Municipal Elections रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव (नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत) अब ईवीएम से होंगे। पिछले पखवाड़े डिप्टी सीएम और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा था कि इस बार निकाय के चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे, क्योंकि निकाय चुनाव में बड़े पैमाने पर ईवीएम की जरुरत पड़ेगी। अभी उतने ईवीएम का इंतजाम नहीं हो पाएगा। आज साव ने ईवीएम से निकाय चुनाव कराने की बात कही है।
नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराए जाने का अरुण साव का बयान भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद आया है। बता दें कि गुरुवार को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक पार्टी मुख्यालय में हुई। इसमें प्रदेश प्रभारी और संगठन महामंत्री के साथ सरकार और संगठन के सभी बड़े नेता मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार इसी बैठक में नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराए जाने का फैसला किया गया। सूत्रों के अनुसार निकाय के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी ईवीएम से कराए जाने पर विचार किया गया, लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा ईवीएम मशीनों की जरुरत को देखते हुए फिलहाल त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से ही कराने का फैसला किया गया है, लेकिन निकाय का चुनाव अब ईवीएम से ही होगा यह लगभग फाइनल हो चुका है।
नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराने के लिए राज्य सरकार को नगरीय निकाय चुनाव के नियमों में बदलाव करना होगा। यहां बता दें कि 2019 के पहले छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव में मतदान ईवीएम के जरिये ही होता था, लेकिन 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नियमों में बदलाव किया।
इसके साथ ही निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने के साथ ही महापौर का चुनाव की प्रणाली अप्रत्यक्ष कर दिया। विष्णुदेव साय सरकार महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए नियमों में बदला की प्रक्रिया को पहले ही पूरा कर चुकी है।
अब ईवीएम से मतदान के लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। अफसरों के अनुसार इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग से राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए 15 से 20 हजार ईवीएम की जरुरत पड़ेगी। ईवीएम से मतदान कराने का फैसला होने की स्थिति में ईवीएम मशीनों की जांच करानी पड़ेगी। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है, क्योंकि इसके लिए दूसरे राज्यों से एक्सपर्ट आएंगे।
ईवीएम से चुनाव कराए जाने के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी असलियत पर आ ही गई। पहले कहा बैलेट पेपर से चुनाव होगा, अब जब फीड बैक मिला की ये चुनाव जीत नहीं सकते तो अब यूटर्न लेकर ईवीएम से चुनाव लड़ रहे। दरअसल बीजेपी की जान ईवीएम में बसती है।