लेने की सहमति दी है। यह चावल केंद्रीय पूल में एफसीआई यानी भारतीय खाद्य निगम में जमा होगा। वहीं, राज्य सरकार को करीब 14 लाख टन चावल चाहिए, जो नान यानी नागरिक आपूर्ति निम के गोदाम में जमा होगा। इस तरह राज्य और केंद्र दोनों का मिलाकर कुल 84 लाख टन चावल चाहिए, जबकि 1 लाख 60 हजार टन धान से 1 लाख टन से ज्यादा चावल तैयार होगा।
अफसरों के अनुसार केंद्र और राज्य पूल मिलाकर कुल 84 लाख टन चावल तैयार करना है। एक लाख 25 हजार टन धान की जरुरत पड़ेगी। अफसरों के अनुसार 1 लाख 60 से 65 हजार टन धान खरीदी की स्थिति में राज्य सरकार के पास 40 लाख टन धान अतिरिक्त बचेगा, जिसे राज्य सरकार को खुले बाजार में नीलाम करना पड़ेगा। गुरुवार को हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में इसको लेकर अफसरों को तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले भूपेश बघेल की सरकार को भी धान नीलाम करना पड़ा था। तब राज्य सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अफसरों के अनुसार इस बार भी राज्य सरकार कस्टम मिलिंग करा कर चावल बेचने की बजाय धान की ही नीलामी करेगी।