IAS Subodh Kumar रायपुर। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आईएएस सुबोध कुमार सिंह को पावर कंपनी का चेयरमैन बनाया गया है। हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे सुबोध कुमार सिंह को केवल ट्रांसमिशन कंपनी के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन बाकी दोनों कंपनियों के चेयरमैन डॉ. रोहित यादव के अवकाश पर होने के कारण सुबोध कुमार सिंह फिलहाल बाकी दोनों कंपनियों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
आईएएस सुबोध कुमार सिंह करीब 6 साल बाद पावर कंपनी में लौटे हैं। पावर कंपनी में उनकी वापसी चर्चा का विषय बनी हुई है। शांत और सरल स्वभाव के आईएएस सुबोध कुमार सिंह की गिनती रिजल्ट देने वाले अफसरों में होती है लेकिन वे लाइम लाइट से हमेशा दूर रहते हैं। यही वजह है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान भी उन्हें कई बड़े पदों पर काम करने का मौका मिला। छत्तीसगढ़ लौटते ही उन्हें मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन उनके पास कोई विभाग नहीं है। प्रशासनिक गलियारे में चर्चा है कि सुबोध कुमार सिंह को पावर कंपनी की जिम्मेदारी अस्थायी तौर पर दी गई है। डॉ. रोहित यादव के लौटते ही वे पावर कंपनी छोड़ देंगे।
इधर, सरकार के करीबी सूत्रों का कहना है कि पिछले पांच साल में पूरे प्रदेश में अधोसंरचना विकास का काम प्रभावित रहा। पावर कंपनी भी इससे अछूता नहीं रहा है। बीते पांच सालों में प्रदेश में बिजली की मांग कई गुना बढ़ी है। इसकी तुलना में उत्पादन बढ़ने की बजाय घट गया है। छत्तीसगढ़ का बिजली की आपूर्ति पूरी तरह केंद्रीय और प्राइवेट सेक्टर के उत्पादन संयंत्रों पर निर्भर हो गई। इसका असर बिजली की कीमतों पर भी पड़ रहा है। ट्रांसमिशन लाइनों के विस्तार पर भी कोई खास काम नहीं हुआ है।
इधर, पावर सेक्टर इस वक्त केंद्र सरकार के फोकस में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नजर इस सेक्टर पर है। इसे ध्यान में रखते हुए पावर कंपनी की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने सबसे योग्य अफसर को सौंपी है। ऐसे में संभव है कि डॉ. रोहित यादव के लौटने के बाद उन्हें मंत्रालय में कोई और जिम्मेदारी दे दी जाए और पावर कंपनी के चेयरमैन की कुर्सी सुबोध कुमार सिंह की संभाले।
2008 में जब बिजली बोर्ड का विखंडन किया गया तब पांच कंपनियां बनाई गई थी। इनमें उत्पादन, पारेषण और वितरण के साथ ट्रेडिंग कंपनी और इन कंपनियों को कंट्रोल करने और उनके बीच बंटवारा विवाद आदि का निराकरण करने के लिए एक होल्डिंग कंपनी। पिछली कांग्रेस सरकार ने दो कंपनियों को खत्म कर दिया। ट्रेडिंग कंपनी को वितरण कंपनी में मर्ज कर दिया गया, जबकि होल्डिंग को पारेषण कंपनी में। माना जा रहा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए सुबोध कुमार सिंह को पारेषण कंपनी का चेयरमैन बनाया गया है और बाकी दोनों कंपनियों के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
आईएएस सुबोध कुमार सिंह मुख्यमंत्री सचिवालय में रहते हुए 2010 में पहली बार बिजली वितरण कंपनी के एमडी बनाए गए थे। इसके तीन साल बाद 2013 में उन्हें ट्रेडिंग कंपनी के एमडी का भी चार्ज मिल गया। सुबोध कुमार सिंह 2015 तक वितरण और 2018 तक ट्रेडिंग कंपनी के एमडी रहे। करीब पांच साल तक सुबोध कुमार सिंह बिजली वितरण कंपनी के एमडी रह चुके हैं। 2015 में सुबोध कुमार सिंह के बाद आईएएस अंकित आनंद को वितरण कंपनी का एमडी बनाया गया।
आईएएस सुबोध कुमार सिंह 1997 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस हैं। वे मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। सुबोध कुमार सिंह का जन्म 1973 में देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त को एक शिक्षक के परिवार में हुआ था। सुबोध सिंह के पिता स्कूल में शिक्षक थे। सुबोध सिंह ने देश की सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई और एमई की डिग्री हासिल की है। डिस्टिंक्शन के साथ बीई और फर्स्ट डिवीजन में एमई की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने मुक्त विश्वविद्यालय से एमबीए किया।
सुबोध कुमार सिंह 1997 में यूपीएससी के जरिये आईएएस बने, उन्हें मध्य प्रदेश कैडर आवंटित हुआ। सुबोध कुमार सिंह की पहली पोस्टिंग मंडला जिला में सहायक कलेक्टर के रुप में हुई। मंडल के बाद उन्हें कोरिया का एसडीओ बनाया गया। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना तब वे बस्तर जिला पंचायत के सीईओ थे।
कलेक्टर के रुप में सुबोध कुमार सिंह को पहला जिला रायगढ़ मिला। वे 2002 में रायगढ़ के कलेक्टर बनाए गए। वे मार्कफेड और नान के एमडी रहे। 2005 में उन्हें रायपुर का कलेक्टर बनाया गया। इसके बाद वे बिलासपुर और फिर दूसरी बार रायपुर के कलेक्टर बने। सुबोध कुमार सिंह हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त के पद पर भी काम कर चुके हैं। 2009 में सुबोध कुमार सिंह की मुख्यमंत्री सचिवालय में एंट्री हुई। 2018 तक वे मुख्यमंत्री सचिवालय में रहे और फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। केंद्र सरकार में भी वे कई महत्वपूर्ण पदों रहे।
बिजली बोर्ड के विखंडन के बाद पांच कंपनियां बनी। तत्कालीन मुख्य सचिव पी. जाय उम्मेन को चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। वहीं, जीएस देश पाण्डेय वितरण कंपनी के एमडी बना गए। देशपाण्डेय के बाद सुबोध कुमार सिंह वितरण कंपनी के एमडी बने। 2015 में अंकित आनंद को वितरण कंपनी का एमडी बनाया गया। 2019 में आईएएस अब्दुल कैसर हक एमडी बने। 2020 में हर्ष गौतम और 2022 में मनोज खरे एमडी बनाए गए। खरे के बाद भीमसिंह कंवर एमडी बनाए गए हैं।