अपने अधिकार के लिए, कर्मचारियों ने बंद किया कलम
1 min read*मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा स्मरण मांग पत्र*
रायपुर। chatur post.com (चतुरपोस्ट. कॉम)
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा सरकार के कर्मचारी विरोधी नीति का जोरदार विरोध जारी रखते हुए आंदोलन के दूसरे चरण में आज राज्यव्यापी *वादा निभाओ रैली* आयोजित कर राज्य शासन का ध्यान *शासकीय सेवक हित* के तरफ आकर्षित किया।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,महासचिव आर के रिछारिया,लक्ष्मण भारती,सचिव राजेश चटर्जी,कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, मुख्य प्रवक्ता विजय झा, प्रवक्ता बी पी शर्मा का कहना है कि सरकार के उच्च अधिकारी केवल खुद के संभावनाओं को तलाशने और तराशने में व्यस्त हैं। राज्य के विकास में जमीनी कार्य करने वाले शासकीय सेवक अपनी उपेक्षा से व्यथित हैं। “कलम रख मशाल उठा” आंदोलन कर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में कर्मचारी अधिकारियों ने दूसरे चरण में कलाम बंद कर धरना और प्रदर्शन किया है।
कमल वर्मा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने आज राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन एवं रैली कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। गौरतलब है कि आंदोलन के कारण शासकीय कार्यालयों में कुछ समय के लिए कार्य बाधित हुआ। जोकि,मंत्रालय,संचालनालय समेत समस्त मैदानी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी-अधिकारियों में पनप रहे आक्रोश का संकेत है।
*आज प्रदेश भर के समस्त जिलों से कर्मचारियों द्वारा जोरदार धरना,प्रदर्शन एवं वादा निभाओ रैली होने की जानकारी मिल रही है।इस आंदोलन को सफल बनाने 28 जिलों के जिला संयोजक ने ब्लॉक स्तर तक दौरा कर ऐतिहासिक बनाया। जिला का नेतृत्व इदरीश खान ने किया। कई संगठन के प्रांताध्यक्ष आज के आंदोलन को संबोधित किया।*
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के मुख्य प्रवक्ता विजय झा ने आंदोलन के माँगो के बारे में बताया कि लिपिक,शिक्षक, स्वास्थ्य एवं अन्य कर्मचारी संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण;प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता;सातवें वेतनमान के बकाया एरियर्स का भुगतान; विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति,क्रमोन्नति/
समयमान एवं तृतीय समयमान वेतनमान समय सीमा में प्रदान करने;सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने;शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत शासकीय सेवकों के परिवार को 50 लाख अनुग्रह राशि तथा अनुकंपा नियुक्ति देने;कोरोना भत्ता देने;अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने तथा सेवा से निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की सेवा बहाल करने;जन घोषणा पत्र में उल्लेखित मांगों को पूरा करने; सातवे वेतनमान के मूल वेतन के आधार पर 10 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता देने;राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने;तृतीय श्रेणी के पदों पर 10 प्रतिशत के बंधन को मुक्त करते हुए समय सीमा के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण करने;कार्यभारित/आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों को नियमित पदों पर पदस्थापना कर समायोजित करते हुए नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते व पेंशन देने; पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटॉप के साथ उनके कार्यालयों में कंप्यूटर की समस्त सुविधा उपलब्ध कराने;
पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा-49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बँटवारा कर सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल भारतीय स्टेट बैंक गोविन्दपुरा भोपाल से पृथक कर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा करना शामिल है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संजय सिंह,कैलाश चौहान,पंकज पाण्डेय,विंदेश्वर रौतिया,प्रशांत दुबे,एन एच खान,आर एन ध्रुव,अश्वनी वर्मा, शशिकांत गौतम,कुशल कौशिक,डॉ अशोक प्रधान
,यशवंत वर्मा,संजीव सिरमौर,डॉ बी पी सोनी,दिनेश रायकवार,राकेश शर्मा,अश्वनी चेलक,राम सागर कोसले,राकेश सिंह,देवलाल भारती,शंकर वराठे
,रंजना ठाकुर,टारजन गुप्ता,हरि मोहन सिंह
होरीलाल छेदैया,सत्येन्द्र देवांगन,गुलाब यादव
आमोद श्रीवास्तव,आदित्य मिश्रा,एम एल चंद्राकर
अनिल देवांगन,गोपाल साहू,संतोष वर्मा आदि सक्रिय रहे।फेडरेशन का कहना है कि यदि सरकार ने शासकीय सेवकों के लिए उपेक्षापूर्ण रवैया जारी रखा तो तीसरे चरण में 19 दिसंबर 20 को राजधानी रायपुर में 28 जिलों से कर्मचारी-अधिकारी पहुँचकर धरना-प्रदर्शन तथा वादा निभाओ रैली करेंगे।