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Naxal operation 31 लाल आतंकी ढेर, 18 जवान घायल  पढ़‍िए- सबसे बड़े नक्‍सली ऑपरेशन की पूरी कहानी

400 से अधिक आईईडी, 40 हथियार व करीब 2 टन विस्फोटक बरामद

Naxal operation  बीजापुर। बस्तर समेत पूरे देश से नक्सलवाद के खात्में की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से लाल आतंक को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और सुरक्षाबलों की तरफ से आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है।

ऐसा ही एक अभियान छत्तीसगढ़ में भी धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चलाया गया था। करीब 16 दिन चले इस अभियान में सुरक्षा बलों ने एक करोड़ 72 लाख रुपए के इनामी 31 नक्सलियों को ढेर करने का दावा किया है। जंगल में उतरी फोर्स ने नक्सलियों के कई ठिकानों को तबाह किया है साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला बरुद बरामद किया है। इस ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट में आठ जवान घायल हुए हैं।

जानिए- छत्तीसगढ़़ में कहां चलाया गया था अभियान

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तेलांगाना से लगी सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया था। इसमें ऑपरेशन संकल्प नाम दिया गया था। बुधवार को बीजापुर पहुंचे छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम और सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह इस संबंध में मीडिया को विस्तार से जानकारी दी। 

मारे गए 31 में से 17 महिला नक्सली

पुलिस अफसरों ने बताया कि अभियान के दौरान कुल 31 नक्सली मारे गए हैं। इनमें 17 महिला नक्सली भी शामिल हैं। मारे गए इन नक्सलियों पर एक करोड़ 72 लाख का इनाम था। इसमें से 28 की पहचान हो चुकी है।

Naxal operation  सुरक्षाबलों को क्या- क्या मिला

तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ और जंगल में पहली बार उतरी फोर्स ने सर्चिंग के दौरान नक्सलियों के 214 बंकरों के साथ ही चार तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट किया।

इन तनकीकी इकाइयों में हथियार बनाने के लिए लैथ मशीन समेत अन्य उपकरण रखे हुए थे। इस दौरान करीब 450 से ज्यादा आईईडी, करीब 40 हथियार और दो टन से ज्यादा विस्फोटक भी बरामद किया गया है।

हर हाल में हासिल करेंगे लक्ष्य

सीआरपीएफ के डीजी श्री ङ्क्षसह ने कहा कि पूरे देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्में का लक्ष्य रखा गया है, उसे हम हर हाल में हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने आईईडी और बीजीएल से सुरक्षाबलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। अब हमने उसे बनाने के पूरे सिस्टम को ही खत्म कर दिया है।

जहां तक पूरे पहाड़ को घेर कर रखने की बात है लोग पहले वहां मंदिर में पूजा करने के लिए आते थे, जब से नक्सलियों के कैंप बने तब से लोगों ने आना बंद कर दिया। हमारी कोशिश है कि वहां लोगों की आवाजाही फिर से शुरू हो सके। इसके लिए काम किया जा रहा है।

Naxal operation  ऐसे चला पूरा ऑपरेशन

सुरक्षाबलों ने यह ऑपरेशन सीमावर्ती क्षेत्र की बेहद विषम परिस्थितियों में चलाया। वहां पहाड़ों की करीब 280 किलोमीटर लंबी  श्रृंखला जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैली है।

डीजीपी गौतम ने बताया कि पुख्ता इनपुट के आधार पर पूरा ऑपरेशन लांच किया गया था। इसके लिए जवानों को पूरी जानकारी दी गई फिर ऑपरेशन शुरू हुआ। करीब पांच हजार फीट ऊंची पहाड़ पर एक बेस और हेलीपेड भी बनाया गया है।

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