November 22, 2024

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Dr Raman: निगम-मंडल में इन 2 लोगों की नियुक्ति के लिए डॉ. रमन ने सीएम को लिखा पत्र, मच गया बवाल

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Dr Raman: निगम-मंडल में इन 2 लोगों की नियुक्ति के लिए डॉ. रमन ने सीएम को लिखा पत्र, मच गया बवाल

Dr Raman: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के सरकारी निगम, मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्ति का सिलसिला शुरू हो चुका है। पांच प्राधिकरणों के साथ ही दो आयोगों में भी नियुक्ति हो चुकी है। नवरात्र शुरू होने के साथ ही अलगे कुछ दिनों में कुछ और निगम मंडलों में नियुक्ति की सूची जारी होने की संभावना जताई जा रही है।

इस बीच सोशल मीडिया में निगम-मंडल में नियुक्ति को लेकर दो लेटर तेजी से वायरल हो रहा है। इस सिफारिशी लेटरों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष नहीं बल्कि सत्‍ताधारी भाजपा के लोग ही इसको लेकर हमलावर हैं। भाजपा के एक सांसद के करीबी ने इन सिफारिशी पत्रों को लेकर निशाना साधा है तो कुछ नेता इस पत्र को वायरल करने वालों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।  

दरअसल वायरल हो रहे दोनों पत्र मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय को संबोधित हैं। इसमें दो लोगों को निगम-मंडल में नियुक्ति देने की अनुशंसा की गई है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहा यह सिफारिशी पत्र कथिततौर पर पूर्व मुख्‍यमंत्री और मौजूद विधानसभा स्‍पीकर डॉ. रमन सिंह ने मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा है। (वायरल हो रहे है, इस पत्र की सत्‍यता की हम पुष्टि नहीं करते हैं)

Dr Raman: इन दोनों पत्रों को देवेंद्र गुप्‍ता ने अपने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर पोस्‍ट किया है। हालांकि देवेंद्र गुप्‍ता भी वायरल पत्र सही है ऐसा नहीं मान रहे हैं। उन्‍होंने सोशल मीडिया में लिखा है कि अगर वायरल यह पत्र सही है तो मेरी राय में मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदे की अपनी सीधाई ही उन्‍हें नुकसान पहुंच रही है। उनका सीधापन देखकर लोग कैसी जुर्रत कर बैठ रहे हैं।

देवेंद्र गुप्‍ता ने आगे लिखा है कि देखिए यहां पर डाक्टर रमन सिंह जी कैसे दबाव बना रहे है। इसके साथ ही देवेंद्र ने ऐसी अनुशंसा या सिफारिश के लिए पार्टी में क्‍या सिस्‍टम है, वह भी बताया है। लिखा है कि अनुशासन और परंपरा यह है कि पहले जिला भाजपा अध्यक्ष के माध्यम से ऐसा अनुशंसा पत्र प्रदेश संगठन को भेजा जाता है, पश्चात प्रदेश संगठन की मुहर लगकर यह पत्र मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत होता है तत्पश्चात मंडल/आयोग घोषणा होती है।

Dr Raman: परंतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने पद की गरिमा को ताक में रखकर अनुशंसा पत्र सीधे मुख्यमंत्री को भेजना और निर्देशित करने की बात कहना सीधे तौर पर सरकार के कार्यों,मुख्यमंत्री के अधिकारों पर अनैतिक हस्ताक्षेप है।  बताते चले कि देवेंद्र गुप्‍ता रायपुर सांसद और प्रदेश भाजपा के दिग्‍ग्‍ज नेता बृजमोहन अग्रवाल की टीम का हिस्‍सा रहे हैं।

देवेंद्र गुप्‍ता की इस पोस्‍ट पर कई लोगों ने कमेंट किया है। कुछ लोगों ने पत्र को वायरल करने वालों पर सवाल खड़ा किया है। एक यूजर ने लिखा है कि पत्रों की सच्चाई की चांज होनी चाहिए क्योंकि पसंद तो हो सकती है और अनुशंसा भी नेतागण करते है परंतु पत्र बाजार में नही आते। असंतुष्ठ लोगो का कृत्य हो सकता है।

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