News: रिश्वत में हिस्सा बढ़ाने चपरासी ने कलेक्टर को दिया आवेदन, लिखा..श्रीमान हमको बस…
1 min readNews: न्यूज डेस्क
जिला में सरकारी सिस्टम में कहीं कोई गड़बड़ी हो या किसी को शिकायत हो तो वह जिला प्रशासन के पास जाता है। जिला में पदस्थ सरकारी कर्मचारी भी अपनी शिकायत और समस्या लेकर कलेक्टर (जिलाधिकारी) के पास ही जाते हैं, लेकिन यहां जिस मामले की बात हो रही है वह कोई सामान्य शिकायत नहीं है। यह भ्रष्टाचार में हिस्सा नहीं मिलने की शिकायत है।
जी हां, एक प्यून ने भ्रष्टाचार में कम हिस्सा मिलने की शिकायत जिलाधिकारी से की है। आवेदन मिलते ही जिलाधिकारी ने भी एसडीएम को जांच के लिए मार्क कर दिया। दरअसल रिश्वत वसूलने के बावजूद कम पैसा मिलने से दुखी एक प्यून ने कलेक्टर से लिखित में शिकायत कर दी। इस शिकायत में प्यून ने रिश्वत में हिस्सा बढ़वाने का आग्रह किया है। प्यून यह आवेदन सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। यह सोशल मीडिया वायरल यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
सोशल मीडिया में वायरल हो इस पत्र पर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के जिलाधिकारी कार्यालय का सील भी लगा हुआ है। आवेदन करने वाले ने अपना नाम राजाराम यादव लिखा है। राजाराम ने पत्र में खुद को प्राइवेट चपरासी बताया है। लिखा है कि वह लपरी शाहगंज के नायब तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी है। राजाराम के अनुसार उनके नीचे दो और प्राइवेट चपरासी हैं, जिनका नाम अविनाश यादव और अजीत यादव है।
यह भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ के 24 साल के इतिहास में अब कितने बने डीजीपी, किसकी हुई समय से पहले विदाई
News:पत्र में राजाराम ने बताया कि वो और उसके नीचे के दोनों प्राइवेट चपरासी वकीलों और जनता से घूस का पैसा वसूल करते हैं। उसने यह भी बताया कि घूस का पैसा वसूल करने के लिए वे लोग झगड़ा और मारपीट भी करते हैं। इसके बावजूद मुझे पैसा कम मिलता है। राजाराम के अनुसार सभी प्राइवेट चपरासियों को एक हजार रुपये मिलता है, लेकिन उसे केवल 500 रुपये ही दिया जा रहा है। राजाराम ने कलेक्टर से कहा है कि श्रीमान मेरा पैसा बढवाया जाए।
वायरल पत्र पर जिलाअधिकारी कार्यालय का सील लगा है और इसे नायब तहसीलदार कार्यालय को जांच के लिए मार्क भी किया गया। इस पत्र पर 3 सितंबर और 5 सितंबर की तारीख भी दिख रही है। हालांकि कई लोग इस पत्र को फर्जी भी बता रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया में वायरल इस पत्र पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कोई सरकार के भ्रष्टाचार को कोश रहा है तो कोई इसके लिए पूरे सिस्टम को जिम्मेदार बता रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने इस पत्र की जाचं की है। एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में पत्र को फर्जी बताय है। उनके अनुसार आवेदन में जिस कर्मचारी का नाम लिखा है उस नाम का कोई कर्मचारी है ही नहीं।
News: पढि़ए.. वायरल पत्र
श्रीमान जिलाधिकारी जौनपुर
महोदय
पार्थी राजाराम यादव नायब तहसीलदार लपरी शाहगंज शैलेंद कुमार ससेज का प्राइवेट वपरासी हूं सारा घूस का पैसा हम ही अधिवताओं व जनता से वसूलते हैं मेरे नीचे अविनाश यादव व अजीत यादव है हम लोग सभातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं।
अतः श्रीमान जी सभी पाइवेट चपरासी को ₹1000 पतिदिन मिलता है मुझे ₹500 ही नायब तहसीलदार देते हैं मेरा पैसा बढ़ाया जाए।