January 19, 2025

Chatur Post

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Power Plant में श्रमिकों की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, कंपनी और सरकार को जारी किया यह निर्देश

High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला: अंडरटेकिंग के बावजूद सरकारी कर्मचारी से नहीं की जा सकती रिकवरी

Power Plant  रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के बिजली उत्‍पादक संयंत्रों (पावर प्‍लांटों) में काम करने वाले श्रमिकों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जाहिर की है। इस मामले जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्‍हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डब्‍ल बेंच ने राज्‍य सरकार को पावर प्‍लांटों में काम करने वाले श्रमिकों के स्‍वास्‍थ्‍य की फिर से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने पावर प्‍लांट और सीमेंट संयंत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का भी निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले से जुड़े न्याय मित्र और कोर्ट कमिश्नरों की तरफ से प्रस्तुत विभिन्न रिपोर्टों को देखा। इन रिपोर्टों में कोयला संयंत्रों में श्रमिकों की खराब स्वास्थ्य स्थिति और नियमों के उल्लंघन की जानकारी दी गई है। राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि निरीक्षण के दौरान कई संयंत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा मानकों की कमी पाई गई है।

Power Plant  अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि इन उल्लंघनों पर कार्रवाई करने में देरी हुई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित संयंत्रों को श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि श्रमिकों की सुरक्षा में लापरवाही स्‍वीकार नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने सभी प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है।

Power Plant कोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लिया है यह मामला

बता दें कि पावर प्‍लांटों में काम करने वाले श्रमिकों के स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े इस मामले को हाईकोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लिया है। यह मामला 2016 से हाईकोर्ट में चल रहा है। अब तक 62 से ज्‍यादा पेशी हो चुकी है। फिर मार्च में सुनवाई की तारीख तय की गई है।

Power Plant मुख्य मुद्देः

1. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी:

संयंत्रों में कई श्रमिक “ब्लैक लंग” जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित पाए गए। रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि श्रमिकों के वार्षिक स्वास्थ्य जांच के नाम पर केवल दिखावटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

2. नियमों का उल्लंघनः

छत्तीसगढ़ फैक्टरी नियम, 1962 के नियम 131 और 131-A के तहत श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच और उचित चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करना अनिवार्य है। अधिकांश संयंत्रों में इन नियमों का पालन नहीं किया गया।

3. अतिरिक्त निरीक्षण का आदेशः

अदालत ने राज्य सरकार को सभी कोयला संयंत्रों का पुनः निरीक्षण करने और स्वास्थ्य केंद्र, एंबुलेंस सुविधाओं की स्थिति की जाँच करने का निर्देश दिया।

4. श्रमिकों की पुनः जांचः

अदालत ने आदेश दिया कि सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच सरकारी अस्पतालों में कराई जाए और इसकी रिपोर्ट पेश की जाए।

Power Plant राज्य सरकार का उत्तरदायित्वः

राज्य सरकार ने बताया कि श्रमिकों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की पहचान और समाधान के लिए नई नियुक्तियाँ की गई हैं। 2024 में 42 नए सर्टिफाइंग सर्जन नियुक्त किए गए हैं। हालांकि, अदालत ने इस पर असंतोष व्यक्त किया और इन उपायों को अपर्याप्त बताया।

Power Plant  कोर्ट के निर्देशः

1. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधारः सभी संयंत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों और एंबुलेंस सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश।

2. कोयला धूल का नियंत्रणः संयंत्र परिसर में कोयला धूल के स्तर की जाँच और उसे नियंत्रित करने के लिए उपकरण लगाने का निर्देश।

3. प्रमुख रिपोर्ट पेश करने का निर्देश:  स्वास्थ्य केंद्रों और एंबुलेंस की उपलब्धता पर एक विस्तृत रिपोर्ट।  श्रमिकों की पुनः जांच और उनके स्वास्थ्य पर विस्तृत जानकारी।

चीफ जस्टिस और रविंद्र कुमार अग्रवाल की डीबी में चल रही सुनवाई

इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्‍हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की कोर्ट में चल रही है। 2016 से अब तक 62 तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है।

Power Plant  इन लोगों को बनाया गया है पार्टी

छत्‍तीसगढ़ सरकार और विभागीय सचिवों के साथ विभिन्‍न पावर और सीमेंट प्‍लांटों को इसमें पार्टी बनाया गया है। कुल 68 लोगों को पार्टी बनाया गया है। इनमें Chhattisgarh State Power Generation Co. Ltd, C S P G C L, National Thermal Power Corporation, N T P C, Bharat Aluminum Co. Limited,  L A N C O Power Ltd., A C B india Ltd., Maruti Vidyut,Vandana Vidyut, Jindal Steel and Power, Salasar Sponge And Power, Avantha Power and Infrastructure Ltd, Monnet Ispat and Energy, M S P Steel and Power,  Anjani Steel, Singhal Enterprises Ltd, Nav Durga Fuels, Prakash Industries, K S K Mahanadi Power Co. Ltd., Madhya Bharat Papers, Sarda Energy and Minerals Ltd, Godavari Power and Ispat Ltd, S K S Ispat and Power Ltd, Mahindra Sponge and Power Ltd., Rashmi Sponge and Power, G. R. Sponge And Power Ltd, Jaiswal Neco Industries Ltd, Vaswani Industries Ltd., E P I Ispat Ltd, Real Ispat and Power Ltd, Hitech Power and Steel Ltd, Indusil Energy, Shri Bajrang Power and Ispat Ltd, Ultra- Tech Cement, Ambuja Cement,  Century Cement,   M/s Athena Chhattisgarh Power Pvt. Ltd.,  M/s R K M Powergen Pvt. Ltd,    M/s D. B. Power Ltd., M/s Jain Energy Ltd., M/s M B Power and Infrastructure Ltd, M/s Suryatech Power Co. Ltd, M/s Essar Power Ltd.,   M/s Ispat Industries Ltd., M/s K. V. K. Power Pvt. Ltd.,    M/s Shyam Century Infrastructure Ltd., M/s Torent Power Ltd.,    M/s Adhunik Thermal Energy Ltd, M/s Sona Power Pvt. Ltd.,    M/s Ind Bharat Energy Ltd., M/s B P L Ltd.,    M/s Lords Power Pvt. Ltd.,  M/s A. T. Ispat and Power Ltd.,  M/s D. C. M. Sriram Consolidated Ltd., M/s Shyam Warehousing and Power Pvt. Ltd., M/s Visa Power Ltd., M/s S. V. Power Ltd., M/s G M R Energy, M/s Topworth Steels and Power Ltd, M/s A Es India Pvt. Ltd., M/s Power Finance Corporation, M/s India Bulls Power Ltd.,Chhattisgarh Investment Promotion Board, S I P B,

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