Rice Mill  राइस मिल एसोसिएशन के महामंत्री और जिलाध्‍यक्ष का मिल सील, सामने आया भाजपाई मिलर का दर्द..

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Rice Mill  राइस मिल एसोसिएशन के महामंत्री और जिलाध्‍यक्ष का मिल सील, सामने आया भाजपाई मिलर का दर्द..

Rice Mill रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में राइस मिलर्स के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। खाद्य विभाग ने आज आधा दर्जन जिलों में छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री और एक जिलाध्‍यक्ष का मिल सील कर दिया।

Rice Mill इन राइस मिलों में हुई कार्यवाही

सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार रायपुर जिले में आरटी राईस मिल सील कर दिया गया है। यह मिल राइस मिलर्स एसोसिएशन के महामंत्री प्रमोद जैन का है। आरोप है कि आरटी मिल कस्‍टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराने के बावजूद धान का उठाव नहीं कर रहे हैं। इस राइस मिल को सील कर दिया गया है।

रायपुर में ही गौरी राईस मिल को भी सील किया गया है। इस मिल के संचालक  मुकेश अग्रवाल हैं। इसी तरह गरियाबंद में दातान राईस मिल सील किया गया है। यह मिल गफ्फु मेनन की है। मेनन राइस मिलर्स एसोसिएशन के जिलाध्‍यक्ष हैं। इसके साथ ही महासमुंद श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल और मां लक्ष्मी राईस मिल, धमतरी में आकांक्षा राईस मिल और राजनांदगांव में अतुल राईस में खाद्य विभाग ने जांच की है।

Rice Mill  वायरल हो रहा राइस मिलर्स का दर्द

राइस मिलर्स के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अब राइस मिलर्स का दर्द भी सोशल मीडिया में वायरल होने लगा है। एक ऐसा ही मैसेज में राइस मिलसर ने लिखा है कि दुख इस बात का है भैया, पूरे देश में राज करने वाली राजनीति पार्टी जिसके पास एक से एक दिग्गज रणनीतिकार है। इनको कौन सलाह दे कर गुमराह कर रहा है समझ से परे। सीधा रास्ता है मिलर की मांग (जड़) पैसा है। इनका भुगतान करो काम शुरू करो। पता नहीं क्यों ये इस तरह की पद्वति को अपना रहे है। कल का जो दृश्‍य  था हमे वक्तिगत तौर में आहत करता है, जिस पार्टी के हम कट्टर समर्थक और कार्यकर्ता हैं। उसके संगठन के शीर्ष नेतृत्वकर्ता राइस मिलर के जिला अध्यक्ष और सचिव और मिलर से बात कर रहे हैं।

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एक तरफ हमारे लिए गर्व की बात थी की हम हमारे संगठन के नेताओ से घंटो चर्चा में रहे, और घंटो उनके साथ समय बिताए। पर इस बात से मन आहत भी है कि असहयोग आंदोलन का मूल जड़ मिलर की जायज मांग को पूरा करना है, लेकिन  ये तोड़ फोड़ की राजनीति में लगे हुए हैं और इनको ये नेक सलाह कौन दे रह है विचारणीय है। हम हमारी मातृत्व संस्था जिससे हमारा मान सम्मान इज्जत, व्यापार जुड़ा हुआ है, उसमें कैसे छेद कर सकते हैं। संगठन का महत्व और संगठन से अनुसाशनहिनता को देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी समझाती हुई आई है। हमें हमारे प्रदेश संगठन  और राज्य सरकार पर पूरा पूरा विश्वास है समय पर हल जरूर निकलेंगे।  समस्या सुलझेगा और ये गतिरोध समाप्त होगा। राइस मिल एकता जिंदाबाद, प्रदेश संगठन जिंदाबाद।…एक पीड़ित राइस मिलर

Rice Mill  जानिए.. क्‍या है मामला

दरअसल, राइस मिलर्स का करोड़ों रुपय का भुगतान बकाया है। इसी वजह से राइस मिलर्स इस वर्ष कस्‍टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं करा रहे थे, लेकिन सरकार और राइस मिलर्स एसोसिएशन के बीच वार्ता में मांगों पर सहमति बनने के बाद मिलर्स ने पंजीयन कराया और धान का उठाव भी शुरू कर दिया था, लेकिन सरकार ने राइस मिलर्स की केवल दो ही मांग मानी है। इससे नाराज राइस मिलर्स ने 20 दिसंबर तक धान का उठाव नहीं करने का फैसला किया है। इसकी वजह से राइस मिलर्स और सरकार के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है।

Rice Mill  धान खरीदी पर मंडरा रहा संकट

धान का उठाव नहीं होने से धान खरीदी पर संकट खड़ा हो गया है। छत्‍तीसगढ़ में अब तक करीब 50 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है। इसमें से 49 लाख टन धान अब भी खरीदी केंद्रों में रखा है। ऐसे में कई खरीदी केंद्रों में अब धान रखने की जगह नहीं बची है, ऐसे में वहां खरीदी रोकनी पड़ी है। जानकारों के अनुसार एक-दो दिनों में राइस मिलर्स ने धान नहीं उठाया तो पूरे राज्‍य में धान की खरीदी प्रभावित हो सकती है।

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