Saumya Chourasiya: रायपुर। कोयला घोटाला के आरोप में एक साल 9 महीने से जेल में बंद राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर (उप सचिव) सौम्या चौरसिया को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सौम्या की शर्तों के साथ सौम्या को अंतरिम जमातन दे दिया है। सौम्या की जमानत अर्जी पर आज जस्टिस सूर्यकांत दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां ने सुनवाई की।
Saumya Chourasiya: जानिए.. इस आधार पर सौम्या को मिली जमानत
कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव रही सौम्या को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी लंबी हिरासत अवधी को ध्यान में रखते हुए अंतरिम जमानत देने का फैसला किया है। कोर्ट ने कहा कि सौम्या लंबे समय से जेल में बंद हैं और अब तक आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया गया है, ऐसे में उन्हें हिरासत में रखना उचित नहीं है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि इस मामले में कुछ सह- आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
Saumya Chourasiya: जानिए.. किन शर्तों के साथ मिली है सौम्या को जामनत
सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि जमानत के बाद सौम्या हर पेशी में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के लिए मौजूद रहेगी। गवाहों और सबूतों को किसी तरह से प्रभावित नहीं करेगी। सौम्या को अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा। साथ ही देश छोड़ने से पहले ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
कोर्ट ने इस बात पर जताई चिंता
सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीएमएलए के मामलों में आरोप साबित होने की बहुत कम दर पर चिंता जाहिर की। इस दौरान जस्टिस भुइयां ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि आरोप पत्र दाखिल किए बिना किसी व्यक्ति को कितन दिनों तक जेल में रख सकते हैं, जबकि मामले में अधिकतम सजा ही 7 वर्ष की है। जस्टिस दत्ता ने भी बिना ट्रायल के आरोपियों को लंबे समय तक जेल में रखे जाने पर सवाल किया।
Saumya Chourasiya: जानिए.. सौम्या की जमानत का मनीष सिसोदिया कनेक्शन
सौम्या चौरसिया की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने किया। जमातन याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्होंने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी गई जमानत को आधार बनाया। देव ने सिसोदिया को दी गई जमानत के आधार पर चौम्या को भी जमानत देने का आग्रह किया। सरकारी वकील राजू ने जमानत का कड़ा विरोध किया।