Sai Cabinet मंत्री बनाने दिल्ली भेजा गया इन 4 विधायकों का नाम, कैबिनेट विस्तार पर CM विष्णुदेव ने कहा..
Sai Cabinet रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में मंत्री की खाली पड़ी दोनो कुर्सी जल्द ही भरे जाने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरा और वहां राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद कैबिनेट विस्तार की अटकले तेज हो गई है। चर्चा है कि प्रदेश की तरफ से मंत्री पद के लिए चार नाम राष्ट्रीय नेतृत्व में भेज दिया गया है। इनमें से जिन दो नामों को हरी झंडी मिलेगी उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया जाएगा।
Sai Cabinet जानिए- वो चार नाम जो मंत्री पद की दौड़ में हैं सबसे आगे
विष्णुदेव साय कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले संभावित चार नामो में तीन पुराने और एक नया चेहरा शामिल है। नए चेहरे के रुप में गजेंद्र यादव का नाम सबसे ऊपर है। यादव दुर्ग शहर सीट से पहली बार विधायक चुने गए हैं। संघ की पृष्ठ भूमि से आते हैं। इस लिहाज से उन्हें संघ की पसंद माना जा रहा है। यादव को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में तर्क यह है कि प्रदेश में यादव समाज की बड़ी आबादी है, लेकिन हेमचंद यादव के बाद कोई भी इस समाज का मंत्री नहीं बना है। यादव को मंत्री बनकार भाजपा बिहार और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में वहां के यादव वोटरों को प्रभावित करने का प्रयास कर सकती है।
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यादव के बाद अजय चंद्राकर का नाम है। चंद्राकर की गिनती तेजतरार्र कुर्मी नेता में होती है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल भी कुर्मी समाज से आते हैं। ऐसे में बघेल के काट के रुप में चंद्राकर को मंत्री बनाए जाने की संभावना ज्यादा है। चंद्राकर के साथ ही पुराने चेहरों में अमर अग्रवाल का नाम भी दिल्ली भेजा गया है। अग्रवाल छत्तीसगढ़ में भाजपा के संस्थापक सदस्य लखीराम अग्रवाल के पुत्र हैं। दिल्ली में भी उनकी अच्छी पकड़ है। चौथ नाम राजेश मूणत का है। मूणत डॉ. रमन सिंह के करीबी होने के साथ अल्प संख्यक समाज से आते हैं।
Sai Cabinet जानिए- कैबिनेट विस्तार के सवाल पर क्या कहा सीएम विष्णुदेव ने
दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मिलकर लौटे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से जब कैबिनेट विस्तार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि थोड़ा और इंतजार कीजिए। इस बीच खबर आ रही है कि इसी महीने कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
जानिए- छत्तीसगढ़ में कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं
बता दें कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार वहां के विधायकों की संख्या के हिसाब से तय होता है। पहले मुख्यमंत्री अपनी मर्जी जो जितने चाहे उतने मंत्री बना सकते थे, लेकिन कानून में संशोधन के बाद विधानसभा के कुल सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। छत्तीगसढ़ विधानसभा में कुल 90 सदस्य हैं। इस हिसाब से यहां कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 13 लोग ही रह सकते हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री के साथ 10 मंत्री यानी छत्तीगसढ़ की कैबिनेट में कुल 11 सदस्य हैं। इस तरह दो पद खाली हैं। इनमें से एक पद पहले से खाली रखा गया था, दूसरा पद बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा की वजह से रिक्त हुआ है।