Vishnu Cabinet रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट के विस्तार की चर्चा फिर एक बार तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव आज नई दिल्ली जा रहे हैं। इस दौरान वहां उनकी राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात होनी है। इसे देखते हुए चर्चा है कि साय वहां से कैबिनेट विस्तार फाइनल करके लौटेंगे। वहां मौजूद मंत्रियों के एक साल के प्रदर्शन की भी समीक्षा होने की संभावना होना। हालांकि कि मुख्यमंत्री के नई दिल्ली प्रवास के दौरान वहां उनके कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी अभी नहीं आई है।
पार्टी नेताओं के अनुसार पहले तय हुआ था कि पंचायत और निकाय चुनाव के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा, लेकिन अब दोनों चुनाव टल गया है। निकाय के चुनाव अब अप्रैल- मई में होने की संभावना है। इधर, कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या कम होने का असर कामकाज पर पड़ रहा है। प्रशासनिक कसवाट की दृष्टि से भी कैबिनेट का विस्तार जरुरी है। पार्टी संगठन की तरफ से भी कैबिनेट का विस्तार करने का दबाव है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सदस्य हैं। ऐसे में यहां मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अभी राज्य कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा 10 मंत्री हैं। इस तरह कैबिनेट का कुल आकार 11 लोगों का है। ऐसे में अभी दो और विधायकों को मंत्री बनाए जा सकते हैं। बता दें कि विष्णुदेव कैबिनेट में एक मंत्री का पद पहले से खाली रखा गया था, जबकि दूसरा पद बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे की वजह से खाली हुआ। बता दें कि राज्य कैबिनेट में मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल सांसद चुने जाने के बाद विधायक के साथ मंत्री पद भी छोड़ दिया था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार कैबिनेट के विस्तार से पहले मौजूद मंत्रियों के एक साल के प्रदर्शन की समीक्षा होगी। इसके लिए सरकार के साथ ही पार्टी संगठन ने भी का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। बताया जा रहा है कि इसमें दो मंत्रियों के प्रदर्शन संतोषजनक नहीं माना गया है। हालांकि मंत्रियों को बदले जाने की संभावना बहुत कम है, लेकिन समीक्षा के आधार पर उन्हें भविष्य के लिए आगाह किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट में मंत्री पद की दौड़ में कई नाम है। आधा दर्जन से ज्यादा विधायक दावेदारी कर रहे हैं। इनमें नए विधायक भी शामिल है। लेकिन जिन नामों को लेकर चर्चा है उनमें पहला नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जगदलपुर विधायक किरण सिंहदेव का नाम है। बताया जा रहा है कि सिंहदेव सरकार में शामलि होना चाहते हैं। पार्टी नेताओं का दावा है कि सिंहदेव को कैबिनेट में शामिल करने के लिए ही बस्तर संभाग की वरिष्ठ आदिवासी नेता लता उसेंडी को बस्तर प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बना दिया गया है।
विष्णु कैबिनेट के लिए दुर्ग संभाग से दावेदारी करने वालों में वैशाली नगर सीट से पहली बार विधायक चुने गए रिकेश सेन भी हैं, लेकन उन्हें मंत्री पद मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। दुर्ग संभाग से गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। दुर्ग शहर से विधायक यादव संघ की पृष्ठ भूमि से आते हैं। वहीं, रायपुर शहर से पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ अब नए विधायकों में सुनील सोनी का नाम भी चर्चा में आ गया है। सोनी रायपुर के महापौर और सांसद रह चुके हैं। रायपुर संभाग से अजय चंद्रकार और बिलासपुर संभाग से अमर अग्रवाल का नाम सबसे आगे चल रहा है।
विष्णुदेव कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं। इनमें सबसे ज्यादा सरगुजा संभाग के हैं। मुख्यमंत्री स्वयं सरगुजा संभाग से हैं। इसके अलावा राम विचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल और लक्ष्मी राजवाड़े इसी संभाग की हैं। इनमें दो एसटी और दो ओबीसी हैं। बिलासपुर संभाग के डिप्टी सीएम अरुण साव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन हैं, तीनों ही ओबीसी हैं। रायपुर संभाग से ओबीसी वर्ग के टंकराम वर्मा मंत्री हैं। दुर्ग संभाग से विजय शर्मा, दयाल दास बघेल और बस्तर संभाग से केदार कश्यप मंत्री हैं। शर्मा सामान्य, बघेल एससी और कश्यम एसटी हैं।
संभाग के लिहाज से कैबिनेट में रायपुर और बस्तर संभाग का प्रतिनिधित्व कम है। दोनों संभाग से अभी एक-एक मंत्री है। बाकी तीनों संभाग में सरगुजा से चार, बिलासपुर से तीन और दुर्ग से दो मंत्री है। ऐसे में संभागीय समीकरण के लिहाज से कैबिनेट में खाली पड़ी दो कुर्सियां रायपुर और बस्तर संभाग के हिस्से में जा सकता है।
वहीं, जातिगत समीकरण के लिहाज से कैबिनेट में एसटी और ओबीसी का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। मुख्यमंत्री के अलावा एसटी वर्ग से तीन मंत्री यानी कुल चार लोग शामिल है। ओबीसी वर्ग से भी पांच हैं। सामान्य और एससी वर्ग से केवल एक-एक मंत्री हैं। बताते चलें कि कैबिनेट में एक पद सामान्य वर्ग से मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफ की वजह से खाली हुई है। ऐसे में एक पद सामान्य वर्ग को ही मिलने की पूरी संभावना है।
एससी वर्ग से और मंत्री बनाए जाने की संभावना नहीं है। जानकारों के अनुसार डॉ. रमन सिंह की 15 साल की सरकार में भी इस वर्ग से केवल एक ही मंत्री बनाए जाते थे। इस हिसाब से देखा जाए तो एससी वर्ग को अब मंत्री पद नहीं मिलेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार दो में से एक पद सामान्य वर्ग को जाएगा। दूसरा पद जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए ओबीसी वर्ग को जाएगा।