Liquor scam ईडी की बड़ी कार्यवाही: कांग्रेस भवन समेत 6 करोड़ की संपत्ति अटैच

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Liquor scam रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्यवाही की है। ईडी ने घोटाला के आरोप में जेल में बंद कांग्रेस विधायक व पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश लखमा की छह करोड़ पंद्रह लाख 75 हजार मूल्य की संपत्ति अटैच कर दी है। इसमें 68 लाख रुपए में बना सुकमा जिला कांग्रेस भवन भी शामिल है। ईडी की इस कार्यवाही पर सियासत भी शुरू हो गई है।

जानिए- लखमा पिता-पुत्र की किन संपत्तियों को किया गया अटैचल

खमा पिता-पुत्र की जिन संपत्तियों को ईडी ने अटैच किया है उसमें रायपुर के वीआईपी रोड स्थित विधायक कालोनी में बना बंगला भी शामिल है। यह बंगला कवासी लखमा के नाम पर है। इसके साथ ही सुकमा में एक मकान भी अटैच किया गया है। यह मकान हरीश लखमा के नाम पर है। ईडी का आरोप है कि इन भवनों के निर्माण में शराब घोटाला का पैसा लगा है। बता दें कि सुकमा का जिला कांग्रेस कार्यालय कथिततौर पर लखमा ने अपने पैसे से बनवाया था।

Liquor scam जानिए- कब हुई थी लखमा की गिरफ्तारी

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सिंडिकेट बनाकर शराब के कारोबार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप है। इस सिंडिकेट में नेता और कारोबारियों के साथ आईएएस व अन्य अफसर शामिल थे। भ्रष्टाचार के दौरान राज्य के आबकारी मंत्री रहे लखमा को ईडी ने इस साल 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था। लखमा तब से जेल में हैं। आरोप है कि सिंडिकेट ने साजिश के तहत सरकारी शराब दुकानों से नकली होलोग्राम वाले शराब बेचे गए और उसका पूरा पैसा सिंडिकेट के पास गया। इसके साथ ही शराब में कमीशनखोरी का भी आरोप है।

एफआईआर में 70 से ज्यादा लोगों का नाम

शराब घोटाला में ईडी के साथ ही ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है। ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में 70 से ज्यादा लोगों को आरोप बनाया गया है। इसमें तीन दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में पूर्व मंत्री लखमा के आलावा सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टूटेजा, बेवरेज कार्पोरेशन के एमडी रहे भारतीय टेलीकॉम सेवा के अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और त्रिलोक सिंह ढिल्लन समेत अन्य शामिल हैं।

अब तब 205 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अटैच

ईडी इस मामले में पहले ही दो बार में 205 करोड़ रुपए की संपत्ति पहले ही अटैच कर चुकी है। इसमें रायपुर के जेल रोड स्थित एक बड़ा होटल भी शामिल है। पहले अटैच की गई संपत्ति मामले के 14 आरोपियों की थी।

Liquor scam संपत्ति अटैच करने का यह मतलब

ईडी या अन्य कोई जांच एजेंसी कोई संपत्ति अटैच करती है तो वह उस पर कब्जा नहीं करती है, संपित्त जिसके पास है वह उसका पहले की तरह उपयोग जारी रख सकता है। संपत्ति को अस्थायी रुप से जब्त किया जाता है। अटैच संपत्ति को बेचा या किसी दूसरे के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

chatur postJune 13, 2025
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