Governor Deka: रायपुर। प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत देश में वर्ष 2025 तक टीबी रोग जड़ से समाप्त करने के लिए सबको एक साथ मिलकर काम करना है। टीबी उन्मूलन समुदाय के सहयोग के बिना संभव नहीं है। टीबी के प्रति सभी को जागरूक होना होगा।
राज्यपाल रमेन डेका ने आज टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही एलाइस परियोजना के राज्य स्तरीय प्रसार कार्यक्रम में उक्त बाते कही।
Governor Deka: जानिए.. कितने टीबी चैम्पियंस किए गए हैं तैयार
रीच संस्था के सहयोग से छत्तीसगढ़ सहित देश के चार राज्यों में यह परियोजना चलाई जा रही है। रीच छत्तीसगढ़ में राज्य टी.बी. कार्यक्रम के साथ एक भागीदार के रूप में कार्य कर रहा है। रीच ने टीबी रोग से लड़ कर इससे मुक्त होने वाले टी.बी. चैम्पियंस का एक नेटवर्क बनाया है। एलाइस परियोजना के तहत 904 टी.बी. चैम्पियंस को प्रशिक्षित किया गया है जो सरकार के साथ मिलकर टी.बी. उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं।
Governor Deka ने कहा कि हम सभी को मिलकर इस परियोजना के उद्देश्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। राज्यपाल डेका ने कहा कि केन्द्र व राज्य शासन इस बीमारी को देश में जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके लिए जनजागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहल पर चलाए जा रहे प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निक्षय मित्र बनें और एक या एक से अधिक टी.बी. मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण आहार या अन्य सहायता प्रदान कर सकते है।
Governor Deka ने किया रिपोर्ट का विमोचन इस अवसर पर राज्यपाल ने एलाइस परियोजना से संबंधित रिर्पोर्ट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रीच संस्था की सरला सिंघानिया ने किया। टीबी रोग से लड़कर चैम्पिंयन बनी दुर्ग की कुमारी चंद्रकला यादव ने अपने अनुभव साझा किए।
उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व उसे टीबी हुआ था लेकिन पूर्ण इलाज से वह ठीक हो गई है और दूसरे टीबी रोग से पीड़ित व्यक्तियों को भी वह प्रेरित करती है, साथ ही राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में भी सहयोग देती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के संचालक डॉ. जगदीश सोनकर ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर एलाइस परियोजना के मैनेजर, रीच संस्था के सदस्य तथा टीबी रोग से मुक्त होने वाले चैम्पिंयस उपस्थित थे।