राज्यशिक्षा

UPSC में बेटियों ने लहराया परचम, जानिए..छत्‍तीसगढ़ से कुल कितने युवाओं का हुआ चयन  

UPSC  रायपुर। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)  ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। एक बार फिर छत्तीसगढ़ के युवाओं ने देशभर में प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 6 प्रतिभागियों ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है।

छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिला की संस्‍कृति ने 17वीं रैंक हासिल किया है। पूर्वा अग्रवाल ने 65वीं रैंक हासिल की है। मुंगेली के अर्पण चोपड़ा, जगदलपुर की मानसी जैन, अंबिकापुर के केशव गर्ग और शची जयसवाल ने भी यूपीएससी क्रेक किया है। अर्पण ने 313,  मानसी 444, गर्ग 496 और शची ने 654 रैंक हासिल किया है। पिछले साल भी प्रदेश के चार छात्रों का चयन यूपीएससी में हुआ था। जिसमें अनुषा पिल्लई, अभिषेक डेंगे, प्रीतेश सिंह राजपूत और रश्मि पैकरा शामिल हैं।

पूर्वा अग्रवाल ने तीसरे प्रयास में रचा इतिहास

बिलासपुर की पूर्वा अग्रवाल ने अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 65वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य को गर्वित किया है। इससे पहले वर्ष 2023 में पूर्वा को सेवा मिली थी, जिसमें उन्हें 189वीं रैंक प्राप्त हुई थी और छत्तीसगढ़ कैडर मिला था।

पूर्वा ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के दौरान उन्हें सिंगापुर में एक मल्टीनेशनल कंपनी से 30 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी का प्रस्ताव मिला था। इस प्रस्‍ताव को ठुकराकर सिविल सेवा की ओर कदम बढ़ाया ताकि समाज में बदलाव ला सकें।

उनका मानना है कि नौकरी में संतुष्टि ज़रूरी है, न कि केवल पैसे। पूर्वा ने पहले प्रयास में मुख्‍य परीक्षा तक नहीं पहुंच पाई थीं, लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने टाइम मैनेजमेंट और पढ़ाई की रणनीति में बदलाव किया और आज उनके सामने देश की सर्वोच्च सेवाओं के द्वार खुले हैं।

उनके पिता एम.एल. अग्रवाल छत्तीसगढ़ टेक्निकल एजुकेशन विभाग में एडिशनल डायरेक्टर हैं और मां एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए पूर्वा का कहना है कि यदि मन में कुछ करने की ठान लें और सही दिशा में प्रयास करें, तो शतप्रतिशत सफलता मिलती है।

UPSC  मानसी जैन को दूसरे प्रयास में मिली सफलता

जगदलपुर निवासी मानसी जैन ने यूपीएससी में 444वीं रैंक प्राप्त की है। उन्होंने 2014 में आईआईटी धनबाद से एमटेक किया और उसके बाद दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

मानसी ने बताया कि वो पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन उनका अंतिम चयन नहीं हो पाया था। इस बार उन्होंने पूरी तैयारी के साथ परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की।

मानसी के पिता मुकेश जैन शिक्षाकर्मी हैं और जगदलपुर विकासखंड में प्रधान अध्यापक के पद पर पदस्थ हैं। उनके परिवार ने इस सफलता को पूरे जिले के लिए गौरव का क्षण बताया है।

UPSC  शची जायसवाल की मेहनत लाई रंग

अंबिकापुर की ही एक और प्रतिभाशाली छात्रा शची जायसवाल ने 654वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि उनके अथक परिश्रम और समर्पण का नतीजा है। शची की सफलता से अंबिकापुर में खुशी का माहौल है।

केशव गर्ग को मिला 496वां  रैंक

अंबिकापुर के केशव गर्ग ने 496वीं रैंक के साथ यह साबित किया है कि सीमित संसाधन भी बड़ी सफलता में बाधा नहीं बन सकते। नालंदा स्कूल से पढ़ाई कर चुके केशव ने बताया कि यदि रणनीति स्पष्ट हो और लगन सच्ची हो, तो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा भी पार की जा सकती है।

मुंगेली की अर्पण चोपड़ा भी सफल

मुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने 313वीं रैंक प्राप्त की है। अर्पण कांग्रेस पार्षद विनय चोपड़ा के भाई हैं और फिलहाल दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे थे। उनकी मेहनत ने उन्हें देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में सफलता दिलाई।

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